आए दिन कमेंट पर छात्रा ने दिखाया था शोहदे व उसके साथियों को चप्पल

भोर में घेरकर उठा ले गए झाड़ी में, रेप में असफल होने पर की हत्या, मां पर भी कातिलाना हमला

सन्नाटे में पब्लिक, किया चक्काजाम, पथराव, आरोपी गिरफ्तार

ALLAHABAD: छात्राओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं और प्रदेश में कानून व्यवस्था की सच्चाई सामने लाने वाली यह रीयल घटना है। वह फ्रेंड के साथ स्कूल से लेकर कोचिंग तक जाती थी। फे्रंड के ब्वॉयफ्रेंड की नजर पड़ी तो वह उससे 'लिफ्ट' पाने की कोशिश में लग गया। 'लिफ्ट' के स्थान पर चप्पल दिखाया गया तो युवक ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर ऐसा बदला लिया कि पूरा इलाहाबाद दलह गया। उसने न सिर्फ छात्रा से रेप की असफल कोशिश के बाद उसका गला रेत दिया बल्कि संयोग से वहां पहुंच गई छात्रा की मां के गले पर भी वार कर दिया। इस घटना से सन्नाटे में आई पब्लिक ने आपा खो दिया और कानपुर हाईवे पर जाम लगा दिया। पथराव करके रोडवेज की एक बस को क्षतिग्रस्त कर दिया। पब्लिक के प्रेशर में पुलिस ने मुख्य आरोपी के भाई को उठा लिया और एक आरोपी को भी देर शाम पकड़ लिया।

भोर में शौच के लिए निकली थी

मामला धूमनगंज थाना क्षेत्र के मुंडेरा का है। कुशवाहा स्वीट हाउस की गली में रहने वाले सुरेश पाल मुंडेरा मंडी में सामान ढुलाई का काम करता है और वहां से फ्री होकर वह विक्रम चलाता है। परिवार में पत्‍‌नी सुनीता पाल के अलावा तीन बेटियां तीन बेटियां नेहा, अंजली व मुस्कान तथा एक बेटा अजय है। 13 वर्षीय मुस्कान एसयू वारसी स्कूल में कक्षा पांच की छात्रा थी। शुक्रवार की भोर में सवा पांच बजे के करीब मुस्कान शौचालय के लिए घर से करीब सौ मीटर दूर स्थित तलाब की तरफ गई थी। परिवार के सभी सदस्य शौच के लिए इसी एरिया में जाते हैं। उस वक्त तक उसके पिता काम पर निकल चुके थे। मुस्कान के घर से निकलने के कुछ ही देर बाद उसकी मां भी शौच के लिए निकली।

योजना बनाकर खड़े थे शोहदे

तालाब वाला एरिया बस्ती से दूर होने की वजह से सुनसान रहता है। इससे चंद कदम पहले रास्ते से थोड़ा हटकर झाडि़यां हैं। इसके बगल में किसी ने अपनी जमीन घेरवाकर एक कमरा भी बनवा रखा है। मुस्कान पर हमला करने वाले यहीं छिपे थे। मुस्कान को अकेले आता देखकर वे अचानक सामने आए और उसे घेरकर झाडि़यों के पीछे मकान में उठा ले गए। यहां उसके साथ उन्होंने रेप की कोशिश की लेकिन मुस्कान ने चीख-चिल्लाकर जबर्दस्त विरोध दर्ज कराया तो वे अपने मकसद में सफल नहीं हो सके। इसके बाद उन्होंने उसका गला दबाने की कोशिश की। इसमें भी सफलता हाथ न लगने पर उन्होंने तेज धार चाकू निकाला और मुस्कान का गला देत दिया।

चीख सुनकर बचाने दौड़ी मां

संयोग से इसी दौरान मुस्कान की मां भी उस एरिया में पहुंच गई। उसने चीख सुनी तो सन्नाटे में आ गई। बेटी के खतरे में होने की आशंका होने पर वह खुद झाडि़यों से होते हुए स्पॉट तक पहुंच गई। उसे देखकर हत्यारे भागने लगे तो मां ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की। इस चक्कर में उन्होंने सुनीता के गले पर भी चाकू से वार कर दिया। इसके बाद वे धमकाते हुए भाग निकले। बुरी तरह से जख्मी होने के बाद भी मां ने बेटी को गोद में उठाया और घर पहुंची। उसकी चीख सुनकर आसपास के लोग जुट गए और उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस के पहुंचने से पहले ही मुस्कान दुनिया को अलविदा कह चुकी थी। सुनीता को पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल भेजवाया। इसके बाद घर में रोना पीटना शुरू हो गया। बड़ी बहन नेहा ने रोते-रोते पूरी कहानी बयां कर दी। हत्यारों का सुराग दिया और उन्हें पकड़ा कैसे जा सकता है, इसका रास्ता भी बताया।

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आए दिन करता था छेड़छाड़

नेहा ने बताया कि मुंडेरा मंडी के पीछे के हिस्से में रहने वाली शिखा भी मुस्कान के साथ ही पढ़ती थी। दोनों कोचिंग भी साथ ही जाती थीं। शिखा की अपने पड़ोसी मृदुल से अच्छी दोस्ती थी। दोनों अक्सर बात करते थे। नेहा के अनुसार पिछले कुछ दिनों ने मृदुल उसकी बहन को देखकर कमेंट पास करता था। उसका पीछा किया करता था। एक दिन उसने मुस्कान का रास्ता रोकने की कोशिश की तो उसने घर आकर इसकी जानकारी दी। इस पर उसने खुद मुस्कार को सजेस्ट किया था कि वह छेड़छाड़ करने वालों को चप्पल दिखा दे और जरूरत पड़े तो उन्हें चप्पल से मारे भी। अगले दिन फिर से मृदुल ने यह हरकत की तो मुस्कान ने उसे चप्पल दिखा दिया। शायद उसने चप्पल जड़ा भी था। यह बताते हुए नेहा पूरी तरह से श्योर नहीं थी। यह कहते हुए उसने खुद को कोसना शुरू किया तो वहां मौजूद लोगों की आखें नम हो उठीं। पुलिस के पहुंचने पर पब्लिक ने आरोपियों की गिरफ्तार की मांग की। इसके बाद पब्लिक सड़क पर आ गई और कानपुर हाईवे जाम कर दिया। पुलिस ने इसके बाद आरोपी के भाई

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कैसे यूज करें सुलभ शौचालय

घटना के विरोध में चक्का जाम करने वाली पब्लिक में सिस्टम को लेकर बेहद गुस्सा था। यहां पब्लिक की प्राब्लम्स को देखते हुए सार्वजनिक सुलभ शौचालय तो बनवा दिया गया लेकिन, इसका ट्रीटमेंट प्राइवेट जैसा है। कहने को यहां पर टाइम दो रुपए पब्लिक को देने हैं जबकि टॉयलेट जाना फ्री है। इसके उलट सच यह है कि शौचालय के कर्मचारी पर टाइम पांच रूपए वसूलते हैं। आठ सदस्यों के परिवार के लिए हर दिन चालीस रुपए का भुगतान बेहद महंगा सौदा है, इसीलिए वह शौचालय के बजाय तालाब के किनारे शौच आदि के लिए जाना पसंद करते थे। पब्लिक इस पर एतराज जता चुकी थी लेकिन किसी ने नहीं सुना। पब्लिक का गुस्सा भी इसी बात पर था कि शौचालय का रेट दुरुस्त होता तो उन्हें अपनी बेटी न गंवानी पड़ती।

हत्यारोपी मृदुल को घटना के कुछ देर बाद ही क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया है। हत्या के पीछे वजह छेड़खानी का विरोध बताया जा रहा है। इसमें कितनी सच्चाई है जांच के बाद ही पता चलेगा।

-बचन सिंह सिरोही,

इंस्पेक्टर

Posted By: Inextlive