मैनेजमेंट गुरुओं के उस्ताद हैं अखाड़े के संत
-अगले छह वर्षो के लिए तैयार की कार्ययोजना
-हमीरपुर कूच करेंगे अखाड़े के पंच परमेश्वर dhruva.tiwari@inext.co.in PRAYAGRAJ: संगम की रेती पर बसी अध्यात्म की नगरी में प्रवास कर रहे संत-महात्माओं ने प्रबंधन के मामले में बड़े-बड़े मैनेजमेंट गुरुओं को पीछे छोड़ दिया है। जहां केन्द्र सरकार प्रतिवर्ष बजट पेश करती है और नीति आयोग पांच वर्षो के लिए योजना बनाती है। वहीं कुंभ एरिया में श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन की मैनेजमेंट व्यवस्था अलग ही तरीके की है। अखाड़े की ओर से अभी से ही अगले छह वषरें के लिए ऐसी कार्य योजना तैयार की है, जिसके लिए कुंभ के तीसरे शाही स्नान पर्व बसंत पंचमी के बाद अखाड़े की शीर्ष संत-महात्मा देश के विभिन्न प्रांतों की ओर कूच कर जाएंगे। हमीरपुर कूच करेंगे अखाड़े के पंच परमेश्वरबड़ा उदासीन अखाड़े के पंच परमेश्वरों ने छह साल बाद 2025 में प्रयागराज में लगने वाले कुंभ की योजना तैयार कर ली है। अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत महेश्वरदास बताते हैं कि बसंत पंचमी स्नान पर्व के बाद अखाड़े के रमता पंच सबसे पहले उप्र के हमीरपुर जिले के लिए कूच करेंगे। वहां पर कई स्थानों पर जाकर धर्म प्रचार करेंगे। वहां से पंच बांदा, जालौन, इटावा व आगरा होते हुए भरतपुर जाएंगे। फिर वहां से होकर राजस्थान के उदयपुर, जयपुर, दौसा व अलवर में धर्म का प्रचार करते रहेंगे। इसके बाद दो वर्ष का लम्बा समय गुजरात में रहकर वर्ष 2021 में हरिद्वार में लगने वाले कुंभ मेला में पहुंचेंगे। वहां सभी शाही स्नान पवरें के बाद रमता पंच का कार्यक्रम बिहार, बंगाल, नॉर्थ ईस्ट के राज्यों से होते हुए प्रयागराज में 2025 में आ जाएंगे।
कौन होते हैं रमता पंच -श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के आराध्य चंद्र भगवान हैं। -अखाड़े के शीर्ष चार प्रमुख महंतों को रमता पंच कहा जाता है। -ये चारों महंत अपने गुरु की छत्रछाया में घूमते रहते हैं। -अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत महेश्वरदास के अलावा महंत रघु मुनी, महंत दुर्गादास, महंत अद्वैतनाथ प्रमुख रूप से शामिल हैं। साथ रखते हैं पूरा इंतजाम रमता पंच के महंत अपने साथ रहने-खाने का सारा इंतजाम खुद करते हैं। ये जहां भी भ्रमण को जाते हैं वहां पर अखाड़े के सेवादार उनकी सेवा के लिए मौजूद रहते हैं। अखाड़े के अध्यक्ष महंत महेश्वरदास की मानें तो भ्रमण काल के दौरान रमता पंच लोगों को एकत्र करके सनातन धर्म की व्याख्या करते हैं, जहां-जहां कुंभ का आयोजन होता है उसके महात्म्य का वर्णन करते हैं। बहीखाता में होता है पूरा जिक्ररमता पंच कब और कहा जाएगा। कितने दिनों का डेरा संबंधित स्थान पर होगा। उन सब का ब्योरा अखाड़े की बही में दर्ज होता है। प्रतिवर्ष अखाड़े का बहीखाता तैयार किया जाता है। भ्रमण के दौरान अगर पंच किसी नए स्थान पर जाते हैं तो उस स्थान को भी बही में जोड़ दिया जाता है।
वर्जन जहां-जहां कुंभ का आयोजन होता है। उसके हिसाब से मेला की अवधि में ही अगले कुंभ की तैयारियां की जाती है। बहीखाता में पूरी जानकारी दर्ज की जाती है। रमता पंचों के जरिए देशभर में भ्रमण किया जाता है। जिससे कि धर्म का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा सके। -श्रीमहंत महेश्वरदास अध्यक्ष श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन