-पैसेंजर्स की मजबूरी और भूख का वेंडर उठा रहे हैं फायदा

-प्लेटफॉर्म नंबर 8,9,10 पर हो रही अवैध वेंडरिंग

ALLAHABAD: जंक्शन पर चाहे जितने सीसीटीवी कैमरे लगा लें चाहे अधिकारियों की तैनाती कर दें। इसके बाद भी इलाहाबाद जंक्शन के प्लेटफॉर्मो पर अवैध वेंडिंग बंद होने वाली नहीं है। कुछ ही दिनों पहले नए डीआरएम द्वारा निरीक्षण के दौरान अवैध वेंडिंग पर निगरानी के बाद भी अवैध वेंडिंग का सिलसिला जारी है। सोमवार को दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने प्लेटफॉर्म नंबर आठ की हकीकत जानी

प्लेटफॉर्म नंबर 8, समय 1.30 बजे

दोपहर 1.40 पर पवन एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची। ट्रेन पहुंचने के पांच मिनट पहले ही प्लेटफार्म पर खीरा, समोसा, पूड़ी के साथ ही अन्य सामानों का बाजार लग गया। करीब तीन घंटे देरी से पहुंची पवन एक्सप्रेस के प्लेटफार्म पर लगते ही पैसेंजर्स खाने-पीने के सामानों पर टूट पड़े। स्थिति ये रही कि वेंडर ने जो रेट बताया, उसी के हिसाब से पैसे चुकाए और सामान लेकर खाना शुरू कर दिया।

वेंडर उठा रहे हैं फायदा

घंटों लेट चलने से पैसेंजर्स जो खाने का सामान लेकर चल रहे हैं खराब हो जा रहा है। इसका ही फायदा वेंडर्स उठा रहे हैं। हालत यह है कि पांच पूड़ी, सब्जी, अचार वाला पंद्रह रुपए का जनता मील पैकेट गायब कर 30 रुपए में मैदा की दो मोटी-मोटी पूड़ी और एक प्लेट में थोड़ी सी सब्जी बेच रहे थे। वहीं 15 रुपए के रेट वाला रेल नीर 20 रुपए में बेचा जा रहा था।

हाय रे लूट

पंद्रह रुपए में एक खीरा

जंक्शन पर किस तरह से लूट मची हुई है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां खीरा भी 15 रुपए का एक बेचा जा रहा है। जबकि मार्केट में खीरा 40 रुपए प्रतिकिलो है।

20 रुपए में तीन समोसा

प्लेटफार्म पर आईआरसीटीसी द्वारा निर्धारित फूड आइटम के अलावा कोई भी सामान बेचना अवैध है। इसके बाद भी 20 रुपए में तीन समोसा बेचा जा रहा है।

अवैध वेंडिंग का अड्डा प्लेटफार्म 7 से 10

दिल्ली-हावड़ा रूट पर अप और डाउन लाइन की ज्यादातर ट्रेनें प्लेटफार्म नंबर एक से छह पर रुकती हैं। जबकि मुंबई, वाराणसी, लखनऊ रूट की ट्रेनें प्लेटफॉर्म नंबर सात, आठ, नौ, दस पर ही रुकती हैं। लेकिन इन प्लेटफॉर्मो पर रेलवे अधिकारियों के साथ ही आरपीएफ, जीआरपी को भी इन प्लेटफार्मो पर एक्टिव अवैध वेंडरों को आशीर्वाद दे रखा है।

हर रोज लाखों की कमाई

प्लेटफार्म नंबर 7 से 10 पर ओवरचार्जिग और मनमाना वसूली की गणित पर नजर दौड़ाएं तो हर रोज लाखों रुपए की कमाई होती है।

30 रुपए में बिकती है दो पूड़ी और एक प्लेट सब्जी।

10 रुपए के करीब आती है प्रति प्लेट इसकी लागत।

4-5 हजार प्लेट पूरी-सब्जी बिक जाती है प्लेटफार्म नंबर सात, आठ, नौ, दस पर हर रोज।

1.5 लाख रुपए के आस-पास पूरी-सब्जी से होती है कमाई।

03-04 लाख पहुंचता है अवैध कमाई का आंकड़ा, अगर खीरा, समोसा, छोला चावल, मिनरल वाटर पर हो रही ओवरचार्जिग को शामिल कर लें।

कॉलिंग

प्लेटफार्म पर पूरी-सब्जी बेचने वाला वैध हैं या अवैध, इससे हमें क्या मतलब? हम तो यही जानते हैं कि प्लेटफॉर्म पर बेच रहा है तो सही ही होगा और वह जो रेट लगा रहा है, वह भी उचित ही होगा।

-राजू, यात्री

कोई भी स्टेशन हो निर्धारित रेट पर कुछ भी नहीं मिलता है। एक कप चाय भी नहीं। तो फिर ऐसे में विवाद करने का क्या मतलब। दुकानदार जो रेट बताता है, उसे देना मजबूरी है।

-आरिफ, यात्री

वर्जन-

प्लेटफार्म और ट्रेनों में अवैध वेंडिंग करने वालों पर नजर रखी जा रही है। सीसीटीवी फुटेज से निगरानी की जा रही है। अवैध वेंडरों को बख्शा नहीं जाएगा। इस महीने कई अवैध वेंडरों को पकड़ा गया है। कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।

-सुनील कुमार गुप्ता

पीआरओ

इलाहाबाद मंडल

Posted By: Inextlive