चाइल्ड केयर बिशप कोनराड स्कूल पर बच्चों को श्रीलंका के चर्च में हुए हमले का वीडियो दिखाने का आरोप

- पेरेंट्स का आरोप, वीडियो दिखाने के बाद ईसाई धर्म के अनुसार प्रार्थना सभा और शांति पाठ कराया, बच्चों को बहकाया भी

- पुलवामा हमले पर कोई प्रार्थना सभा न करने का सवाल उठाने पर एक स्टूडेंट को पीटने का टीचर्स पर लगा आरोप

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बरेली

बिशप कोनराड स्कूल पर धर्म परिवर्तन कराने के लिए बच्चों को फेल करने के आरोप पर विवाद अभी थमा भी नहीं था कि स्कूल की हरूनगला स्थित दूसरी ब्रांच एक नए विवाद में फंस गई है. पेंरेंट्स का आरोप है कि चाइल्ड केयर बिशप कोनराड स्कूल में सैटरडे को तीसरी से दसवीं तक के बच्चों को श्रीलंका में हुए आतंकी हमले का वीडियो दिखाया गया. इससे बच्चे दहशत में हैं. घर में बार-बार वीडियों में दिखाए गए दृश्यों की चर्चा कर सहम जा रहे हैं. पेरेंट्स का यह भी आरोप लगाया कि वीडियो दिखाने के बाद बच्चों को ईसाई धर्म के रीति रिवाज के मुताबिक शांति पाठ कराकर बहकाया जा रहा है. एक पेरेंट के मुताबिक, वीडियो दिखाने के दौरान जब उनके बच्चे ने पुलवामा हमले पर संवेदना व्यक्त न करने की बात कही तो उसकी पिटाई की गई.

बड़ी स्क्रीन पर दिखाया गया वीडियो

पेरेंट्स के मुताबिक बच्चों ने घर आकर बताया कि सैटरडे को प्रेयर के बाद क्लास थर्ड से क्लास 10 तक के स्टूडेंट्स को असेंबली में ही रोक लिया गया. बाकी बच्चों को क्लास में भेज दिया गया. इसके बाद इन बच्चों को प्रोजेक्टर पर यह वीडियो दिखाया गया. हैवी साउंड होने की वजह से चीखने- चिल्लाने की आवाजें जोर-जोर से आ रही थीं. यह देख वहां मौजूद टीचर्स रोने लगे. उन्हें देख बच्चों के भी आंसू आ गए. बाद में टीचर्स ने बच्चों को ईसाई धर्म के रीति रिवाजों के मुताबिक शांति पाठ कराया और उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित भी किया.

क्या देखा वीडियों में

जब पेरेंट्स ने बच्चों से उस वीडियो के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वीडियों में सबसे पहले एक आदमी बैग टांगकर चर्च की ओर आता है. फिर वह चर्च में घुस जाता है और फिर अचानक वहां धमाका हो जाता है. इसके बाद चर्चा में चीख पुकार मच जाती है. लोग इधर-उधर भागने लगते है. पूरे चर्च में खून ही खून बिखरा नजर आता है. क्षत-विक्षत शव चारों ओर बिखरे पड़े थे. लोग उनके ऊपर से भाग रहे थे. क्लास 9 के स्टूडेंट ने अपने पेरेंट्स को बताया कि स्कूल ने शांति पाठ के लिए घंटों धूप में खड़ा रखा.

पुलवामा हमले पर की मारपीट

पेरेंट्स के मुताबिक जब एक स्टूडेंट ने टीचर्स से यह पूछा कि जब हमारे देश में पुलवामा में आतंकी हमला हुआ तब भी सैनिक शहीद हुए थे. लेकिन उस समय तो हमें कोई वीडियों नहीं दिखाया गया. न कोई शोक या श्रद्धांजलि सभा स्कूल ने आयोजित की. इस बात को सुनकर टीचर्स ने उस बच्चे की पिटाई कर दी. इससे अभिभावकों में नाराजगी है. पेरेंट्स का कहना है कि इस वीडियो को देखने के बाद बच्चों के मन पर खराब असर पड़ा है. वे दशहत में हैं. ट्यूजडे को स्कूल प्रबंधन के सामने वे आपना विरोध दर्ज कराएंगे.

अभिभावक संगठन ने जताया विरोध

इस संबंध में अभिभावक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अंकुर सक्सेना ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद न तो कोई ्रप्रार्थना सभा हुई और ना ही कोई वीडियो दिखाया गया. जबकि शहीदों में सभी धर्म के जवान शामिल थे. लेकिन श्रीलंका में हुए हमले पर स्कूल में इस प्रकार का आयोजन करना धार्मिकता को बढ़ावा देने वाली सोच को दर्शाता है. संगठन स्कूल की गतिविधियों पर नजर रखेगा.

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वर्जन

श्रीलंका के चर्च में हुए हमले पर प्रार्थना सभा करने निर्देश मिले थे. घटना का वीडियो दिखाने की जानकारी नहीं है. कौन सा वीडियो दिखाया है यह पता किया जाएगा. पुलवामा की घटना पर भी स्कूल ने संवेदना व्यक्त की थी. हालांकि विशेष प्रार्थना नहीं हुई. किसी बच्चे को इस विरोधाभास पर पीटने के आरोप गलत हैं.

थॉमस, प्रिंसिपल, चाइल्ड केयर बिशप कोनराड

मेरा बेटा क्लास 5 में है. जब वह स्कूल से घर आया तो उसने मुझसे पूछा कि पापा क्या श्रीलंका में कोई हमला हुआ है, जिसमें बहुत लोग मरे हैं. तो मैंने उससे पूछा कि तुम्हें यह बात कहां से पता लगी. तो उसने बताया कि उसे स्कूल में इससे जुड़ा एक वीडियो दिखाया गया था.

मुकेश, पेरेंट

मेरा बच्चा क्लास 4 में है. सैटरडे को स्कूल से घर आकार उसने बताया कि उसे स्कूल में श्रीलंका में हुए हमले का एक वीडियो दिखाया गया था. वो काफी डरा हुआ था. जब बच्चे से पूछने के लिए वीडियो दिखाया तो उसने कहा कि हां यही वीडियो था जो दिखाया गया.

गुलशन, पेरेंट्स

Posted By: Radhika Lala