कहते हैं आप अपनी जिंदगी में सबसे अच्छा काम कर कब रहे हैं इसके लिए उम्र की सीमा तय नहीं है. सचिन तेंदुलकर इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं. इंग्लैंड टीम के कैप्टन एंड्रूय स्ट्रास का कहना है कि 38 साल की उम्र में भी सचिन का जादू बरकरार है.


इंग्लैंड क्रिकेट टीम के कप्तान एंड्रयू स्ट्रास को लगता है कि भारतीय स्टार बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर 38 वर्ष के होने के बावजूद लगातार रिकार्डों का इतिहास रच रहे हैं और उन पर उम्र का कोई असर नजर नहीं आ रहा है. स्ट्रास ने कहा कि इन रिकार्डों को बनाने में सिर्फ उनकी तकनीकी क्षमता का ही हाथ नहीं है बल्कि इसमें मेंटल पॉवर भी अहम भूमिका निभाती है.
उन्होंने कहा, ‘‘ तेंदुलकर तकनीकी रूप से अद्भुत हैं, उनकी मानसिक मजबूती भी लाजवाब है. वह जिस तरह से दबाव से निपटते हैं, वह काबिलेतारीफ है. वह कितने विनम्र व्यक्ति हैं. यह सिर्फ उनके रन जुटाने से संबंधित नहीं है. यह उनकी रिकार्डों का पीछा करते रहने की इच्छा और प्रेरणा से होता है. वह ऐसे उदाहरण हैं, कि अगर आप अब भी भूखे हैं तो उम्र भी आपकी ताकत भी आपको अपना लक्ष्य हासिल करने से कमजोर नहीं कर सकती. वह सभी उदाहरणों में सर्वश्रेष्ठ हैं ’’गौरतलब है कि तेंदुलकर जब 21 जुलाई को लाड्र्स में इंग्लैंड के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला के पहले टस्ट में मैदान पर उतरेंगे तो उनकी निगाहें अपना रिकार्ड 100वां इंटरनेशनल सेंचुरी जडऩे पर लगी होंगी.

Posted By: Kushal Mishra