-असमंजस में कारोबारी, 200 माइक्रॉन के डिस्पोजल के प्लेट-गिलास भी अभियान टीम के निशाने पर

-जब्ती से किनारा लेकिन बेचने पर जुर्माना, चालान की दे रहे चेतावनी

नगर निगम की ओर से शुरू हुए पॉलीथिन जब्ती अभियान में तेजी तो दिख रही है लेकिन ऐसे-ऐसे नियम की पेंचीदगी है कि खुद अभियान टीम भी फंस जा रही है। पॉलीथिन के बाद डिस्पोजल प्लेट, गिलास को भी पंद्रह अगस्त से प्रतिबंधित कर दिया गया है। यानि कि डिस्पोजल की बिक्री करने पर कारोबारी को जुर्माना, चालान तक की चेतावनी दी गई है। मार्केट में जहां 51 माइक्रान के पॉलीथिन मुहर मारकर बेचे जा रहे हैं तो वहीं 200 माइक्रॉन वाले डिस्पोजल प्लेट-गिलास की बिक्री न करने की चेतावनी दी गई है। निगम की अभियान टीम से सवाल जवाब करने पर भी कारोबारियों को सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। खुद, अभियान टीम भी शासन के सर्कुलर को आधार बनाकर कार्रवाई की बात कबूल कर रही है।

188% जीएसटी देकर मंगाए माल

डिस्पोजल प्लेट-गिलास का बिजनेस सीजनली होने के कारण एक बार में ही कारोबारी मंगाते हैं। कारोबारियों का तर्क है कि एक माह पहले सूचना दी गई कि पॉलीथिन के साथ-साथ डिस्पोजल थर्माकोल के प्लेट, गिलास भी बंद हो जाएंगे। सीजनली मार्केट होने के चलते साल के शुरुआत में ही बड़े कारोबारी एक बार में ही 20 से 25 लाख रुपये का माल मंगा लिए और 18 परसेंट जीएसटी अदा कर माल मंगाए लेकिन अब शासन का निर्देश है कि डिस्पोजल बंद होंगे, तो ऐसे में जीएसटी भी गया और माल की लागत तो जा ही रही है।

स्टाक में पड़े माल का क्या होगा

शहर के लगभग पांच हजार छोटे-बड़े डिस्पोजल प्लेट-गिलास का धंधा करने वाले कारोबारियों का एक साल का टर्नओवर पक्के बिल के साथ तीन से चार करोड़ रुपये का होता है। कारोबारियों का तर्क है कि डेढ़ माह पहले से ही परचेजिंग करना छोड़ दिए हैं लेकिन पहले से जो माल स्टाक में पड़ा है उसका क्या किया जाए? सरकार और अधिकारियों में विरोधाभास व्यवस्था के चलते ऐसी दिक्कतें आ रही हैं। जिसका खामियाजा अब कारोबारी भुगतने जा रहे हैं।

जून में खुली फैक्ट्री, अब ताला

विशेश्वरगंज के एक कारोबारी ने विधिवत एनओसी लेकर रामनगर में डिस्पोजल थर्माकोल प्लेट, गिलास की फैक्ट्री डाली। लगभग पांच करोड़ रुपये लगाकर 15 जून को फैक्ट्री का शुभारंभ हुआ और एक माह बाद 15 जुलाई को शासन का निर्देश आ गया कि पॉलीथिन, थर्माकोल-डिस्पोजल बंद होंगे। मतलब खड़े-खड़े कारोबारी को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। अब ताला लगाने की नौबत आन पड़ी है।

थर्माकोल के प्लेट-गिलास 200 माइक्रॉन से अधिक के होते हैं। यह डिस्पोजल भी होते हैं। कई यूनिट इस पर अच्छा काम भी कर रही हैं मगर अब सरकार का आदेश है तो फिर मानना पड़ेगा। मांग यही है कि जीएसटी वापस करके डिस्पोजल जब्त कर लें।

राजकिशोर जायसवाल, महामंत्री

वाराणसी डिस्पोजल एसोसिएशन

जीएसटी देकर माल मंगाया गया है, यदि सरकार जब्त करना चाहती है तो कारोबारियों का जीएसटी वापस करे। 35 साल पुराने बिजनेस पर ताला लगने जा रहा है। अभी कोई टीम जब्ती की कार्रवाई नहीं कर रही है लेकिन चेतावनी है कि बिक्री न हो।

देवी प्रसाद गुप्ता, अध्यक्ष

वाराणसी डिस्पोजल एसोसिएशन

अभियान तो चल रहा है लेकिन अभी हाल में कई छुट्टियों के चलते छापेमारी बंद है। डिस्पोजल को बैन किया गया है उस पर भी टीम की नजर है। ऊपर से जो आदेश मिल रहा है उसे फॉलो किया जा रहा है।

डॉ। एके दुबे स्वास्थ्य अधिकारी

नगर निगम व नोडल अधिकारी

एक नजर

10

हजार हैं शहर में डिस्पोजल के रिटेल कारोबारी

05

हजार हैं छोटे-बड़े होलसेल के कारोबारी

35-40

साल पुराना बिजनेस है डिस्पोजल का

25 से 30

करोड़ रुपये है साल का टर्नओवर

18

परसेंट जीएसटी है डिस्पोजल पर लागू

Posted By: Inextlive