- 4 लाख 50 हजार की हुई थी लूट

- 22 किमी दायरे के सीसीटीवी चेक किये गये

- 2000 कैमरों को खंगाला गया

- 3 लाख 25 हजार लुटेरे के पास से हुए थे बरामद

- राजभवन के सामने गार्ड की हत्या कर अकेला बदमाश लूट ले गया रकम

-हाईसिक्योरिटी जोन में वारदात से दहल गई थी राजधानी

-पुलिस के पास सुराग के नाम पर थी सिर्फ एक सीसीटीवी फुटेज, इंस्पेक्टर की तरकीब ने कातिल को खोज निकाला

pankaj.awasthi@inext.co.in

LUCKNOW : जुलाई 2018..घड़ी शाम के 3.40 बजा रही थी. राजभवन गेट के करीब कानून मंत्री ब्रजेश पाठक के बंगले के सामने एसआईपीएल (सिक्योरिटांस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) कंपनी की कैश वैन पर अकेले हथियारबंद बदमाश ने हमला बोला और गार्ड की हत्या कर नोटों से भरा बैग लेकर फरार हो गया. सरेआम हाईसिक्योरिटी जोन के भीतर दिनदहाड़े घटना ने राजधानी की पुलिसिंग पर सवालिया निशान खड़े कर दिये. लखनऊ पुलिस के साथ एसटीएफ व क्राइम ब्रांच को भी कातिल लुटेरे को पकड़ने के लिये जुटाया गया, लेकिन किसी भी एजेंसी को आरोपी तक पहुंचने का तरीका नहीं सूझ रहा था. इसी बीच एसएसपी की सर्विलांस सेल में तैनात इंस्पेक्टर फरीद अहमद ने जो तरकीब अपनाई वह कातिल को सलाखों के पीछे भेजने में कारगर रही. आइये बताते हैं पूरी घटना और उसके खुलासे के लिये पुलिस की मशक्कत के बारे में-

पहुंचते ही दागने लगा गोलियां

घटना वाली शाम कैश वैन के रुकते ही कस्टोडियन उमेश 44 लाख रुपये से भरे दो बैग लेकर एक्सिस बैंक में चला गया. वैन में सिक्योरिटी गार्ड सीतापुर निवासी इंद्रमोहन शर्मा व ड्राइवर मलिहाबाद निवासी राम सेवक बैठे हुए थे. इसी बीच मुंह में गमछा बांधे एक युवक वहां आ पहुंचा. उसने बिना कुछ बोले ही गार्ड इंद्रमोहन को गोली मार दी. गोली मारने के बाद बदमाश ने ड्राइवर रामसेवक पर फायर किया. लेकिन, उसका निशाना चूक गया और गोली पेट को छूते हुए निकल गई. इस पर राम सेवक वहां से शोर मचाते हुए जान बचाकर भागा. तभी बदमाश ने वैन में एचडीएफसी बैंक में देने के लिये रखे नोटों से भरे दो बैग निकाल लिये और उन्हें लेकर एक्सिस बैंक गेट की ओर दौड़ पड़ा. बैंक में बैग देकर लौट रहे कस्टोडियन उमेश ने जब बदमाश को नोटों का बैग लेकर भागते देखा तो वह उसके पीछे भागा.

ट्रैफिक के बीच ताबड़तोड़ फायरिंग

उमेश को अपनी ओर आता देख बदमाश ने उस पर फायर कर दिया. गोली उमेश के बाएं पैर में लगी और वह सड़क पर धराशायी हो गया. इसी बीच रोड के दूसरी ओर से यह देख रहा राम सेवक बदमाश के पास भागते हुए आ पहुंचा और उससे बैग छीनने लगा. बीच सड़क संघर्ष होता देख उधर से गुजर रहे राहगीर प्रभात पांडेय ने भी बदमाश का विरोध करने की कोशिश की. पर, उसने उन पर भी पिस्टल तान दी. इसी बीच रामसेवक बदमाश से एक बैग छीनकर बैंक के भीतर भाग गया. बदमाश बाकी बचे बैग को कंधे में टांगा और एक्सिस बैंक के गेट के बगल में खड़ी अपनी सफेद रंग की टीवीएस स्टार बाइक से सुल्तानपुर रोड की ओर फरार हो गया.

अकेले बदमाश की हिम्मत से हैरान रह गए अफसर

अकेले बदमाश की हिम्मत ने पुलिस अफसरों को भी हैरान कर दिया था. पुलिस के पास एक्सिस बैंक के गेट पर लगे सीसीटीवी कैमरे की सिर्फ एक फुटेज थी. इस फुटेज में बदमाश की धुंधली तस्वीर और उसकी सफेद रंग की बाइक ही कैद हो सकी. बाइक का नंबर भी फुटेज में दिखाई नहीं दे रहा था. कयास लगाए जाने लगे कि वारदात को अंजाम देने वाला कोई प्रोफेशनल बदमाश है, जो ऐसी वारदातों को अंजाम देने में माहिर है. जांच में जुटी पुलिस टीमों ने ऐसे बदमाशों का रिकॉर्ड खंगालना शुरू किया. जबकि, एक टीम सफेद रंग की टीवीएस स्टार बाइक की पड़ताल के लिये आरटीओ ऑफिस में डट गई. पर, सफलता नहीं मिल रही थी.

इंस्पेक्टर की तरकीब ने दिलाई सफलता

अलग-अलग टीमें अपने-अपने तरीके से बदमाश को तलाशने में जुटी थीं, इसी बीच एसएसपी की सर्विलांस सेल में तैनात इंस्पेक्टर फरीद अहमद ने बदमाश को तलाशने के लिये दूसरी तरकीब आजमाई. उन्होंने घटनास्थल से पैदल ही सफर शुरू किया और रोड किनारे लगे सीसीटीवी प्राइवेट सीसीटीवी कैमरों की लिस्ट बनाई. इसके बाद उन्होंने घटना के ठीक बाद के समय की फुटेज खंगालनी शुरू की. तरकीब काम आई और बदमाश इन फुटेज में कैद होता दिखाई देने लगा. चार दिन तक सीसीटीवी फुटेज के जरिए बदमाश का पीछा करते हुए टीम हजरतगंज, लालबाग, ओडियन सिनेमा, लाटूश रोड, मकबूलगंज, छितवापुर रोड, चारबाग, आलमबाग होते हुए कृष्णानगर स्थित बदमाश के घर तक जा पहुंची. हालांकि, बदमाश रायबरेली निवासी विनीत वहां नहीं मिला बल्कि, पुलिस ने उसके कमरे से वारदात में इस्तेमाल बाइक, जूते व कपड़े जरूर बरामद कर लिये. आखिरकार, दो दिनों बाद आरोपी विनीत बछरावां से दबोच लिया गया और घटना का खुलासा हो गया.

खुलासे के सूत्रधार

बदमाश की तलाश में टीमें लगी थीं लेकिन उसका सुराग नहीं लग रहा था. मैने सोचा कि क्यों न रोड किनारे लगे प्राइवेट सीसीटीवी कैमरों को चिन्हित कर उनकी फुटेज देख बदमाश का पीछा किया जाए. यह तरकीब काम आई और मैं अपनी टीम के साथ बदमाश के कृष्णानगर स्थित घर तक जा पहुंचा. यह तरकीब इस ब्लाइंड केस को सॉल्व करने में बखूबी काम आई.

इंस्पेक्टर फरीद अहमद

तत्कालीन प्रभारी सर्विलांस सेल

Posted By: Kushal Mishra