-सलमान की फिल्म के बाद बढ़ गई hi-tech bodyguards की demand-पुराने बंदूकधारी की जगह ली smart active और commando look वाले युवाओं ने


फिल्में अक्सर ट्रेंड सेटर होती हैं। सलमान की नई फिल्म ने कितनी कमाई की ये तो पता नही लेकिन इसने बॉडीगाड्र्स के प्रोफेशन को फायदा जरूर पहुंचाया है। फिल्म बॉडीगार्ड के बाद न सिर्फ बॉडीगाड्र्स के प्रति लोगों का नजरिया बदला है बल्कि उनको रखने की डिमांड में इजाफा भी हुआ है। कुछ ने अपने बॉडीगार्ड को साथ में फिल्म दिखाई है तो कुछ ने पुराने बॉडीगार्ड के साथ एक स्मार्ट और हाईफाई बॉडीगार्ड को भी हायर कर लिया।
जहां तेरी यह नजर है
मुझे जो देख रहा है उस पर मेरे बॉडीगार्ड की नजर है। इसलिए मैं बिना किसी डर के कहीं भी मूव कर सकता हूं। यह कहना है फेमस फिल्ममेकर संजीव जायसवाल का। वह अपने साथ चार बॉडीगार्ड रखते हैं और सभी को उन्होंने एक प्रोफेशनल एजेंसी से हायर किया है। उनकी टोली में एक्स सर्विसमैन हैं तो सिविलयन गार्ड भी। बॉडीगार्ड फिल्म उन्होंने अपने सभी बॉडीगाडर््स को दिखाई.    
 पुराने लखनऊ में रहने वाले जाने-माने डॉ। सिद्दीकी के पास सरकारी बॉडीगार्ड है और वह उस पर पूरा भरोसा करते हैं। उनका कहना है कि चूंकि उनका दखल दूसरी कई चीजों में है इसलिए जान पर खतरा बना रहता है। व्यापारी मनीष शुक्ला भी अपने बॉडीगार्ड पर पूरा भरोसा करते हैं, वह कहते हैं कि वैसे तो सभी की जिंदगी का मालिक ऊपरवाला है। जबतक भगवान की मर्जी न हो कोई कुछ नहीं कर सकता लेकिन फिर भी सुरक्षा के कारण वह अपने साथ दो बॉडीगार्ड रखते हैं।
तुरंत कर दी मांग
ड्रीमवल्र्ड रिसॉर्ट के सीईओ मनीष वर्मा के पास पिछले सात वर्षों से एक अंगरक्षक था लेकिन सलमान की फिल्म देखने के बाद उन्हें न जाने क्या हुआ कि उन्होंने एक निजी सुरक्षा एजेंसी से हाइटेक बॉडीगार्ड की डिमांड कर दी। अब वह दो बॉडीगार्ड लेकर चल रहे हैं। एक लठैत टाइप का तो दूसरा एक्स सर्विसमैन कैटेगरी से। मनीष कहते हैं कि बॉडीगार्ड फिल्म देखकर अंदाजा हुआ कि आज के जमाने में किस तरह का बॉडीगार्ड रखना चाहिए.
आने लगी call
फेडरल सिक्योरिटी सर्विसेज के सीईओ अरमान खान कहते हैं कि फिल्म बॉडीगार्ड ने इस पेशे से जुड़े लोगों की इज्जत बढ़ाई है और इससे पूरी ट्रेड को फायदा हो रहा है। जो लोग पहले से सिक्योरिटी गार्ड रखे हुए हैं वह अपने गार्ड को न सिर्फ नई सुविधाएं दे रहे हैं बल्कि एक और गार्ड एम्प्लाय कर रहे हैंं। यही नहीं, नये लोग भी बॉडीगार्ड के लिए क्वेरी कर रहे हैं। कैट सिक्योरिटी एलर्ट के प्रवीन श्रीवास्तव कहते हैं कि बॉडीगार्ड के लिए अब जरूरी है कि उसे टेक्निकल नॉलेज हो। सिर्फ बंदूक लेकर साथ में चलने से कुछ नहीं होने वाला। प्रेजेंस ऑफ माइंड के साथ तुरंत निर्णय लेने की क्षमता किसी भी बॉडीगार्ड के लिए जरूरी है। उनका कहना है कि महानगरों से निकला यह ट्रेंड छोटे शहरों तक पहुंच चुका है और लोग अब ट्रेडिशनल बॉडीगार्ड की जगह युवा और हाईफाई बॉडीगार्ड को तरजीह दे रहे हैं।


बॉडीगार्ड पर खर्चा
सिविलियन बॉडीगार्ड - 10 हजार से 15 हजार
एक्सपीरियेंस्ड सिविलियन - 15 हजार से 20 हजार
एक्स आर्मी सर्विसमैन - 20 हजार से 30 हजार
एक्स एनएसजी / स्पेशल कमांडो फोर्स - 40 हजार से ऊपर

क्या कहते हैं bodyguards
मजाहिर कहते हैं कि उन्हें नौकरी नहीं मिल रही थी, बड़े भाई के दोस्त को किसी ऐसे शख्स की जरूरत थी जो उनके साथ चल सके और खतरे के समय उनकी मदद कर सके। कसरत के शौकीन मजाहिर ने हामी भर दी। ताइक्वांडो ट्रेनिंग के बाद अब वह बाकायदा बॉडीगार्ड का काम कर रहे हैं। टाइगर का असली नाम हीरेन है और वह लखनऊ के एक नामी डाक्टर साहब के साथ साये की तरह चलते हैं, उनकी ज्वाइनिंग एक सिक्योरिटी एजेंसी के जरिए हुई है। वह कहते हैं कि वह इस काम को इंज्वाय करते हैं और डाक्टर साहब की सुरक्षा करते समय अगर उनकी जान भी चली जाए तो उन्हें परवाह नहीं। बाबी के मुताबिक बॉडीगार्ड फिल्म आने के बाद लोगों का नजरिया बदल गया है।

क्या जरूरी है bodyguards के लिए
एक्सपर्ट की नजर में किसी भी बॉडीगार्ड के लिए जरूरी चीजें
-प्रजेंस ऑफ माइंड
- फौरन निर्णय लेने की क्षमता
- बॉडी लैंग्वेज का सही होना
- बॉडीगार्ड का मतलब रखवाला, यह मैसेज क्लियर हो
- पेशे की समझ हो

घरेलू काम मत कराओ
अरमान खान कहते हैं कि बहुत से लोग सिक्योरिटी गार्ड / बॉडीगार्ड रख तो लेते हैं लेकिन उन्हें उनसे कैसे काम लेना है वह नहीं मालूम। अक्सर कंपनी के बॉडीगार्ड फोन कर बताते हैं कि उनका मालिक उनसे सब्जी मंगाता है, घरेलू काम करवाता है तो अफसोस होता है। बॉडीगार्ड का काम आपकी रखवाली करना है। घरेलू काम करना नहीं। इस तरह के काम करने से ध्यान बंटता है।

Posted By: Inextlive