दोनों तस्वीरों को ध्यान से देखिये. बाएं तरफ कानपुर में हिस्ट्रीशीटर शानू ओलंगा का मर्डर करने वाले एक हत्यारे का क्लोज फ्रेम पिक्चर है. जबकि दाहिनी तरफ का चेहरा है बनारस के बदमाश राजकुमार बिंद उर्फ गुड्डू उर्फ मामा का. ज्यादा कुछ कहने की जरुरत नहीं है. इन दो तस्वीरों से साफ है कि शानू ओलंगा का दिनदहाड़े मर्डर करने वाले जिस बदमाश को कानपुर पुलिस खोज रही है वो कौन है. रही बात इस बदमाश की तो चलिये हम बताते हैं कि ये कौन है और क्राइम वल्र्ड में इसकी जड़ें कितनी गहरी हैं.


VARANASI: कानपुर में 30 नवम्बर को दिनदहाड़े वीआईपी रोड पर हिस्ट्रीशीटर शानू ओलंगा का मर्डर। पुलिस के पास हत्यारों की तस्वीर (जो आई नेक्स्ट ने पुलिस को अवेलेबल कराई)। फिर भी कहानी वही की वही, हत्यारे कौन हैं? पुलिस के पास हत्यारों के कई नाम आए मगर हर नाम खारिज भी होता गया। कानपुर पुलिस के पास अब एक नया नाम आया है। गुड्डू बिंद का। हालांकि कानपुर पुलिस के पास गुड्डू की कोई फाइल फोटो नहीं थी जिससे वो तय कर सके कि मर्डर स्पॉट की पिक्चर में जिस हत्यारे का चेहरा खुला है, वो गुड्डू बिंद है या नहीं। आई नेक्स्ट की तहकीकात
कानपुर पुलिस को भले ही अब तक गुड्डू बिंद के बारे में ज्यादा इंफार्मेशन नहीं मिली मगर जब आई नेक्स्ट ने इस मामले में अपने लेवल से इन्वेस्टिगेशन की तो हैरान करने वाली फैक्ट्स सामने आए। पहले हमने खोज निकाली पुलिस रेकॉर्ड में दबी पड़ी गुड्डू की तस्वीर। ये तस्वीर ही आधी कहानी कह दे रही है। अब बात करते हैं गुड्डू बिंद की। जरा उसकी शार्ट प्रोफाइल पर गौर करिये। नाम: राजकुमार बिंद उर्फ गुड्डू बिंद उर्फ मामा(क्राइम वल्र्ड में मामा नाम ज्यादा फेमस है)पता: बनारस में राजा बाजार मुहल्ले का निवासी। फिलहाल चार साल से घर से दूर।


क्राइम एक्टिविटी : पिछले एक दशक से अपराध की दुनिया में सक्रिय। शुरूआती दौर में छुटपुट क्राइम किये फिर मुन्ना बजरंगी गैंग के शूटर्स से जुड़ा। क्राइम एरिया: वाराणसी सहित चंदौली, मिर्जापुर में करीब 25 छोटे बड़े क्राइम केसेस में राजकुमार उर्फ गुड्डू का नाम शामिल है। जबकि पुलिस सोर्स के मुताबिक पूरे पूर्वांचल में लूट, हत्या और हत्या के प्रयास में शामिल।लास्ट अरेस्टिंग: आखिरी बार मिर्जापुर में एसओजी टीम ने इसे फरवरी 2011 में गिरफ्तार किया था। उस वक्त इस पर 5000 रुपये का ईनाम था। उसी वक्त पुलिस रेकॉर्ड में इसकी फोटो शामिल हुई। मिर्जापुर पुलिस ने कैंट पुलिस को फोटो की एक कॉपी दी। ये तो है छुपा रुस्तम

चेहरे से ही शातिर दिखने वाले गुड्डू की अच्छी खासी क्रिमिनल हिस्ट्री है। कैंट से लेकर लंका, जैतुपरा, सारनाथ, मुगलसराय, मिर्जापुर और आस पास के कई जिलों में राजकुमार के ऊपर 25 से ज्यादा मामले है। पुलिस सोर्सेज की मानें तो गुड्डू ने 29 अगस्त को बनारस के बड़ी बाजार एरिया में एक हाजी का मर्डर कर करीब 12 लाख रुपये लूटे थे। इसके पहले गुड्डू का नाम कैंट एरिया में लूट, सारनाथ में मर्डर, मुगलसराय में डबल मर्डर में सामने आया था। बनारस के कैंट, आदमपुर, लंका भेलूपुर, समेत सात से ज्यादा थाना क्षेत्रों में गुड्डू के ऊपर हत्या, लूट, रंगदारी, फिरौती, जान से मारने की धमकी देने समेत दो दर्जन से ज्यादा मामले चल रहे है।खुद का है सुपारी किलर्स गैंग राजकुमार उर्फ गुड्डू बिंद। पूर्वांचल के क्राइम वल्र्ड में पुलिस के लिए ये कोई बड़ा नाम नहीं था। मगर हाल में पुलिस को जो इंफॉर्मेशंस मिली है, वो पुलिस को भी चौंका रही है। कभी मुन्ना बजरंगी गैंग के शूटर्स के सहयोगी के रूप में काम करने वाले गुड्डू ने अपने एक साथी के एनकाउंटर के बाद खुद का सुपारी किलर्स गैंग तैयार कर लिया। एक के बाद कई वारदातें की मगर पुलिस भांप भी नहीं सकी। यहां तक कि इसकी गिरफ्तारी भी महज 25 आम्र्स एक्ट में हुई और ये आसानी से सलाखों के बाहर आ गया। कुछ महीने पहले जेल से बाहर आने के बाद जब पुलिस को गुड्डू की गहराई के बारे में पता चला तो वो हाथ मलती रह गयी। दीपक अग्रहरि का है चेला
छोटे अपराधों के साथ क्राइम वल्र्ड में एंट्री लेने वाले राजकुमार उर्फ गुड्डू ने मुन्ना बजरंगी गैंग के कई शूटर्स के साथ बड़ी वारदातों को अंजाम देना सीखा। राजेश चौधरी, कृपा हरिजन और दिनेश प्रजापति के बाद ये दीपक अग्रहरि के साथ कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहा। एसओजी के सूत्र बताते हैं कि दीपक अग्रहरि के एनकाउंटर के दौरान गुड्डू उसके साथ था मगर ये भाग निकला। दीपक की मौत ने गुड्डू को बड़ा झटका दिया था और उसके बाद ये काफी दिनों तक शांत रहा। फिर बनाया खुद का गैंगएसओजी के पास अब पक्की इंफॉर्मेंशन है कि राजकुमार उर्फ गुड्डू उर्फ मामा ने बाद में बनारस कोतवाली के चर्चित बदमाश रूपेश सेठ, मुगलसराय के मो। आबिद, बनारस के ही रईस बनारसी, राजू मियां और संजय पटेल के साथ एक सुपारी किलर्स का गैंग बना लिया। इन लोगों ने कई ब्लाइंड मर्डर और बड़ी लूट को अंजाम दिया। ये घटनाएं बनारस, मिर्जापुर और चंदौली में हुई। मिर्जापुर में दो ब्लाइंड मर्डर के बाद ही एसओजी की निगाह राजकुमार उर्फ गुड्डू पर पड़ी। उसे असलहे के साथ गिरफ्तार किया गया। हालांकि एसओजी जांच में मर्डर में इसके इन्वॉल्वमेंट को साबित नहीं कर सकी और आम्र्स एक्ट में बंद गुड्डू बाद में आसानी से जमानत पर छूट गया। गुड्डू के गैंग की खास बातें - छह बड़े नाम के साथ कुछ नये शूटर्स हैं शामिल
- मर्डर की सुपारी लेने के साथ बड़ी लूट को देते हैं अंजाम- रूपेश सेठ ने शादी के बाद नॉर्थ ईस्ट में बनाया है ठिकाना- बड़ी घटनाओं को अंजाम देने ही आता है पूर्वांचल में - गैंग के मेम्बर्स के बीच मोबाइल फोन पर नहीं होती बातें - सिर्फ एसएमएस के जरिये इंफॉर्मेशन शेयर करते हैं - रईस और गुड्डू हैं क्राइम वल्र्ड में काफी पुराने साथी

Posted By: Inextlive