PATNA (13 Sept): अब घरों से निकलने वाला कचरा भी निगम की कमाई का स्रोत होगा। प्रति मैट्रिक टन कचरे के बदले में नगर निगम अमेरिकी एजेंसी से 770 रुपए लेगा। इस कचरे से यह एजेंसी बैरिया कचरा प्लांट में ऊर्जा तैयार करेगी और उसका सीधा जुड़ाव ऊर्जा वितरित करने वाले प्लांट से होगा। इसके लिए नगर निगम और अमेरिका की कंपनी के साथ लगभग सारी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी है। साल 2019 में इस योजना को मूर्तरूप दिया जाएगा। योजना पर गुरुवार को नगर निगम स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में मुहर लगाई गई। इस बैठक में निगम के कर्मचारियों को आजीवन पारिवारिक पेंशन देने, निगम की लेखाजोखा का हिसाब रखने हेतु चार्टेड अकाउंटेंट रखे जाने पर चर्चा की गई। जिसमें तय हुआ कि 3,64, 50,388 रुपए की लागत पर तीन सालों तक सीए फर्म टाईवेब्रल चांद एंड कंपनी के सीए अपनी सेवा देंगे। कंपनी को नगर निगम की ओर से एक सितंबर को कार्यादेश भी निर्गत किया जा चुका है।

अब निगम की दोतरफा कमाई

नगर निगम को एक तरफ कचरा उठाने पर जहां शहरवासियों से कमाई होगी वहीं उसके निष्पादन के लिए निजी कंपनी को सौंपने पर करोड़ों की आमदनी हो सकेगी। नगर निगम के पूर्व प्लान में डोर-टू-डोर कचरा उठाने के लिए 30 रुपए प्रति परिवार शुल्क निर्धारित किया गया है। अब ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत अमेरिका की निजी कंपनी से कचरे की कीमत वसूलने की रणनीति तैयार की जा चुकी है।

तीन कंपनियों ने लिया था भाग

शहरी कचरा ट्रीटमेंट प्लांट के लिए स्पार एरेडा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, इजल इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड और अमेरिका की कंपनी डाटर्स वेस्ट प्रोसेसिंग प्राइवेट लिमिटेड ने निविदा में भाग लिया था। कचरे की नीलामी में एजी डाटर्स वेस्ट प्रोसेसिंग कंपनी ने सर्वाधिक 770 रुपए प्रति मैट्रिक टन पर कचरा खरीदने पर हामी भरी। जिस पर निगम ने गुरुवार को स्टैंडिंग कमेटी में प्रस्ताव रखा और यह सर्वसम्मति से पास हो गया। कंपनी को सारी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद 30 दिन के भीतर निविदा पर हस्ताक्षर करने की बात कही गई है। 2019 तक सॉलिड वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का कार्य शुरू हो जाएगा।

6 स्थानों पर सेकेंडरी प्वाइंट

शहर की साफ-सफाई के लिए महत्वपूर्ण योजना में नगर निगम 6 स्थानों को सेकेंडरी प्वाइंट बनाएगा। निगम डोर-टू-डोर कलेक्ट कचरे को इन सेकेंडरी प्वाइंट तक पहुंचाएगा और यहां से अमेरिका की निजी कंपनी खुद के वाहन और खर्चे पर कचरा कलेक्ट करेगी। जो कचरा लेकर बैरिया कचरा ट्रीटमेंट प्लांट पहुंचेगी और यहां सूखा और गीला कचरे को अलग करते हुए ऊर्जा तैयार किया जाएगा। यह ऊर्जा निजी कंपनी एनर्जी बनाने वाली दूसरी कंपनियों से समझौते के बाद उपलब्ध कराएगी। इस पूरी प्रक्रिया के तहत शहर से निकलने वाला कचरा डिसपोज होगा।

Posted By: Inextlive