PATNA: सूबे में फर्जी शिक्षकों की शिनाख्त के लिए निगरानी जांच और कार्रवाई चलती रहेगी। यह निर्देश पटना हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और न्यायधीश ए अमानुल्लाह ने सोमवार को रंजीत पंडित और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद दिया। अब इस मसले पर ब् जुलाई को सुनवाई होगी। ब् जुलाई को कोर्ट के आदेश पर विजिलेंस अपनी रिपोर्ट देगी। बता दें कि आई नेक्स्ट ने शिक्षकों के नियुक्ति घोटाले की की खबर (यहां तो गुरू जी ही गड़बड़ हैं) प्रमुखता से प्रकाशित की थी।

कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी एवं न्यायाधीश ए अमानुल्लाह की दो सदस्यीय खंडपीठ को सुनवाई के दौरान विजिलेंस ब्यूरो की ओर से फर्जी शिक्षकों की शिनाख्त के लिए हो रही जांच की प्रगति की जानकारी दी गई। बताया गया कि अब तक क्,भ्8,फ्ब्ख् शिक्षकों की योग्यता संबंधी प्रमाण पत्रों की जांच की गई। उनमें से ख्0क् प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए, जबकि इस सिलसिले में अभी तक 8ब् एफआइआर दर्ज कराए गए हैं।

याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति तीन चरणों में हुई थी। ऐसे शिक्षकों की संख्या तीन लाख थी। अभी भी बड़ी संख्या में प्रमाण पत्रों की जांच नहीं हो पाई है। फर्जी शिक्षकों से वेतन की वसूली होनी चाहिए। उन्होंनें कहा कि रायगढ़ और आसाम जो टीम जांच के लिए गई थी उस रिपोर्ट का क्या हुआ? अब तक कोई रिकवरी नहीं हुई है। कहा कि सरकार जितनी तत्परता से शराबबंदी करवा रही है उतनी तत्परता से फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई नहीं कर रही।

Posted By: Inextlive