कुंभ में आपदा से निपटने को तैयार है स्वास्थ्य विभाग

एनडीआरएफ और आर्मी के साथ 11 जनवरी को होगी फाइनल मॉक ड्रिल

PRAYAGRAJ: कुंभ मेले के किसी एरिया में रेड फ्लैग लगा हो और आसपास पुलिस तैनात हो तो समझ लीजिए कि यहां इमरजेंसी लग चुकी है। किसी प्रकार की आपदा ने यहां दस्तक दे दी है। हाल ही यह निर्णय लिया गया है कि मेले के किसी स्थान पर कोई आपदा की स्थिति बनी है तो पुलिस के जवान तत्काल लाल झंडा लगाकर सूचना देंगे। इस एरिया को प्रतिबंधित करने के बाद तत्काल रैपिड रिस्पांस टीम के लोग पहुंचकर पीडि़तों को राहत प्रदान करने का काम करेंगे। पिछले कुंभ में रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ से सबक लेते हुए सरकार ने इस बार आपदा से निपटने के पूरे इंतजाम किए हैं। जिसका जिम्मा स्वास्थ्य विभाग को सौंपा गया है।

हर 500 मीटर पर होगी तैनाती

आपदा किसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कुल 180 लोगों को रैपिड रिस्पांस टीम में शामिल किया गया है। इनको वेल ट्रेंड करने के साथ मेले में प्रत्येक 500 मीटर पर तैनात किया जा रहा है। ताकि दो से तीन मिनट में यह घटनास्थल तक पहुंच सकें। इसके अलावा 1200 हेल्थ वर्कर्स को पहली बार फ‌र्स्ट एड के साथ ट्राइज की ट्रेनिंग दी गई है। यह लोग मौके पर पहुंचकर मरीजों को क्लासीफाइड करेंगे। तय करेंगे कौन सा मरीज दवा पट्टी से ठीक होगा और किस मरीज को एंबुलेंस या एयर एंबुलेंस के जरिए शिफ्ट करना पड़ेगा।

पहली बार मेले में हो रहे इंतजाम

मरीजों को हॉस्पिटल तक पहुंचाने के लिए बनाए जा रहा ग्रीन कारीडोर।

मेले को 36 सर्किल में बांटा गया है और प्रत्येक सर्किल में रैपिड रिस्पांस के 4 लोग तैनात किए गए हैं।

केंद्र सरकार द्वारा प्रोवाइड कराई गई एक डिजास्टर किट से 20 लोगों को दी जाएगी राहत।

हेल्थ वर्कर्स को सीपीआर की दी जा रही है ट्रेनिंग।

शहर के सभी प्राइवेट हॉस्पिटल के वार्डो को मुख्य स्नान पर रिजर्व रखा जा रहा है।

आपदा से अधिक पीडि़तों को लाल और कम प्रभावित पीडि़तों के हाथ में हरी पट्टी बांधी जाएगी।

रेड पट्टी वाले मरीजों को ग्रीन कारीडोर के जरिए हॉस्पिटल तक पहुंचाया जाएगा।

वर्जन

इमरजेंसी में एयर फोर्स करेगी मदद

स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक एयर एंबुलेंस लगाई जा रही है। इससे केवल एक मरीज को ही दूसरे शहरों में इलाज के लिए ले जाया जा सकेगा। अधिक मरीजों के लिए इंतजाम के लिए खुद एयर फोर्स मदद करेगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बताते हैं कि यह अनौपचारिक घोषणा है। लेकिन अगर मरीजों को संख्या एक से अधिक होगी तो एयरफोर्स के विमान भी रेस्क्यू आपरेशन में शामिल होंगे। इसी तरह शहर के तमाम प्राइवेट हॉस्पिटल में अगर आपदा पीडि़त कोई मरीज पहुंच रहा है तो बिना किसी खर्च के तत्काल इलाज के लिए एडमिट करना होगा।

नहीं दोहराना चाहते हैं पिछली घटना

2013 में लगे कुंभ के दौरान रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में 36 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। इस घटना ने कुंभ की आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर सवालिया निशान लगा दिया था। इससे सबक लेते हुए सरकार कोई गलती नही करना चाहती है। सभी प्रकार की आपदा से लड़ने की पूरी तैयारी की जा रही है। 11 जनवरी को फाइनल मॉक ड्रिल होगी। इसमें सेना और एनडीआरएफ के लोग भी शामिल होंगे।

कौन-कौन सी आपदा

-भगदड़

-फायर

-डूबना

-धमाका

-ट्रेन या नाव एक्सीडेंट

-एपिडेमिक

-गैस लीक

बॉक्स

टेररिस्ट अटैक से बचाव की ट्रेनिंग

इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग सेना के साथ मिलकर टेररिस्ट अटैक जैसे हालात से निपटने की तैयारियों में भी लगा है। इसके लिए एनडीआरएफ और आर्मी के साथ पांच जनवरी से इंटरनल ट्रेनिंग शुरू की जा रही है। खासकर आतंकवादियों द्वारा एक्सप्लोसिव और केमिकल अटैक जैसी सिचुएशन से निपटने के लिए विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को पूरी तरह से ट्रेंड किया जाएगा। केंद्र के साथ स्टेट गवर्नमेंट के अधिकारी इस अभियान को पूरा करने में जुटे हैं।

वर्जन

पहली बार है जब स्वास्थ्य विभाग ने इतने बड़े पैमाने पर किसी भी प्रकार से निटपने की तैयारी की है। इसकी जिम्मेदारी भी हमें सौंपी गई है। एक मॉक ड्रिल हो चुकी है और दूसरी होने जा रही है। तैयारियों में कई नई चीजों को भी शामिल किया गया है।

-डॉ। ऋषि सहाय, प्रभारी, आपदा मैनेजमेंट स्वास्थ्य विभाग

जितनी प्रकार की आपदा होने की मेले में संभावना है सभी को लेकर अभ्यास चल रहा है। टेररिस्ट अटैक जैसे हालातों पर भी पहली बार गवर्नमेंट हमें ट्रेंड करने जा रही है। जिससे मेले में आने वालों को तत्काल राहत पहुंचाई जा सके।

-डॉ। एके पालीवाल, अपर निदेशक स्वास्थ्य विभाग

Posted By: Inextlive