PATNA: प्रदेश के शिक्षकों की दिलचस्पी प्रशिक्षण में नहीं है। यह बात राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों को भेजे एक पत्र से साबित होती है। पत्र प्रशिक्षण परिषद की संयुक्त निदेशक (प्रशासन) शौकत जहां की ओर से जारी किया गया है।

परिषद की ओर से साी जिलों को ोजे पत्र में कहा गया है कि एनसीईआरटी के निर्देश पर इस वर्ष 19 जनवरी को साी जिलों से उन्मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए शिक्षक शिक्षिकाओं की सूची मांगी गई थी। लेकिन पत्र जारी किए जाने के तकरीबन नौ-दस महीने बीतने के बाद ाी एक शिक्षक तक की सूची परिषद को नहीं भेजी गई। जिस वजह से कई प्रशिक्षण कार्यक्रम में बिहार की सहाभागिता नहीं हो सकी। पत्र में कहा गया है कि एनसीईआरटी के निर्देश पर सांस्कृतिक एवं प्रशिक्षण केंद्र (सेंटर फॉर कल्चरल रिसोर्स एंड ट्रेनिंग) देश ार के शिक्षक-शिक्षिकाओं को भारतीय संस्कृति की विविधता की जानकारी देता है। ताकि प्रशिक्षित होने के बाद संबंधित शिक्षक छात्रों के अंदर संस्कृति की विविधता की समझ और जागरूकता विकसित कर सकें।

बिहार से इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शिक्षकों की भागीदारी नहीं होने की वजह से स्कूलों के छात्र तो अपनी संस्कृति को ठीक प्रकार से समझ नहीं पाते वहीं दूसरी ओर शिक्षकों की वजह से राज्य सरकार की छवि धूमिल होती है। पत्र में एक बार फिर जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों से प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए शिक्षकों की सूची भेजने को कहा गया है। हिदायत दी गई है कि प्रशिक्षण के लिए वैसे शिक्षकों के नाम ही भेजे जाएं जो नियोजित नहीं हो।

Posted By: Inextlive