- पिछली सरकार ने वित्तविहीन शिक्षकों के लिए दो सौ करोड़ के मानदेय की की थी व्यवस्था

- इसके तहत प्रदेश के वित्तविहीन स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को दो सौ रुपए का मानदेय दिया था

- शिक्षक दिवस पर वित्तविहीन शिक्षकों ने सिर मुडवाकर किया प्रदर्शन

- वित्तविहीन शिक्षकों को दिए जाने वाले मानदेय को बंद करने से नाराज है शिक्षक

LUCKNOW :

शिक्षक दिवस के मौके पर राजधानी में माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षकों ने मानदेय की मांग को लेकर न केवल जोरदार प्रदर्शन किया बल्कि हजरतगंज गांधी प्रतिमा पर बाल मुड़वाकर और भीख मांगकर विरोध भी जताया। इन शिक्षकों ने शिक्षक दिवस को भिक्षक दिवस के रूप में मनाया। मौके पर मौजूद पुलिसबल ने इन्हें वहां से हटाने का प्रयास किया लेकिन जब ये नहीं माने तो इन्हें जबरदस्ती उठाकर, खींचकर बसों और गाडि़यों में लाद आलमबाग ईको गार्डन भेजा गया।

मानदेय बंद होने से नाराज

प्रदर्शन कर रहे माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षकों ने बताया कि सरकार ने हमारा मानदेय बंद किया है, जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने योगी सरकार के इस निर्णय को पक्षपातपूर्ण करार दिया। साथ ही कहा कि डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कई धरना-प्रदर्शन व सम्मेलनों में मानदेय दिए जाने का आश्वासन दिया, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया गया। सरकार के इस रवैये पर हमारा विरोध जारी रहेगा।

भीख में मिले पैसे सीएम को भेजेंगे

प्रदर्शन के दौरान मुंडन करा रहीं अटल बिहारी वायपेयी इंटर कॉलेज शाहजहांपुर की प्रिंसिपल रेनू मित्रा ने कहा कि शिक्षक दिवस पर वित्तविहीन शिक्षकों ने लखनऊ की सड़कों पर भिक्षा मांगने के साथ-साथ अपना मुंडन कराया है। इससे जो पैसा एकत्र होगा वह सीएम को दिया जाएगा, जिससे उनकी तंगी दूर हो सके, क्योंकि यह सरकार जुमलेबाजों की सरकार है। इससे पहले की सरकार में हमें एक हजार रुपए मिलते थे। कहा गया था कि बीजेपी की सरकार बनेगी तो वह उनको सम्मान देगी। अब इनकी सरकार है लेकिन ये अपना वादा पूरा नहीं कर रहे हैं। हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन हमें घसीटकर भगाया जा रहा है। यदि इसी तरह चलता रहा तो इस प्रदेश में जीने से क्या फायदा। हम लोग विधानसभा के सामने आत्मदाह कर लेंगे।

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बडे़ आंदोलन की चेतावनी

माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के अध्यक्ष और एमएलसी उमेश द्विवेदी ने सीएम योगी से मांग की है कि वित्त विहीन शिक्षकों को सम्मानजनक मानदेय की व्यवस्था की जाए, अन्यथा प्रदेश भर के शिक्षक बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। फिलहाल सरकार को चाहिए कि वह निर्धारित मानदेय का भुगतान लागू करे। वित्तविहीन शिक्षकों के लिए नियमावली बने। माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के महासचिव अजय सिंह एडवोकेट ने कहा कि सरकार ने मानदेय बंद कर दिया है, जिससे शिक्षकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। योगी सरकार का यह निर्णय पक्षपातपूर्ण है। कार्यकारी अध्यक्ष संजय मिश्रा और महासचिव अशोक राठौर के नेतृत्व में शिक्षकों ने कहा कि माध्यमिक वित्तविहीन स्कूलों के प्रिंसिपल, शिक्षकों, कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन दिया जाए।

Posted By: Inextlive