कुंभ में होने वाले दो दिवसीय धर्म संसद में तय होगी राम मंदिर आंदोलन की दिशा

आएंगे हजारों कार्यकर्ता, सबरीमाला विवाद और राम मंदिर निर्माण पर अडिग विहिप

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PRAYAGRAJ: अयोध्या में श्री राम जन्म भूमि मंदिर का निर्माण कब और किस तरह से होगा, इसका फैसला कहीं और नहीं बल्कि प्रयागराज में चल रहे कुंभ में होगा। इसके लिए 31 जनवरी और एक फरवरी को धर्म संसद का आयोजन किया गया है। धर्म संसद में देश भर के साधू संत मिल कर आंदोलन की दिशा तय करेंगे। सरकार चाहे जो कहे, विश्व हिंदू परिषद की एक ही मांग है कि कानून बनाकर राम मंदिर निर्माण कराया जाए। विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने बुधवार को शिविर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह स्पष्ट किया।

शुरू हुई अ‌र्द्ध वार्षिक बैठक

परांडे ने बताया कि विहिप की अ‌र्द्ध वार्षिक बैठक कुंभ मेला क्षेत्र में आयोजित की गई है। इसमें पूरे देश से करीब एक हजार कार्यकर्ता शामिल होंगे। बैठक में दो प्रमुख मुद्दे होंगे। सबरीमाला आंदोलन और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण।

आस्था पर चोट बर्दाश्त नहीं

सबरीमाला इस समय दक्षिण का अयोध्या बन गया है। वहां हजारों कार्यकर्ता रोज पहुंच रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय दिया है और कम्युनिस्ट सरकार जिस तरह उसे लागू करने का प्रयास कर रही है उससे हिंदू समाज में आक्रोश है। सबरी माला में प्रति वर्ष साढ़े पांच करोड़ लोग दर्शन करने जाते हैं। विहिप की मांग है कि हिंदू ट्रेडिशन में किसी भी तरह का हस्तक्षेप सरकार और न्यायालय न करें। आस्था पर चोट पहुंचाई गई तो आंदोलन तेज होगा।

राम मंदिर कोर्ट की प्राथमिकता में नहीं

उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए लगातार आंदोलन और सभा हो रही है। विश्व हिंदू परिषद की मांग है कि कानून लाकर श्री राम जन्म भूमि मंदिर का निर्माण कराया जाए। सुप्रीम कोर्ट के प्रति पूर्ण श्रद्धा है, लेकिन वह कब तक निर्णय देगा इसके बारे में हम आश्वस्त नहीं हैं। 29 अक्टूबर को तीन मिनट और अभी हाल ही में कुछ सेकेंड में निर्णय लिया गया। राम मंदिर का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट की प्राथमिकता में नहीं है। 31 जनवरी और एक फरवरी को राम मंदिर निर्माण को लेकर कुंभ मेला में धर्म संसद होगी। इसमें आंदोलन की अगली दिशा संत तय करेंगे। विहिप की मांग है कि कानून बनाकर निर्माण कराया जाए।

Posted By: Inextlive