Meerut : मुजफ्फरनगर में कत्लेआम मेरठ में खौफ का कब्जा. वो दिन कोई भी नहीं भूला है. अब गंगा स्नान निशाने पर है. साथ में सरधना का चर्च महोत्सव और न्यू ईयर सेलब्रेशन को भी टारगेट किया जा सकता है. जी हां आप यकीन करें या न करें गृह मंत्रालय को भेजी गई खुफिया विभाग की रिपोर्ट का सारांश यही है.


वेस्ट यूपी पर मंडरा रहा आतंकी खतरावेस्ट यूपी में आतंकी खतरा मंडरा रहा है। खुफिया विभाग इसको लेकर जानकारी जुटाने में लगा है। बिहार में बम धमाके और जिंदा बम मिलने के बाद अब वेस्ट की बारी है। साथ ही मुजफ्फरनगर मामले को लेकर भी यह आशंका जताई जा रही है। शरणार्थियों के आईएसआई कनेक्शन की बात कांग्रेस के बड़े नेता पहले ही कह चुके हैं।यहां है खतराखुफिया विभाग की मानें तो गंगा स्नान में लाखों की तादाद रहती है। लोग कई दिनों पहले जाकर अपना डेरा डाल लेते हैं। यहां सुरक्षा व्यवस्था भी एक बड़ा काम है। इनमें गढ़ गंगा स्नान सबसे अधिक प्रसिद्ध है।चर्च महोत्सव भी निशाने पर


नवंबर में सरधना एरिया में चर्च महोत्सव बड़े स्तर पर होता है। जहां हजारों की संख्या में लोग आते हैं। हर बार यह महोत्सव आसानी से निपट जाता है। मगर इस बार यहां सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। खुफिया विभाग और पुलिस प्रशासन जांच पड़ताल में जुटे हैं। इस ऐतिहासिक चर्च में नवंबर के दूसरे रविवार को कृपाओं की माता के महोत्सव में लाखों की संख्या में लोग पहुंचते हैं। आईएसआई कनेक्शन

इस बार नए साल को होने वाले कार्यक्रमों में भी आतंकी साया मंडरा रहा है। इसके चलते हर त्योहार को लोग बड़े ही सूझ-बूझ के साथ मनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण मुजफ्फरनगर में हुए कांड और बिहार में होने वाले बम धमाकों के मद्देनजर देखा जा रहा है। शुरू से रहा है नातामुजफ्फरनगर से आईएसआई एजेंट का पुराना नाता रहा है। जहां कैराना का रहने वाला इकबाल काना आज तक बाहर है। इसके कई रिश्तेदार पहले भी पकड़े जा चुके हैं, जिनके जरिए यह नकली नोट और हथियारों की सप्लाई करता आया है। वेस्ट में देखा जाए तो मेरठ से भी कई आईएसआई एजेंट का गठजोड़ रहा है। जिनमें पीएसी कैंप पर बम फेंकने वाला लिसाड़ी गेट का सलीम उर्फ पतला आजतक फरार है। नौचंदी एरिया में हुए इस बमकांड के कई आरोपी अभी पुलिस के हत्थे भी नहीं चढ़ पाए हैं। यहां आए हैं लोग

मुजफ्फरनगर में दंगे के बाद काफी संख्या में लोग भागकर लावड़, दौराला, सरधना और लिसाड़ी गेट एरिया में आए हैं। इसकी जांच पड़ताल खुफिया विभाग ने पहले भी की थी। ताकि ये कोई बड़ी वारदात न कर सकें। मगर खुफिया विभाग ने यह भी आशंका जताई थी कि इनका नाता आईएसआई और आतंकी संगठनों से हो सकता है। बिहार के बाद अब वेस्ट यूपी टारगेट पर है। यहां भी मेरठ और आसपास के जिलों में आईएसआई एजेंट के ठिकानों की बात सामने आई है। ये इलाके इनके लिए काफी मुफीद साबित हो रहे हैं।हर साल सैकड़ों का आवागमनवेस्ट में एलआईयू की पाकिस्तानी वीजा विभाग की बात करें तो हर साल एक हजार से अधिक पाकिस्तानी वेस्ट यूपी में अपनों से मिलने आते हैं। इतने ही लोग इंडिया से पाकिस्तान जाते हैं। यही नहीं कुछ ऐसे पाकिस्तानी हैं जो नेपाल के जरिए अवैध रूप से इंडिया में एंट्री करते हैं। खतरनाक से खतरनाक आतंकी वेस्ट यूपी को ही अपनी शरणगाह बनाता है। यहां रहकर वह अपनी गतिविधियों को चलाता है। और फिर यहीं से अंजाम भी देता है। तैयार होते हैं एजेंट
पाकिस्तान से यहां आने वाले कुछ लोग आईएसआई एजेंट होते हैं। जो यहां आकर कुछ लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लेते हैं। ये इनको लालच देते हैं। फिर इनको पाकिस्तान ले जाकर अपनी चाल में फंसाते हैं। इंडियन जब पाकिस्तान से वापस लौटते हैं तो आईएसआई के लिए काम करने लगते हैं। वेस्ट यूपी में जो एजेंट बनते हैं वे ही असली एजेंट को पनाह भी देते हैं। पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई इनको बिना किसी जानकारी के भी पैसा भेजती है। जिससे यह उन पर निर्भर हो जाते हैं।

Posted By: Inextlive