- सड़कों पर बेखौफ घूम रहे हैं मौत के रूप में कुत्ते

- कलेक्ट्रेट हो या जिला अस्पताल, हर जगह कुत्तों का आतंक

- नगर निगम के पास कुत्तों को पकड़ने इंतजाम नहीं

- कुत्ते के काटने पर कभी भी हो सकता है रेबीज

Meerut : सिटी में कुत्तों का आतंक इतना फैल गया है कि लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। पिछले दो दिनों में हुए हादसों से लोगों में खौफ भी ज्यादा फैल गया है। कुत्तों का राज यत्र, तत्र, सर्वत्र फैल गया है। जिला अस्पताल, मेडिकल, कलेक्ट्रेट, नगर निगम सभी पब्लिक ऑफिसों और जहां पब्लिक का आना जाना है, वहां कुत्ते बेखौफ घूम रहे हैं। आलम ये है कि पिछले एक साल में करीब डेढ़ लाख रेबीज के इंजेक्शंस की खपत हो चुकी है। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कुत्तों का आतंक कितना फैल गया है।

पूरे शहर में है आतंक

सिटी में आवारा कुत्तों का कोई रिकॉर्ड नहीं है। इसकी जिम्मेदारी नगर निगम के इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट के पास थी, लेकिन इस मामले वो खाली हाथ है। अगर बात दिल्ली रोड की करें तो मेहताब चौराहे पर कुत्तों की अच्छी खासी संख्या आपको दिख जाएगी। खासकर रात को यहां पर लोग लोगों वहां से गुजरने तक नहीं देते हैं। ऐसा ही कुछ हाल जली कोठी और सोती गंज का है। वहां भी कुत्तों की अच्छी खासी संख्या है।

मीना बाजार नहीं डॉग रोड कहिए

अगर बात घंटाघर और टाउन हॉल की बात करें तो उसे कुत्तों वाली गली कहना ठीक होगा। इतनी भीड़ भाड़ वाले इलाके में भी कुत्तों का जमावड़ा काफी संख्या में है। वहीं ताज्जुब की बात तो ये नगर निगम का ऑफिस भी है, जिसके कैंपस को कुत्तों ने अपना कैंपस बना डाला है। कई बार तो नगर निगम में अपना काम कराने वाले लोगों को काटने के लिए दौड़ पड़ते हैं। वहीं मेडिकल, जिला अस्पताल और कलेक्ट्रेट में भी कुत्तों की पूरी फौज मौजूद है, जिनपर काबू पाने में प्रशासन पूरी तरह से नाकामयाब साबित हो रहा है।

सभी उम्र के लोग हो रहे शिकार

कुत्तों के शिकार सिर्फ बच्चे ही नहीं बल्कि बड़े और बुजुर्गो को भी अपना शिकार बनाया है। नौचंदी निवासी अक्षय वेस्ट एंड रोड स्थित स्कूल में पढ़ते हैं। उन्होंने बताया कि मैं स्कूल के लिए स्कूटी से वाया मेहताब से जाता था, लेकिन करीब छह महीने पहले मुझे वहां पर कुत्ते काट लिया। तब से मैंने वहां से अपना रास्ता ही बदल लिया। कुत्ते इतने खतरनाक तरीके से पांव को काटा था कि पांव का मांस भी थोड़ा सा निकल गया था।

हर दिन में ब्00 से अधिक इंजेक्शन

आंकड़ों की बात करें तो सिटी में डेली ब्00 से अधिक कुत्ते के काटने के बाद लगने वाले रेबीज के इंजेक्शन की खपत हो जाती है। जिला अस्पताल में रोज औसतन क्00 इंजेक्शन लग रहे हैं। वहीं मेडिकल में इनकी संख्या करीब 70 है। अगर बात प्राइवेट की बात करें तो डेली ख्भ्0 इंजेक्शन डेली लगाए जा रहे हैं। अगर तीनों को मिलाकर आंकड़ा निकाला जाए तो क्.भ्क् लाख रेबीज के इंजेक्शन साल भर में लगाए जा रहे हैं।

ख्0 साल बाद भी हो सकता है रेबीज

रेबीज से रोकथाम का एकमात्र उपाय रेबीज क ा टीका ही है। हालांकि डॉक्टरों क ा भी यह कहना है कि टीका सिर्फ रेबीज से बचाव कर सकता है, रेबीज नहीं होगा इस बात की गारंटी नहीं देता। यह भी ध्यान देने वाली बात है कि जानवर के काटने के बाद रेबीज होने की आशंका ख्0 साल बाद तक बनी रहती है। मेडिकल जगत में ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें कुत्ते के काटने के ख्0-ख्ख् साल बाद मरीज को रेबीज हुआ।

निगम के पास कोई संसाधन नहीं

जब कुत्तों के आतंक के बारे में नगर निगम के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने इस मामले अपने हाथ खड़े कर दिए। नगरायुक्त ने कहा कि पांच साल पहले ही डॉग्स को पकड़ने की टीम को समाप्त कर दिया गया था। अब हमारे पास कुत्तों को पकड़ने का कोई संसाधन नहीं है। वैसे भी कुत्ते सोसायटी के लोगों के साथ ही रहते हैं। कुत्ते लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। वैसे भी इस तरह की घटनाएं काफी कम होती है।

यह करें अगर कुत्ता काट ले

- सबसे पहले घाव को कपड़े धोने के साबुन से अच्छी तरह धो लें। ध्यान रखें कि घाव को साबुन से धोने से पहले अपने हाथों को रबड़ के दस्तानों से अच्छी तरह कवर कर लें। रबड़ के दस्ताने उपलब्ध न हों तो पॉलीथिन की थैलियों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।

- तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। कुत्ता काटने पर लगने वाले एंटी रेबीज इंजेक्शन जिला और मेडिकल अस्पताल में मुफ्त लगाए जाते हैं। ध्यान रखें कि एंटी रेबीज इंजेक्शन का पूरा कोर्स लेना अनिवार्य होता है। मरीज को कितने इंजेक्शन लगेंगे, यह डॉक्टर ही तय कर सकते हैं। खुद डॉक्टर बनने की कोशिश न करें।

- घाव को धूल और गंदगी से दूर रखें।

पांच साल पहले मेनका गांधी की सोसायटी ने डॉग टीम को समाप्त करा दिया था। उसके बाद से कुत्तों को पकड़ने की टीम को दूसरे डिपार्टमेंट में लगा दिया गया। वैसे भी सिटी में काफी कम घटनाएं सुनने में आती है।

- अब्दुल समद, नगरायुक्त

सिटी में इन दिनों कुत्तों के काटने के केस ज्यादा आ रहे हैं। इस बारे में नगर निगम और जिला प्रशासन को सोचना चाहिए। क्योंकि कुत्तों के कारण जिले में रेबीज की बीमारी भी फैल सकती है।

- डॉ। अजीत सिंह, सीएमओ, मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive