डीएम ने घोषित कर दिया है अवकाश, बीआरसी से कहा जा रहा किताब-जूते स्कूल मगवाएं

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PRAYAGRAJ: सरकार ने तय किया है कि किताबें हर स्कूल तक पहुंचायी जाएंगी. इसके लिए बजट भी निधारित कर दिया गया है. इसके बाद भी बीआरसी और एबीआरसी किताबें स्कूल पहुंचाने से कन्नी काट रहे हैं. डीएम के आदेश पर स्कूलों को बंद किया जा चुका है. इसके बाद भी बीआरसी और एबीआरसी स्कूलों के टीचर्स को आदेश दे रहे हैं कि किताबें और जूते आदि साधन के साथ आदमी भेजकर स्कूलों में मंगवा लें. न ले जाने पर मई और जून की सैलरी रोक दिये जाने की धमकी दी जा रही है. बेसिक शिक्षा विभाग में चल रहा यह बड़ा खेल बीएसए तक पहुंच गया है. उन्होंने चाका से आयी लिखित शिकायत को संज्ञान लेते हुए खण्ड शिक्षा अधिकारी से जवाब मांग लिया है. बीएसए का कहना है कि जांच में इस तरह की शिकायतें सही पायी जाती हैं तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिखा जायेगा.

चाका में हुई लिखित शिकायत

ऐसा ही कुछ हुआ है बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में किताबों के नि:शुल्क वितरण के मामले में. खंड शिक्षा अधिकारी चाका डॉ. संतोष कुमार यादव ने 31 मार्च रविवार को टीचर्स को सुबह नौ बजे बीआरसी पहुंचकर किताबें लेने का निर्देश दिया. अवकाश का दिन होने के चलते कई टीचर बीआरसी नहीं पहुंच सके. ऐसे में खंड शिक्षा अधिकारी की ओर से नोटिस जारी कर दी गई. इसमें समय से स्कूल नहीं पहुंचने पर स्पष्टीकरण मांगा गया है. इसको लेकर टीचर्स काफी परेशान हैं.

स्कूलों तक किताबें पहुंचाने का था निर्देश

नि:शुल्क किताबों के वितरण के लिए डायरेक्टर बेसिक शिक्षा की तरफ से वाहन की व्यवस्था करने का निर्देश था. इसके लिए बजट भी आवंटित किया गया था. इसके बावजूद खंड शिक्षा अधिकारी की तरफ से टीचर्स को खुद बीआरसी पहुंचकर किताबें लेने का निर्देश दिया गया. टीचर्स का कहना है बीएसए संजय कुमार कुशवाहा की तरफ से कहा गया था कि सभी खंड शिक्षा अधिकारी अपने बीआरसी के अंतर्गत आने वाले स्कूलों तक पहुंचने का रूट चार्ट सहायक वित्त एवं लेखा अधिकारी सर्व शिक्षा के यहां उपलब्ध कराएं ताकि किताबों को स्कूलों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए. लिखित शिकायत हुई तो यह मामला खुल गया. वैसे वर्तमान समय में भी बीआरसी से यह खेल जारी है. डीएम ने भीषण गर्मी के चलते 13 मई से ही समर वेकेशन घोषित कर दिया है. इसके बाद भी इसी दिन तमाम बीआरसी से स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के पास फोन पहुंचा की किताबें और जूते तत्काल स्कूल मंगवा लें नहीं तो मई और जून की सैलरी रोक दी जायेगी. इस के आधार पर प्रधानाध्यापकों ने टीचर्स को अरदब में लेकर फरमान सुना दिया कि बीआरसी जाकर सामान ले आएं.

हमारे पास स्कूलों तक किताबों के पहुंचाने का कोई बजट नहीं है. ऐसे में टीचर्स को निर्देश दिया गया. जो टीचर्स नहीं पहुंचे उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है.

-डॉ. संतोष कुमार यादव

खंड शिक्षा अधिकारी चाका

इस प्रकार का निर्देश गलत है. ऐसा प्रकरण है तो इसकी जांच करायी जाएगी और जो भी दोषी मिलेगा उस पर कार्रवाई की जाएगी.

संजय कुमार कुशवाहा

बीएसए

Posted By: Vijay Pandey