भारत देश एक रहस्‍यमयी देश है जिसके गर्भ में ऐसे कई राज छुपे हुए हैं जिसको आजतक कोई जान नहीं पाया है। ऐसा ही एक रहस्‍य छुपा हुआ है आंध्रा प्रदेश के लेपाक्षी मंदिर में। इस मंदिर का एक खम्‍भा हवा में लटका हुआ है लेकिन फिर भी पूरे मंदिर का भार संभाले हुए है। आपको ये बात हैरान जरूर कर रही होगी लेकिन ये पूरी तरह से सच है।



नाम के पीछे की कहानी
इस मंदिर को वीरभद्र मंदिर नाम से भी जाना जाता है लेकिन इसका सबसे चर्चित नाम लेपाक्षी मंदिर है। बताया जाता है कि जब रावण माता सीता का अपहण करके लंका ले जा रहा था तब जटायू ने रावण को रोकने की कोशिश की थी। उन दोनों के बीच खूब युद्ध हुआ था। युद्ध में घायल होकर जटायू इसी जगह पर गिर गया था। जब भगवान राम मां सीता को ढूंढ़ते हुए यहां पहुंचे तो उन्होंने 'ले पाक्षी' कहते हुए घायल जटायू को अपने गले से लगा लिया था। बस तब से ही इस मंदिर का नाम लेपाक्षी पड़ गया। बता दें कि 'ले पाक्षी' एक तेलुगु शब्द है, जिसका मतलब होता है 'उठो पक्षी'।

पैर का है निशान
ग्रंथो की माने तो इस मंदिर को ऋषि अगस्तय ने बनवाया था लेकिन कुड लोगों का ये भी कहना है कि 1583 में विजयनगर साम्राजय में काम करने वाले दो भाई विरुपन्ना और वीरन्नाने ने बनाया था। इस मंदिर के एक भाग में पैर का ऐ बड़ा निशान है। कुछ लोग कहते है कि ये भगवान श्री राम के पांव है तो कुछ का मानना है कि ये निशान माता सीता का है।

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Posted By: Ruchi D Sharma