Patna : वह अपने ही घर में बेगाने की तरह रह रही थी. पहले उसके पति को गायब कर दिया गया ताकि उसका कोई सुधि लेने वाला कोई ना रहे. सास भी शेरघाटी में ही रहती है. सुनम को उनके मामा ससुर ने उसके ही घर में नजरबंद कर दिया था.


सुनम कमरे में बेहोश थी
यह व्यथा है धनबाद की सुनम पांडे की। उसकी शादी बिहारी साव लेन निवासी उमा मिश्रा के बेटे सुशांत से हुई थी। महिला हेल्पलाइन की पहल पर जब आईओ रंजीत कुमार चौधरी के नेतृत्व में पीरबहोर थाने की टीम उसके घर पहुंची तो सुनम कमरे में बेहोश थी। उस समय वह तेज बुखार में तप रही थी। दरअसल नजरबंद को लेकर सुनम ने महिला हेल्पलाइन में फोन कर कंप्लेन की थी। क्विक एक्शन लेते हुए हेल्पलाइन ने पीरबहोर थाने में मामला दर्ज कराया।

सुनम को घर से बाहर निकाला
इसी के आधार पर शनिवार को पुलिस ने रेड की। हेल्पलाइन की टीम, सुनम के मायके वाले और पुलिस जब उमा मिश्रा के घर पहुंची, तो उमा ने काफी हंगामा किया और सर्च वारंट दिखाने को कहा। लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने सुनम को घर से बाहर निकाला। गौरतलब है कि उमा शेरघाटी थाने में सिपाही के पद पर बहाल है। जेलर पति एस पांडे की जगह अनुकंपा पर उसे नौकरी मिली है।

महिला हेल्पलाइन ने की पहल
दर्ज केस 29/12 में दर्ज मामले में सुशांत से सुनम की शादी लगभग पांच वर्ष पहले हुई थी। सास की अनुपस्थिति में पटना के बिहारी साव लेन स्थित उनके घर उमा के भाई मनोहर चौबे और उनकी फैमिली रहती है। जब सुनम ससुराल गई, तो उसे मामा व उनकी फैमिली की प्रताडऩा झेलनी पड़ी। उसे जबर्दस्ती मायके पहुंचा दिया। चार साल तक उसे ना सिर्फ मायके में रहना पड़ा, बल्कि उसे पति से भी नहीं मिलने दिया गया।

ससुराल पक्ष से कोई सपोर्ट नहीं
चूंकि घर में मामाजी का प्रभाव है, इसलिए ससुराल पक्ष से कोई सपोर्ट नहीं मिला। सुशांत भी कुछ नहीं कर सका। चार साल के बाद काफी जद्दोजहद के बाद सुनम जब ससुराल पहुंची तो उससे कोई बात नहीं करता था। घर के आगे की ग्रील में हमेशा ताला लगा रहता था। उसकी चाबी सुशांत के मामा के पास रहती थी। मायके वालों से मिलने भी नहीं दिया जाता था। बाद में महिला हेल्पलाइन की पहल ने रंग लाया.

Posted By: Inextlive