पुलिस के लापरवाह रवैये पर लगी लगाम
केस 1.
रायपुर एरिया में राह चलते युवक शाहनवाज को बाइक सवार ने टक्कर मार दी। शिकायत दर्ज न होने पर पीडि़त ने शिकायत निवारण प्रकोष्ठ में कंप्लेन दी, जिसके बाद अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। केस 2. पटेलनगर एरिया निवासी महिला ने दहेज के लोभी ससुराल पक्ष के लोगों के खिलाफ स्थानीय थाने में तहरीर दी, लेकिन रिपोर्ट तभी दर्ज हुई एसएसपी ऑफिस के शिकायत निवारण प्रकोष्ठ में कंप्लेन दी गई। -शिकायतों के लिए तीन माह पूर्व शुरू की ऑनलाइन सेवा -एसएसपी ऑफिस से शिकायत को ऑनलाइन भेज रहे थाने -गंभीरता से जांच के आदेश से पुलिस को किया जा रहा चुस्तDEHRADUN : शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए बनाई गई ऑनलाइन व्यवस्था ने थानेदारों की नकेल कस दी है। वे चाहते हुए भी फरियादियों को टाल नहीं पा रहे हैं। हर मामले में उन्हें जांच कर रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को देनी पड़ रही है।
ऑनलाइन भेजी जा रही कंप्लेन दरअसल, थाने और चौकी में कोई फरियादी पहुंच जाए तोउसके साथ ऐसा बिहेव किया जाता है जैसे की वह कोई अपराधी हो। तमाम तरह के सवाल पूछे जाते हैं, काफी मान मन्नौवल के बाद प्राथमिकी दर्ज की जाती है। यही कारण है कि लोग थाने और चौकी जाने के बजाय सीधे अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाने लगे हैं। इसी को देखते हुए डीआईजी /एसएसपी पुष्पक ज्योति ने तीन माह पूर्व ऑनलाइन शिकायत निवारण सिस्टम की शुरुआत की, जिसके तहत एसएसपी ऑफिस स्थित शिकायत निवारण प्रकोष्ठ में कंप्लेन आते ही शिकायत को ऑन लाइन ही संबंधित थाने में जांच के लिए भेजा जा रहा है।
तेजी से शॉर्टआउट हो रहे केस ऑनलाइन व्यवस्था 'एक तीर से दो निशाने' लगाने वाली साबित हो रही है। इससे जहां शिकायतों के निस्तारण करने में तेजी आई है, वहीं पुलिस के लापरवाह रवैये पर भी लगाम लगी है। थाना पुलिस चाहते हुई फरियादियों को टाल नहीं पा रही है। क्योंकि उन्हें हर शिकायत की जांच कर रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को जो देनी पड़ रही है। इस बात की तस्दीक शिकायत निवारण प्रकोष्ठ के आंकड़े करते हैं, जिन पर नजर डाली जाए तो पिछले तीन माह में क्ख्फ्0 कंप्लेन शिकायत निवारण प्रकोष्ठ में दर्ज की गई हैं, जिसमें क्क्ख्फ् का निस्तारण थाना पुलिस कर चुकी है। ----------- ये है ऑनलाइन प्रक्रिया शिकायत निवारण प्रकोष्ठ में स्कैनर मशीन लगाई गई है, जोकंप्यूटर से जुड़ी हुई है। शिकायत मिलते ही स्कैनर के माध्यम से उसका प्रिंट कंप्यूटर में अपलोड कर दिया जाता है, जिसे बाद में इंटरनेट के माध्यम से उस थाने को भेजा जाता है, जहां से संबंधित शिकायत है। संबंधित थाना इंचार्ज कंप्लेन का प्रिंट निकालकर उसे ही शिकायत की हार्ड कॉपी मानते हुए तत्काल मामले में जांच अधिकारी तैनात कर देता है। जांच अधिकारी केस से संबंधित हर पहलू की जांच कर अपनी रिपोर्ट इसी प्रक्रिया के तहत शिकायत निवारण प्रकोष्ठ को भेज देता है, बाद में सभी की समीक्षा एसएसपी द्वारा की जाती है।
------------ घर बैठे मिल रही जानकारी ऑन लाइन प्रक्रिया से न केवल कंप्लेन के निस्तारण में तेजी आई है, बल्कि फरियादियों को भी सुविधा मिल रही है। डीआईजी/ एसएसपी पुष्पक ज्योति ने बताया कि शिकायत देते समय यदि कोई अपना ईमेल एड्रेस मेंशन करता है, तो बाद में शिकायत निवारण प्रकोष्ठ द्वारा उक्त एड्रेस पर केस से वह जानकारी भी भेजी जाती है, जो उसे जांच अधिकारी द्वारा मुहैया करवाई जाती है। -------------शिकायतों के निस्तारण में तेजी लाने के लिए यह प्रक्रिया शुरू की गई है। मैं खुद यह समीक्षा करता हूं कि शिकायतों के निस्तारण में किसी तरह की कमी न रहे। इस बावत सभी थाना इंचार्जो को निर्देश भी जारी किया गया है।
पटेलनगर क्09 राजपुर ख्ब् वसंत विहार फ्0 रायपुर भ्7 नेहरू कॉलोनी भ्क् प्रेमनगर क्0 (नोट:- मुकदमे क्म् अप्रैल तक के हैं)-पुष्पक ज्योति, डीआईजी/ एसएसपी
----------- कंट्रोल रूम भी हुआ चुस्त मुसीबत में फंसे लोगों तक को तत्काल पुलिस सहायता मिले, इसके लिए पुलिस कंट्रोल रूम को भी अलर्ट किया गया है। पुष्पक ज्योति, डीआईजी/ एसएसपी ने बताया कि कंट्रोल रूम में भी शिकायत निवारण प्रकोष्ठ की तरह फीडबैक लिए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसके तहत कंट्रोल रूम में बैठे पुलिस कर्मी सूचना मिलते ही उसे तत्काल फ्लैश कर देता है। मौके पर मदद पहुंची या नहीं इस बावत आधे घंटे बाद उस व्यक्ति को कंट्रोल रूम कर्मी फोन कर फीड बैक लेते हैं जिसने कंट्रोल रूम को सूचना दी। ----------- थानों में दर्ज मुकदमे थाने दर्ज मुकदमे डालनवाला 8ख् क्लेमनटाउन क्क् कैंट भ्ख् कोतवाली क्09