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PATNA: 27 जुलाई को सदी के सबसे बड़े पूर्ण चंद्रग्रहण से लोग रूबरू होंगे। इस दौरान चांद ब्लड जैसा लाल दिखेगा। इसलिए इसे 'ब्लड मून' नाम दिया जा रहा है। इस अद्भुत खगोलीय घटना को 27 जुलाई की रात भारतीय समयानुसार 10.44 से 4.58 बजे तक देखा जा सकता है। इस 6 घंटे 14 मिनट के दौरान पूर्ण चंद्रग्रहण की अवधि करीब 103 मिनट की होगी। इससे पहले 31 जनवरी, 2018 को सुपरमून और ?लू मून की खगोलीय घटना हो चुकी है। यह करीब 76 मिनट का था।

कैसे होता है चंद्रग्रहण

चंद्रग्रहण तब होता है जब चंद्रमा अपनी कक्षा में घूमते हुए पृथ्वी के छाया क्षेत्र में आ जाता है। इसके कारण सूर्य का प्रकाश चंद्रमा पर नहीं गिर पाता है। इससे चंद्रग्रहण होता है। जब यह छाया क्षेत्र आंशिक होता है तो आंशिक चंद्रग्रहण होता है।

खुली आंखों से न देखें

इस प्रकार की खगोलीय घटना को नंगी आंखों से देखना सेफ नहीं है। क्यूरेटर राम स्वरुप ने बताया कि स्पेशल फिल्म की मदद से इसे देखना उचित होगा। आम तौर पर इस प्रकार की घटना को देखने के लिए पटना स्थित श्रीकृष्ण साइंस सेंटर पर विशेष व्यवस्था की जाती है, लेकिन इस बार देर रात में यह घटना होने के कारण इसे देखने की व्यवस्था नहीं होगी।

यह होता है 'ब्लड मून'

आगामी 27 जुलाई को 21वीं सदी के सबसे बड़े चंद्रग्रहण को 'ब्लड मून' का नाम दिया गया है, क्योंकि इस दौरान चंद्रमा ?लड की भांति लाल दिखाई देगा। पटना स्थित श्रीकृष्ण साइंस सेंटर के वैज्ञानिक सी एवं क्यूरेटर राम स्वरुप ने बताया कि पूर्ण चंद्रग्रहण के समय चंद्रमा की लाल आभा सूर्य के प्रकाश के पृथ्वी के वायुमंडल द्वारा रिफ्लेक्ट होने के कारण होती है। पृथ्वी की छाया को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है। एक मुख्य छाया क्षेत्र और दूसरा उपछाया क्षेत्र। जब चंद्रमा मुख्य छाया क्षेत्र में ढक जाता है तब पूर्ण चंद्रग्रहण होता है। '?लड मून' में यह मुख्य छाया क्षेत्र के बिल्कुल बीचोबीच होगा।

सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा बीचोबीच

यह प्रश्न लाजमी है कि पूर्ण चंद्रग्रहण तो पहले भी हुए हैं लेकिन यह खास क्यों? इस बारे में राम स्वरुप ने बताया कि यह वह खास अवसर होगा जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा बिल्कुल एक सीधी लाइन पर होंगे और सूर्य का प्रकाश चंद्रमा को बिल्कुल नहीं मिल पाएगा क्योंकि यह पृथ्वी के मुख्य छाया क्षेत्र में पड़ जाएगा। इससे पहले यह इतना सटीक तरीके से इसके मुख्य छाया क्षेत्र में कभी नहीं आया था।

यह 21वीं सदी का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण है। इसमें खास बात यह है कि इस दौरान चंद्रमा लाल आभा के साथ दिखाई देगा। इसे संपूर्ण भारत में देखा जा सकेगा।

राम स्वरुप, क्यूरेटर श्रीकृष्ण साइंस सेंटर

Posted By: Inextlive