तेलंगाना पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद आंध्र प्रदेश में विरोध तेज होता जा रहा है. वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख जगनमोहन रेड्डी का बेमियादी अनशन चौथे दिन भी जारी है.


आंध्र के कई शहरों में प्रदर्शन और हिंसा की खबरें हैं.  सीमांध्रा में 13 जिलों के बिजली कर्मचारियों हड़ताल पर चले गए हैं. हड़ताल के कारण इन 13 जिलों अंधरे छा गया है.कुछ ट्रेनें रद्द कर दी गईं और कई विलंब से चल रही हैं.जगन रेड्डी हैदराबाद में शनिवार से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हैं. उनके समर्थक गुस्से में हैं.हिंसा और जामआंध्र के कई जिलों में हिंसा, आगजनी और प्रदर्शन की खबरें हैं. विजयवाड़ा में  प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई. विजयनगरम में शनिवार से कर्फ्यू लगा है.कर्फ्यू के बावजूद वहां लोग सड़कों पर उतरे. उन्होंने पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी की. इन घटनाओं कई पुलिसकर्मी और प्रदर्शऩकारी घायल हुए हैं.


इस इलाके के सात में छह पॉवर प्लांट बंद हैं, इसने दक्षिणी ग्रिड के ठप होने का खतरा भी पैदा कर दिया. हैदराबाद में भी सुबह से बिजली नहीं है.वहीं टीडीपी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार से दिल्ली में  अनशन पर बैठने की घोषणा की है.नायडू ने भी राज्य के बंटवारे को भेदभावपूर्ण बताया है. उनका आरोप है कि राज्य का विभाजन करके कांग्रेस राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है.विभाजन

आंध्र प्रदेश से पृथक  तेलंगाना राज्य के गठन के लिए 3 अक्टुबर को कैबिनेट ने मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) के गठन को मंजूरी दे दी थी.विभाजन प्रस्ताव के अनुसार आंध्र प्रदेश के वर्तमान 23 जिलों में से 10 जिले तेलंगाना का हिस्सा होंगे.कैबिनेट के प्रस्ताव के अनुसार आंध्र प्रदेश का प्रमुख वाणिज्यिक शहर और राजधानी हैदराबाद 10 सालों तक तेलंगाना और सीमांध्र की संयुक्त राजधानी होगी.उसके बाद यह तेलंगाना का हिस्सा होगी.

Posted By: Subhesh Sharma