एलयू ने डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों को प्रोफेसर बनाने की दी अनुमति
- एडेड और राजकीय कॉलेजों के 125 टीचर्स बनेंगे प्रोफेसर
- स्टेट में पहली बार डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों को मिला है प्रोफेसर बनने मौका LUCKNOW : एलयू प्रशासन ने सभी राजकीय व एडेड डिग्री कॉलेजों के सीनियर टीचर्स को प्रोफेसर्स बनाने की प्रक्रिया को अनुमति दे दी है। शासन की ओर से डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों को प्रोफेसर बनाने की अनुमति देने के बाद स्टेट की सभी यूनिवर्सिटी में यह प्रक्रिया शुरू होनी थी। एलयू ने इस संबंध में सभी राजकीय व एडेड कॉलेजों को दिशा निर्देश भेजे हैं। यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों को इस संबंध में जरूरी कदम उठाने के साथ ही उसकी सूचना देने को कहा है। 24 कॉलेजों के 125 शिक्षकों को फायदाएलयू संबद्ध डिग्री कॉलेज शिक्षक संघ लुआक्टा के पूर्व अध्यक्ष व शिक्षक नेता डॉ। मौलेंदु मिश्रा ने बताया कि एलयू से 4 राजकीय व 20 एडेड डिग्री कॉलेज एफिलिडेट हैं। इन कॉलेजों में 2004 से पहले नियुक्त करीब 125 शिक्षकों को अब यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बनने का मौका मिलेगा। ज्ञात हो अभी तक डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों को प्रोफेसर की पदवी नहीं दी जाती थी। डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों और यूनिवर्सिटी के शिक्षकों के बारबर अर्हता रखने के बाद भी प्रोफेसर नहीं कहे जाते थे।
बनानी होगी सेलेक्शन कमेटीप्रो। मौलेंदु मिश्रा ने बताया कि यूनिवर्सिटी से अनुमति मिलने के बाद सभी कॉलेजों को अपने यहां 15 वर्ष से अधिक समय से नियुक्त शिक्षकों को प्रोफेसर पद पर पदोन्नति प्रदान करने के लिए सिलेक्शन कमेटी का गठन करना होगा। जिसके लिए उन्हें यूनिवर्सिटी से अनुमति लेकर एक पैनल बनवाना होगा। जिसमें सभी सीनियर शिक्षकों को शामिल होने का मौका देना होगा।
इनको मिलेगा प्रोफेसर बनने का मौका - जिन शिक्षकों की नियुक्ति 2004 में हुई हो और 15 वर्ष की नौकरी पूरी कर चुके हों। - प्रोफेसर बनने के लिए डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों का पीएचडी होना अनिवार्य है। - 110 एपीआई इंडेक्स जरूरी। - 10 रिसर्च पब्लिकेशन का प्रकाशन पूरी सर्विस के दौरान उसमें से तीन रिसर्च पब्लिकेशन असिस्टेंड प्रोफेसर बनने के बाद का हो शासन की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। कॉलेजों में इसको लेकर प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया है। प्रो। एसपी सिंह, वीसी, एलयू