RANCHI : खूंटी जिले के अक्ता गांव में डायन-बिसाही का आरोप लगाकर जिस परिवार को गांव वालों ने बहिष्कृत कर गांव से बाहर कर दिया था, उसे गैरों ने आश्रय दिया है। आशा एनजीओ के संचालक अजय कुमार ने इस परिवार की दोनों बच्चियों के पढ़ाने-लिखाने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने पुरगुन कच्छप और शनिचरो कच्छप का एडमिशन तुपुदाना ओपी के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय में करा दिया है। दोनों ही तीसरी कक्षा की छात्रा हैं।

हॉस्टल में रहेगी बच्चियां

डायन बिसाही की वजह से गांव से निकाली गई दोनों बच्चियां अब संस्थान के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करेंगी। इस हॉस्टल में अभी सौ के करीब बच्चे-बच्चियां रह रही हैं। ये वैसे बच्चे-बच्ची हैं, जिनके माता-पिता कमाने की खातिर दूसरे राज्यों में रहते हैं।

जान से मार देने की धमकी

डायन बिसाही का आरोप लगाकर रविवार को अक्ता गांव से एक परिवार को गांव वालों ने गांव से बाहर जाने का फरमान जारी कर दिया था। इन्हें यह भी कहा गया था कि अगर गांव में रहना है तो चार लाख रुपए देने होंगे। रुपए नहीं देने पर जान से भी मार देने की धमकी दी गई थी। ग्रामीणों के डर की वजह से यह परिवार उसी रात ग्रामीणों से बचते हुए रांची आ गया था।

रंगदारी मांगने के आरोपियों को जेल

लोअर बाजार पुलिस ने रंगदारी के आरोपी इमरान उर्फ राजा और हत्या करने के प्रयास के आरोप में नीलेश कुमार वर्मा, शाहिद अंसारी व एक अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इनकी गिरफ्तारी का वारंट पहले ही कोर्ट ने जारी किया था।

बेथल मिशन होम भेजा गया बरामद बच्चा

सेंट जॉन हॉस्टल से लापता छात्र सुमित मांझी को लोअर बाजार पुलिस भुवनेश्वर से बरामद कर रांची ले आई। यहां आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद बच्चे को बेथल मिशन होम बोड़ेया भेज दिया गया। गौरतलब है कि सुमित मांझी एक अक्टूबर से हॉस्टल से लापता था। पुलिस ने उसे बेहोशी की हालत में भुवनेश्वर से बरामद किया था।

Posted By: Inextlive