The actor talks about his villainous ways in two upcoming films and his dreams of fatherhood

आप आजकल बहुत ही लो प्रोफाइल दिख रहे हैं. कोई खास वजह...


मैं जिला गाजियाबाद की शूटिंग में व्यस्त हूं. यह काफी इंट्रेस्टिंग फिल्म है. मैं एक गैंगस्टर का किरदार निभा रहा हूं जो अपने करियर की शुरुआत बतौर टीचर करता है. वह अपने गांव वापस जाता है ताकि वह अपनी लाइफ की क्वॉलिटी इम्प्रूव कर सके, लेकिन बहुत जल्दी उसे रियलाइज होता है कि सोसाइटी को क्लीन करने का सिर्फ एक रास्ता है और वो है गैंगस्टर बनना. इसके अलावा कृश के सीक्वल की तैयारी भी शुरू हो चुकी है. यह अभी तक मेरे करियर की सबसे बड़ी फिल्म होगी.
जिला गाजियाबाद करने के लिए आप कैसे तैयार हुए?


डायरेक्टर आनंद कुमार के बारे में ज्यादा चर्चा तो मुझे ज्यादा पता नहीं था.. मेरे पास अरशद वारसी स्क्रिप्ट लेकर आए थे. उस समय मुझे डायरेक्टर के बारे में भी इतना नहीं पता था. हां, बस इतना जानता था कि वह भी फिल्म में एक रोल प्ले करेंगे और फिल्म का कोई डायरेक्टर तब तक तय नहीं हुआ था. जब मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी तो मुझे लगा कि मुझे सतबीर गुज्जर का किरदार निभाना चाहिए, जो अभी तक की हिस्ट्री में सबसे ज्यादा एजुकेटेड गैंगस्टर जाने जाते हैं. उन्हें पब्लिक बहुत पसंद करती है और बुरा करने वाले लोग उनसे बेहद डरते हैं.
कृश की बात करते हैं. खबर है कि फिल्म के पहले हिस्से में आपका निभाया गया किरदार एक व्हील चेयर तक सीमित है और दूसरे पार्ट में ढेर सारे एक्शंस में इंवॉल्व हैं...


वैसे यह सब लोगों के बीच एक्साइटमेंट बढ़ाने के लिए है. मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि मेरा किरदार एक पागल से कॉमिक बुक के विलेन जैसा है. जब राकेश जी ने मुझे इस रोल के बारे में बताया था तब उन्होंने कहा कि वह किरदार उन्होंने मुझे दिमाग में रखकर लिखा है. मैं उसी समय से वो किरदार निभाना चाहता था.
खबर तो यह भी है कि इस किरदार के लिए सलमान, शाहरुख और अजय देवगन को भी अप्रोच किया गया था...


मुझे इन खबरों के बारे में नहीं पता. जब मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी थी, मुझे लगा जैसे वो मेरे लिए लिखी गई हो. राकेश जी और रितिक ने भी यही कहा था. मेरे अंदर उनके लिए इतनी रिस्पेक्ट है कि मैं उनकी बातों को सच ही मानूं और मैं खुश हूं कि इस रोल को मैं ही निभा रहा हूं.
पर्सनल लाइफ की बात करें तो आपकी शादी-शुदा जिन्दगी को जल्द ही एक साल  पूरे हो जाएंगे. इस लाइफ में अभी तक  का एक्सपीरियंस?


जब प्रियंका टाउन में नहीं होती हैं, मेरे आसपास लोगों को लगने लगता है कि मैं अजीब सा रिएक्ट करने लगता हूं. मेरी टीम उन्हें बताती है कि उनके ना होने पर मैं काफी चिड़चिड़ा हो जाता हूं. मुझे हमेशा लगता था कि मैं एक एटर्नल बैचलर की तरह रह सकता हूं, लेकिन मैं गलत था.
आपकी फैमिली जल्दी ही आपके घर में बच्चों की किलकारियां सुनना चाह रही होगी?


मैं बच्चों के लिए पागल हूं. बस इंतजार कर रहा हूं कब ऐसा हो पाता है.

Posted By: Garima Shukla