सीएम से मिलने की आस में सर्किट हाउस के बाहर अभ्यर्थियों ने किया हंगामा

ALLAHABAD: सूबे के परिषदीय स्कूलों में रिक्त पड़े 12,460 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति को लेकर अभी तक असमंजस बरकरार है। विभाग के अधिकारी भी इस बारे में कुछ भी कहने पल्ला झाड़ने में लगे है। जबकि सूबे में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए आवेदन की प्रक्रिया जनवरी में ही पूरी की जा चुकी है। इसी को देखते हुए रविवार को सीएम आदित्यनाथ योगी से मुलाकात की आस लेकर सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी सर्किट हाउस पहुंचे। जहां अभ्यर्थी मिलने की कोशिश करने लगे। लेकिन जब उन्हें मौका नहीं मिला तो अभ्यर्थियों ने सर्किट हाउस के बाहर ही हंगामा शुरू कर दिया।

सीएम को प्रशिक्षुओं ने सौंपा ज्ञापन

बीटीसी टेट प्रशिक्षित शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश की ओर से 12460 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया को गतिमान बनाने की मांग को लेकर सर्किट हाउस पहुंचे अभ्यर्थियों ने सीएम से मुलाकात की। उन्होंने सीएम को गतिमान भर्ती प्रक्रिया पर लगी मौखिक रोक को हटाने की मांग की। उन्होंने बताया कि आवेदन के बाद प्रथम चरण की काउंसलिंग 18 से 20 मार्च के बीच हुई थी। जिसके बाद नियुक्ति पत्र वितरित करना था। लेकिन सूबे में नई सरकार के गठन के बाद 23 मार्च को भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई। प्रदेश भर के बीटीसी व टेट उत्तीर्ण बेरोजगार चार महीने से लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में अनशन पर है। इस दौरान प्रशिक्षुओं ने शीघ्र भर्ती प्रक्रिया को पुन: शुरू कराने की मांग की। सीएम ने प्रतिनिधिमंडल की बात सुनने के बाद शीघ्र ही कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

टीजीटी - पीजीटी अभ्यर्थियों ने रखी मांग

माध्यमिक शिक्षक के पदों पर नियुक्ति के लिए टीजीटी पीजीटी अभ्यर्थी भी अपनी मांगों को लेकर सीएम से मिलने पहुंचे। इस दौरान बड़ी संख्या में अभ्यर्थी हाथों में तख्ती लेकर सीएम से मिलने की कोशिश में लगे रहे। इस दौरान अभ्यर्थियों ने टीजीटी 2011 की परीक्षा का रिजल्ट जारी करने, 2013 टीजीटी -पीजीटी में भर्तियों के लिए नियुक्ति पत्र जारी करने और 2016 की टीजीटी-पीजीटी परीक्षा की तिथि शीघ्र जारी कराने की मांग की।

अनुदेशकों ने सीएम से मिलकर रखी मांग

उच्च प्राथमिक अनुदेशक वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से भी बड़ी संख्या में अनुदेशक भी सीएम से मिलने पहुंचे। इस दौरान प्रतिनिधि मंडल ने सीएम से मुलाकात की और एसोसिएशन की मांगों को रखा। जिसमें स्कूल में 100 कम बच्चें होने की स्थिति में उनकी सेवा समाप्त करने की व्यवस्था, 29 सौ निकाले गए अनुदेशकों को पुन: समायोजित करना समेत अन्य मांगें रखी। उन्होंने सीएम द्वारा मानदेय सात हजार से बढ़ाकर 17 हजार रखने की मांग की। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ की ओर से भी एक प्रतिनिधि मंडल ने सीएम से मुलाकात करके अपनी मांगों को रखा।

Posted By: Inextlive