- बारादेवी स्थित एसडी हॉस्पिटल में आर्गनाइज किया गया 'मिलेनियल्स स्पीक', दैनिक जागरण आई नेक्स्ट व रेडियो सिटी के साथ यूथ ने शेयर किए अपने चुनावी मुद्दे

kanpur@inext.co.in

kanpur : लोकसभा चुनाव आते ही राजनैतिक पार्टियां एक दूसरे पर आरोप और प्रत्यारोप लगाना शुरू कर देती हैं. कोई बेरोजगारों को भत्ते की बात कर रहा है तो कोई किसानों को कर्ज माफ कर अपने झांसे में लेना चाहता है. वहीं, यूथ देश हित को सर्वोपरि रख कर देश के दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने वाली पार्टी पर अपना विश्वास जता रहे हैं. वेडनेसडे को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट और रेडियो सिटी आरजे राघव पहुंचे बारादेवी स्थित एसडी हॉस्पिटल में, जहां यूथ ने अपने चुनावी मुद्दे हमसे शेयर किए.

नेताओं को आनी चाहिए शर्म

सबसे पहले हमने एक दूसरे से इंट्रोडक्शन किया. इसके बाद एक एक कर यूथ ने अपने चुनावी मुद्दे रखने शुरू किए. यूथ के मन में आने वाली पीढ़ी के ब्राइट फ्यूचर को लेकर एक पॉजिटिव सोच दिखाई दी. मनोज प्रजापति ने कहा कि वोट मांगने वाले की मानसिकता समझना बहुत जरूरी है. उन पार्टियों के नेताओं को तो शर्म करनी चाहिए, जो सिर्फ एक पार्टी को नीचा दिखाने के पीछे आपस में हाथ मिला चुके हैं. वो जनता को मूर्ख समझते हैं, जो उनकी बहुत बड़ी भूल है. देश के हित में काम करने वाली ही सरकार चाहिए. हमारा वोट ऐसे ही नेता को जाएगा, जो देश हित की बात करे और जनता की सेवा करने को तत्पर रहे.

एजूकेशन और हेल्थ पर हो फोकस

अशोक श्रीवास्तव ने कहा कंट्री में एजूकेशन और हेल्थ पर फोकस होना चाहिए. प्रजेंट गवर्नमेंट ने हेल्थ में काफी अच्छे काम किए हैं. एंबुलेंस की संख्या बढ़ी है और डॉक्टर्स में मरीजों का इलाज करने को लेकर जागरुकता देखी जा रही है. शायद ये गवर्नमेंट का ही डर था, जो हेल्थ के क्षेत्र में इतने सुधार हुए हैं. एजूकेशन के क्षेत्र में और भी काम किए जा सकते हैं. गवर्नमेंट स्कूलों में पढ़ाने वाले टीचर्स आज भी आराम फरमाते दिख जाते हैं. इस ओर कुछ चेंजमेंट करने की जरूरत है. हमें लगता है कि अगर टीचर्स पर सख्ती होगी तो शिक्षा में पारदर्शिता भी आएगी.

गवर्नमेंट के साथ पब्लिक की भी ड्यूटी

डॉ. सतीश गुप्ता ने इस बात पर सहमति जताई और अपनी बात रखते हुए कहा कि वो ऐसे नेता को वोट देंगे जो कंट्री में डेवलपमेंट की बात करे. उन्होंने लोगों के सिविक सेंस पर उंगली उठाते हुए कहा कि सिर्फ गंगा सफाई जैसे अभियान चलाने से गंगा साफ नहीं होंगी. इसके लिए नागरिकों को भी सोचना होगा. इतने साल बाद भी लोग गंगा में कूड़ा, पॉलीथिन बहाते हुए देख जा सकते हैं. घरों के बाहर आज भी कूड़े का ढेर लगा दिखता है. इस मानसिकता को बदलने की जरूरत है. कहा नेता डेवलपमेंट की बात करतें हैं, लेकिन किसी योजना के धरातल पर आने में सालों लग जाते हैं. अपनी बात पर अटल रहने वालों को ही गवर्नमेंट चलाने का अधिकार है. बहुत सालों बाद लोगों को एक अच्छी सरकार मिली है तो उन्हें बिना किसी रुकावट के काम करने दें.

करप्शन पर होना चाहिए तगड़ा प्रहार

योगेंद्र, ज्योति ने कहा कि चुनाव से पहले नेता लुभावने वादे करते हैं. चुनाव जीतने के बाद नेता सिर्फ अपनी जेब भरने के लिए काम करते हैं. अपनी पॉवर का भी पुलिस प्रशासन पर रौब झाड़ कर गलत इस्तेमाल करते हैं. प्रेजेंट गवर्नमेंट ने सख्ती की है, इसे बरकरार रखना होगा. इस तरह के करप्शन पर तगड़ा प्रहार होना चाहिए कि दोबारा करप्शन करने वाला भी सोचे. छोटे से काम से लेकर बड़े स्तर के काम तक बिना रिश्वत लिए कोई काम ईमानदारी से नहीं होता है. ऐसे लोगों का पक्ष नहीं, बल्कि कार्रवाई होनी चाहिए. हमारे शहर में हो रहे निर्माण कार्यो में भी करप्शन के कारण ही मजबूती नहीं आ पाती है. सड़कें महीनों में ही पुरानी स्थिति में पहुंच जाती हैं. सख्त गवर्नमेंट को ही हमारा वोट जाएगा.

गवर्नमेंट ने दर्शाई पॉजिटिव सोच

पवन, अवनीश और नेहा ने कहा कि दिखावे के लिए नियम कानून नहीं बनने चाहिए. गवर्नमेंट का कानून पर गंभीर होना जरूरी है. खुद कानून का पालन करेंगे तो लोगों में भी डर होगा. वीआईपी कल्चर को खत्म करने का फैसला प्रेजेंट गवर्नमेंट ने लिया, जो गवर्नमेंट की पॉजिटिव सोच का दर्शाता है. हमारी कंट्री में जब तक लोगों में डर नहीं होगा तब तक डेवलपमेंट करना और सिस्टम लागू कर पाना मुश्किल होगा. ऐसी सरकार चाहिए, जो छोटे छोटे मुद्दों को भी सुलझाने के लिए कानून लाए. सिविक सेंस की कमी दिखने पर गवर्नमेंट को आम नागरिकों से भी जुर्माना वसूल करना चाहिए.

----------------------

मिलेनियल्स वर्जन-

- युवाओं को डेवलपमेंट, नौकरी और योजनाओं का लाभ चाहिए न कि पार्टियों का महागठबंधन.पढ़ाई लिखाई करने के बाद यूथ को देश और अपना घर छोड़ कर नहीं जाना चाहिए. गवर्नमें से मिल रही मदद का फायदा उठाना चाहिए.

-

- गवर्नमेंट के साथ लोगों को खुद भी सिविक सेंस जगाने की जरूरत है. जहां रहते हैं, वहां साफ सफाई बहुत जरूरी है. अगर हम अपने घरों के आसपास सफाई रखें तो नगर निगम को भी इस पर काम करना होगा.

-

- शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम हो रहा है. इस फील्ड में और भी सुधार होने चाहिए. पहले जहां गरीबों को इलाज नहीं मिल पाता था, वहां आज उन्हें आसानी से इलाज मिलने लगा है. प्रेजेंट गवर्नमेंट से सीख लेने की जरूरत है.

-

- वर्तमान चल रही मुद्रा योजना का लाभ जरूरतमंद को मिला है. लेकिन, निचले स्तर पर बैठे भ्रष्ट कर्मचारियों को सबक सिखाने के लिए एक कमेटी का गठन होना चाहिए. योजनाएं अच्छी है, लेकिन उसके इम्प्लीमेंट की जरूरत है. डेवलपमेंट के नाम पर हम काफी पीछे हैं. हमें इस ओर भी काम करने की जरूरत है.

-

- करप्शन के मुद्दे पर गवर्नमेंट अगर सख्त हो जाए तो अंतर नजर आने लगेगा. इसे पूरी तरह से रोकने के लिए गवर्नमेंट को अपना बेस्ट देना होगा. कुछ नेता तो सिर्फ जेब भरने के लिए चुनाव लड़ते हैं और जीतने के बाद उन्हें जनता से कोई मतलब नहीं होता है.

-

- सिर्फ नेताओं के वादों पर ही अपना वोट वेस्ट न करें. यह हमें ही समझने की जरूरत है कि वोट किसको देना है. अपने चुनावी मुद्दे की अहमियत समझ कर हमें वोट करना चाहिए. नेता ऐसा हो जो सभी को साथ लेकर चल सके.

-

- अगर लोगों को स्टडी और जॉब के लिए कंट्री से बाहर जाना पड़े तो यह बहुत ही गलत बात है. ऐसी गवर्नमेंट को ही चुनना चाहिए, जो इस ओर काम करे. यूथ को अपनी काबलियत के अनुसार यहां ही सब कुछ मिल जाए तो कोई कंट्री न छोड़े.

-

------------------------

राघव वर्जन

जब बात सिविक सेंस की आती है, तो कहीं न कहीं एजूकेशन भी कठघरे में खड़ी हो जाती है. यानी ऐसे लोगों में सिविक सेंस की ज्यादा कमी देखी जा सकती है, जिन लोगों में एजूकेशन की कमी होती है. सिविक सेंस जगाने के लिए गवर्नमेंट कोई योजना नहीं लांच कर सकती है. इसे हमें खुद ही समझना होगा. करप्शन पर भी पूरी तरह से तभी रोक लगेगी, जब हम करप्शन का हर स्तर पर विरोध करें. ----

Posted By: Manoj Khare