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PRAYAGRAJ: एसआरएन हॉस्पिटल की लापरवाही का एक और मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक सैदाबाद उतरांव की रिंकी पत्‍‌नी राजकुमार को डिलीवरी के लिए एसआरएन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि इलाज और चेकअप डॉक्टर बाहर से करवाते रहे। ऐसे में पैसे के अभाव में दवा लाने में देर हो गई और बीच में आपरेशन से पैदा हुई नवजात की हालत गंभीर हो गई। परेशान परिजन बच्ची की जान बचाने के लिए चिल्ड्रेन हॉस्पिटल ले गए, लेकिन वहां वेंटीलेटर खाली नहीं होने से उन्हे निराशा हाथ लगी।

दवा के लिए गिरवी रखी पायल

बाद में बच्ची को सिविल लाइंस के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाया गया। वहां 18 हजार रुपए वेंटीलेटर का चार्ज मांगने पर हताश परिजन उसे अपने घर ले गए। इलाज के अभाव में बच्ची ने दम तोड़ दिया। उधर जब उसकी मां को होश आया तो उसकी हालत गंभीर बताकर डॉक्टरों ने बाहर से दवा मंगाई। आरोप है कि कैंपस के ही एक मेडिकल स्टोर ने 1240 रुपए की दवा के बदले में महिला की पायल गिरवी रख ली। फिलहाल हॉस्पिटल में महिला का इलाज चल रहा है। परिजनों का आरोप है कि इलाज में मनमानी और देरी से बच्ची की जान गई। इसकी शिकायत हॉस्पिटल प्रशासन के पास दर्ज कराई गई है।

मामले की जांच के लिए हॉस्पिटल एसआईसी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। यह जल्द ही जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी है।

प्रो। एसपी सिंह, प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive