- गर्म-सर्द मौसम में बीमार हो रहे गोरखपुराइट्स

- हार्ट, गठिया और दमा पेशेंट्स के लिए खतरनाक है ये मौसम

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : त्योहारों के बाद बदलता मौसम बीमारियां लेकर आ रहा है। जरा सी चूक और आप बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। दिवाली खत्म होने के साथ ही इसकी शुरूआत भी हो गई है। हर दिन मेडिकल कॉलेज और डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के अलावा डॉक्टरों के पास हजारों की संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस मौसम में जरा की लापरवाही बीमार बना सकती है। थोड़ी सी सावधानी आपको बीमार होने से बचा सकती हैं। यह मौसम खास तौर पर हार्ट, गठिया और दमा रोगियों के लिए परेशानी बढ़ाने वाला है।

टेंप्रेचर में उतार चढ़ाव है खतरनाक

इस मौसम में सुबह और शाम के वक्त टेंप्रेचर काफी कम रहता है, जबकि दिन में ठीक धूप हो जाती है। टेंप्रेचर में उतार-चढ़ाव के चलते अक्सर लोग कंप्यूज हो जाते हैं। लापरवाही के चलते बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक तीन स्टेज में पेशेंट को बीमारी जकड़ती है।

क्या हैं शुरुआती लक्षण?

स्टेज सिम्पटम्स

प्राइमरी स्टेज तेज बुखार, खासी, जुकाम, नाक और आंख में जलन और जोड़ों में दर्द

सेकेंडरी स्टेज पेट दर्द, उल्टी, दस्त और कांस्टेंट खासी और ड्राई कफ

थर्ड स्टेज प्लेटलेट्स कम होना, खून आने के साथ हड्डियों में दर्द बढ़ना

इनके लिए ज्यादा खतरनाक

बदलते मौसम में लापरवाही बरतने पर कोई भी बीमारी की चपेट में आ सकता है, लेकिन खासतौर पर हार्ट पेशेंट, गठिया रोग और दमा के मरीजों के लिए इस मौसम में खतरा बढ़ जाता है। सबसे ज्यादा हार्ट अटैक और दमा का अटैक इसी मौसम में आते हैं। हवा में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने और आ‌र्द्रता में उतार-चढ़ाव इसका मेन कारण है।

बरतें सावधानी

- रात में पूरे कपड़े पहन कर सोएं। पंखा चलाने से बचें।

- सोने से पहले पानी पिएं ताकि बॉडी का टेंप्रेचर मेंटेन रहे।

- गरिष्ठ भोजन से बचें।

- हार्ट पेशेंट, गठिया और दमा रोगियों को तकलीफ बढ़ने पर तत्काल इलाज मुहैया कराएं।

सीजन में बदलाव के चलते वायरस इंफेक्शन बढ़ जाता है। खास तौर पर बच्चों पर इस मौसम में ध्यान देने की जरूरत है। सर्दी जुकाम से पीडि़त मेंबर्स से बच्चों को दूर रखें। साफ सफाई का भी विशेष ध्यान रखें ताकि इंफेक्शन से बचा जा सके।

डॉ। अनूप जालान, चाइल्ड स्पेशलिस्ट

बदलते मौसम के चलते कांस्टेंट खासी और बुखार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसके अलावा टेम्प्रेचर चेंज होने से हार्ट पेशेंट, गठिया और दमा मरीजों के लिए भी तकलीफ बढ़ जाती है।

डॉ। एसके श्रीवास्तव, फिजिशियन

Posted By: Inextlive