इमरजेंसी की हालत में एक वार्ड से दूसरे वार्ड में करते रहे शिफ्ट

परिजनों ने किया हंगामा

Meerut । जिला अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में सोमवार को गंभीर हालत में एडमिट हुई एक लड़की तड़पती रही लेकिन डेढ़ घंटा बीतने के बाद भी डॉक्टर उसे देखने नहीं पहुंचा। लड़की की बिगड़ती हालत देख जहां परिजनों ने जमकर विरोध किया वहीं स्टाफ ने ग्लूकोज चढ़ाकर जिम्मेदारी पूरी कर ली।

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यह है मामला

राशिद नगर निवासी मजहर ने बताया कि उसकी बहन अलीशा को 5 दिन पहले बुखार की शिकायत हुई थी। जिसके बाद उसे जिला अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया था। डॉक्टर ने इलाज के बाद उसे दवाई देकर पांच दिन बाद दिखाने के लिए कहा था। मजहर ने बताया कि दवाई से अलीशा की हालत नहीं सुधरी जबकि सोमवार को उसे बहुत तेज बुखार के साथ दौरे भी पड़ने लगे। वह उसे लेकर इमरजेंसी वार्ड गए थे, लेकिन वहां से उसे आईसोलेशन वार्ड में भेज दिया गया। करीब 11. 30 बजे सुबह एडमिट होने के बाद दोपहर डेढ़ बजे तक भी डॉक्टर इलाज करने के लिए नहीं पहुंचे थे। इस दौरान कई बार उन्होंने स्टॉफ को इस बारे में जानकारी दी लेकिन किसी ने अलीशा की स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया।

सिर्फ ग्लूकाेज से इलाज

जिला अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में इन दिनों उल्टी, बुखार और लूज मोशन के मरीजों को एडमिट किया जा रहा है। यहां एडमिट मरीजों के तीमारदारों ने बताया कि यहां मरीजों का इलाज सिर्फ ग्लूकोज से ही होता है। न तो मरीजों को प्रॉपर दवाइयां ही मिल रही हैं न समय से डॉक्टर आते हैं। मरीजों का इलाज राम भरोसे चल रहा है।

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हमारे पास डॉक्टर्स की कमी हैं, लेकिन हर मरीज को समय से इलाज देने की पूरी कोशिश की जाती हैं। अगर ऐसा कोई मामला हुआ है तो इसकी जांच करवा ली जाएगी।

- डॉ। पीके बंसल, एसआईसी, जिला अस्पताल

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यहां मरीजों को दवाइयां पूरी तरह से नहीं दी जाती हैं। अगर हमारी हालत प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवाने की होती तो हम यहां इलाज नहीं करवाते।

राबिया

डॉक्टर ने खून की कमी बताई है। लेकिन दवाइयों के नाम पर सिर्फ ग्लूकोज ही दिया जा रहा है। मल्टीविटामिन या दूसरी दवाएं नहीं दी गई हैं।

अनम

Posted By: Inextlive