3 करोड़ की मशीन

1 साल चलाएगी कंपनी

7 सीटर या ऊपर के वाहनों की जांच

2014 में मिली थी मंजूरी

- स्पेन से राजधानी पहुंची ढाई करोड़ की फिटनेस मशीन

- सीएम करेंगे शुभारंभ, फीस भी बढ़ने के संकेत

sanjeev.pandey@inext.co.in

LUCKNOW: अब वाहनों की फिटनेस में न तो आरटीओ ऑफिस के अधिकारी खेल कर सकेंगे और ना ही वाहन मालिक बिना गाड़ी दिखाए फिटनेस सर्टिफिकेट ले पाएंगे. कारण यह है कि अब राजधानी में वाहनों की फिटनेस परिवहन विभाग के अधिकारी नहीं, स्पेन से आई मशीन करेगी. यही मशीन फिटनेस सर्टिफिकेट भी देगी. प्रदेश में यह अपनी तरह का पहला फिटनेस सेंटर होगा. सीएम योगी से इस मशीन का उद्घाटन कराने की तैयारी है.

गुरुवार को पहुंची मशीन

चार साल के इंतजार के बाद यह फिटनेस मशीन गुरुवार को ट्रांसपोर्ट नगर स्थित फिटनेस सेंटर पहुंच गई है. मशीन के आने की जानकारी मिलते ही अपर परिवहन आयुक्त राजस्व, डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर लखनऊ जोन के साथ ही दोनों आरआई और कंपनी के अधिकारियों की बैठक भी फिटनेस ग्राउंड पर हुई. करीब 3 करोड़ इस मशीन का एक साल तक संचालन कंपनी के अधिकारी करेंगे.

नहीं चलेंगे रोड पर वाहन

विभागीय अधिकारियों के अनुसार वाहनों की फिटनेस आगे भी आरआई के भरोसे ही रहेगी, लेकिन फिटनेस जारी मशीन करेगी. इस मशीन से मिले सर्टिफिकेट वाले वाहन ही रोड पर दौड़ सकेंगे. मशीन 7 सीटर और उससे ऊपर के वाहनों की फिटनेस जांचेगी. सभी कामर्शियल वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य है. जिसमें ऑटो, टेम्पो, स्कूली बस, बस आदि शामिल हैं.

कोट

फिटनेस मशीनों को फिटनेस ग्राउंड पर जाकर देखा है. अभी इन मशीनों को लगाया जाएगा. उसके बाद ही फिटनेस शुरू होगी. मशीनों को लगाने के लिए कंपनी के कर्मचारी भी आए हैं.

अरविंद कुमार पांडेय

अपर परिवहन आयुक्त राजस्व

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बढ़ सकती है फीस

मशीन से फिटनेस चेक होने पर फिटनेस फीस में भी इजाफे के आसार हैं. विभागीय अधिकारियों के अनुसार चार्जेस फिलहाल राजधानी के लोगों के लिए ही बढ़ेंगे.

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सिर्फ तीन लेन की व्यवस्था

अत्याधुनिक मशीनों से वाहनों की फिटनेस की योजना को सरकार ने 2014 में मंजूरी दी थी. शहीद पथ के किनारे 7550 वर्ग मीटर में फिटनेस ग्राउंड बनाया गया है. इसके लिए सरकार ने 12 करोड़ 62 लाख का बजट आवंटित किया. यहां सिर्फ तीन लेन बनायी गयी हैं. दो लाइट व्हैकिल के लिए और एक हैवी व्हैकिल के लिए है.

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राजधानी में वाहनों की संख्या

प्रकार संख्या

कामर्शियल वाहन 4,50,000

7 सीटर प्राइवेट वाहन 7500

रजिस्टर्ड स्कूल वैन 2500

अवैध स्कूली वैन 4000 से अधिक

रजिस्टर्ड स्कूली बसें 750

अवैध स्कूली बसें 1500 से अधिक

सिटी बसें सीएनजी 110

सिटी बसें इलेक्ट्रिक 40

ऑटो 4343

टेम्पो 2500

ई रिक्शा 17500

- अन्य वाहनों में लोडर, सरकारी वाहनों के साथ ट्रक और अन्य वाहन शामिल हैं

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तीन तरह से होगी जांच

इस मशीन में शुरुआती दौर में तीन जांचे होंगी इनमें लाइट, स्पीड और संस्पेंशन शामिल हैं. इनके चेक होने से भी रोड एक्सीडेंट की संख्या में कमी आने की उम्मीद है.

Posted By: Kushal Mishra