टेम्पो यूनियन का चक्का जाम गांधी प्रतिमा पर धरना-प्रदर्शन बस-रिक्शा और तांगे वालों ने वसूला मनमाना किराया. परेशानियों के बावजूद पब्लिक को राहत कहा- जाम रहे टेम्पो का चक्का


    ‘नो टेम्पो जोन’ के विरोध में टेम्पो यूनियन का चक्का जाम कानपुराइट्स के लिए दिक्कतों से ज्यादा राहत और सुकून का सबब बनकर सामने आया है। एक ओर जहां लोगों को बस, ऑटो और रिक्शे के इंतजार में घंटों धूप में खड़े रहना पड़ा। वहीं दूसरी तरफ दूसरे वाहन चालकों को टेम्पो की वजह से होने वाले ट्रैफिक जाम और रैश ड्राइविंग का सामना नहीं करना पड़ा। इतना ही नहीं पैदल चलने वालों को भी काफी राहत मिली। दिक्कतों के बावजूद शहरवासियों का कहना है कि हम पैदल चल लेंगे बैलगाड़ी पर सवारी कर लेंगे बस के लिए इंतजार कर लेंगे पर टेम्पो वाले भइया, तुम हड़ताल पर ही रहो। कम से कम शहर की ट्रैफिक व्यवस्था और जनता की जान की हिफाजत तो होगी। फूलबाग पर धरना 


गोल चौराहे से माल रोड पनचक्की चौराहे तक ‘नो टेम्पो जोन’ किए जाने के विरोध में थर्सडे को टेम्पो यूनियन ने चक्का जाम कर दिया। सुबह से ही ड्राइवरों ने अपने-अपने टेम्पो खड़े कर दिए और फूलबाग गांधी प्रतिमा पर धरने पर बैठ गए। टेम्पो यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि ‘नो टेम्पो जोन’ का कॉनसेप्ट धीरे-धीरे पूरे शहर में लागू कर दिया जाएगा। इससे वो सब सडक़ पर आ जाएंगे। उनके परिवार वाले भूखे मरेंगे। अगर पुलिस-प्रशासन उन्हें बेरोजगार कर रहा है तो उनके रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था भी की जानी चाहिए। यूनियन में दो फाड़ भले ही टेम्पो यूनियन चक्का जाम के समर्थन की बात कह रहे हों, लेकिन हकीकत यही है कि यूनियन में ही दो फाड़ हो गए। कुछ यूनियन इसका सपोर्ट कर रहे थे तो वहीं कई इसके विरोध में रहे। थर्सडे को कुछ ऐसा ही नजारा दिखा। चक्का जाम के बावजूद कई रूट्स पर टेम्पो चलते रहे। परेड, जरीब चौकी रूट्स पर टेंपो ड्राइवर्स ने सवारियां भरीं। जरीब चौकी पर विरोधी गुट के टेम्पो चालकों में मारपीट की खबरें भी आईं। घंटो किया इंतजार टेम्पो का चक्का जाम होने की वजह से डेली कम्यूटर्स को प्रॉब्लम का सामना करना पड़ा। ‘नो टेम्पो जोन’ वाले रूट पर बसों की संख्या कम होने के कारण पैसेंजर्स को घंटो इंतजार करना पड़ा। इस कारण परेड, बड़े चौराहे, रावतपुर क्रॉसिंग, चुन्नीगंज आदि चौराहों पर पैसेंजर्स की जबरदस्त भीड़ देखने को मिली। कुछ रूट्स पर चल रही बसें भी खचाखच भरी रहीं। पैसेंजर्स को दरवाजे पर लटक कर सफर करना पड़ा। पैसेंजर्स का कहना था कि टेम्पो चलने से प्रॉब्लम तो हुई पर उनकी अराजकता से राहत जरूर मिली। देना पड़ा मनमाना किराया

टेम्पो की हड़ताल का फायदा दूसरे कॉमर्शियल वेहिकल्स वालों ने जमकर उठाया। रिक्शे, ऑटो और बस वालों ने सवारियों से मनमाना किराया वसूला। बीटेक की तैयारी कर रहे फारुखी याशिर ने बताया कि रावतपुर से बड़े चौराहे तक 8 रुपये किराया लगता है लेकिन बस कंडक्टर ने उससे 10 रुपये लिए और बड़े चौराहे की बजाए परेड चौराहे पर ही उतार दिया। उधर मुदस्सिर ने बताया कि रिक्शा वाले भी मनमाने रुपये वसूल रहे हैैं। परेड से काकादेव जाने के लिए 70-80 रुपये मांग रहे हैं। न ट्रैफिक जाम, न रैश ड्राइविंग

टेम्पो नहीं चलने से गुरुवार को अन्य वाहन चालकों ने भी राहत की सांस ली। ना तो उन्हें कहीं ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ा और ना ही टेम्पो वालों की रैश ड्राइविंग की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अच्छी बात यह रही कि इन रूट्स पर टेम्पो की वजह से एक्सीडेंट्स भी नहीं हुए। ज्यादातर शहरवासियों का यही कहना और मानना है कि टेम्पो नहीं चलने से दिक्कतें जरूर आईं, लेकिन लॉन्ग टर्म में यह शहर और शहरवासियों के लिए फायदेमंद रहेगा। लोगों का तो यहां तक कहना है कि वो बस, ऑटो और रिक्शे के लिए इंतजार कर लेंगे। मगर, शहर में टेम्पो का परिचालन पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए। Public speakबस कंडक्टर मनमाना किराया वसूल रहे हैैं। इनके लिए तो अच्छा मौैका है अपनी मनमानी करने के लिए। मजबूरन ज्यादा किराया देकर सफर करना पड़ रहा है।प्रकाश मिश्रा, प्राइवेट इम्प्लॉईटेम्पो की स्ट्राइक होने पर प्रशासन को पब्लिक कन्वेंशन मुस्तैद करना चाहिए था। घंटो इंतजार के  बाद बस मिल रही है।ïकलावती, हाउस वाइफमुझे नवाबगंज जाना है और मैैं लगभग एक घंटे से बस का इंतजार कर रही हूं। दो बसें आईं लेकिन उनमें खड़े होने की भी जगह नहीं थी।मंजू देवी, हाउस वाइफबस कंडक्टर ज्यादा किराया वसूल रहे हैैं। रिक्शे वाले भी ज्यादा रुपये ले रहे हैैं। सबके भाव सातवें आसमान पर हैैं।फारुखी याशिर, स्टूडेंटबसों के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। पहले नौ नं गुमटी में आधे घंटे वेट किया फिर बड़े चौराहे पर एक घंटा और परेड पर आधा घंटे वेट करने के बाद घर पहुंच पाया।मुदस्सिर, स्टूडेंटटेम्पो बंद हो जाएं ये तो अच्छा है लेकिन बसें तो चलें। वो भी तो नहीं चल रही हैं। बसों का तो हाल बेहाल है। मो। वसीम, बिजनेसमैन

Posted By: Inextlive