जून माह के अंत तक बिजली थाने को मिल सकेगी पुलिस

जनवरी माह में बिजली थाने की होनी थी शुरुआत

Meerut. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद प्रदेश के 75 जिलों में बिजली चोरों पर अंकुश लगाने और बिजली चोरी से संबंधित जांच और एक्शन के लिए थाना खोला जाना था. मगर आदेश के करीब तीन साल बीत जाने के बाद भी थाने नहीं खुल सके हैं. हालांकि मेरठ में एक बार फिर बिजली थानों की कवायद तेज हो गई है. आचार संहिता के हटते ही मुख्यालय स्तर पर जून माह में सभी जनपद में एक-एक बिजली थाने की शुरुआत का आदेश भी जारी किया जा चुका है. ऐसे में बिजली विभाग की तरफ से तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं.

पहले कुंभ फिर चुनाव

बिजली चोरी पर अंकुश लगाने के लिए गत वर्ष बिजली थाने की योजना पर काम शुरू किया गया था. इसके तहत कंकरखेड़ा में मेरठ जनपद का पहला बिजली थाना तैयार किया गया था, जिसकी शुरुआत इस साल जनवरी माह में होनी थी. बिजली विभाग ने अपने स्तर पर जेई लेवल के अधिकारी भी नियुक्त कर दिए थे लेकिन फोर्स की उपलब्धता न हो पाने के कारण यह प्रक्रिया अधर में अटक गई. इसके बाद कुंभ मेले और फिर चुनाव में व्यस्त फोर्स की वजह से बिजली थाने की योजना परवान नहीं चढ़ सकी.

तैयार पहला बिजली थाना

बिजली विभाग की तरफ से कंकरखेड़ा सब स्टेशन की बिल्डिंग में ही बिजली थाना तैयार किया जा चुका है. मगर बिजली चोरी की सूचना पर एक्शन लेने और धरपकड़ करने के लिए पुलिस फोर्स की दरकार है. यह फोर्स मुख्यालय स्तर से ही प्रत्येक जनपद में दी जानी है.

फैक्ट्स

कंकरखेड़ा में तैयार मेरठ का पहला बिजली थाना.

सिर्फ विद्युत विभाग के मामलों में होगी एफआईआर, धरपकड़ और जांच.

विद्युत विभाग के अवर अभियंता होंगे थाने के प्रभारी.

पुलिय मुख्यालय से एसआई स्तर के अधिकारी होंगे विजिलेंस टीम के प्रभारी.

विजिलेंस टीम को थाने से जारी होगे हथियार.

थाने में बिजली चोरी, शंटिंग, कटिया आदि के मामलों पर एफआईआर से लेकर कार्रवाई तक का होगा काम.

थाने में होगी तैनाती

1 इंस्पेक्टर

2 सब इंस्पेक्टर,

16 महिला व पुरुष सिपाही

2 लाइन मैन

बिजली विभाग की तरफ से जगह और स्टाफ तैयार है लेकिन इस कवायद में फोर्स की कमी के कारण योजना रूकी हुई है. अब आचार संहिता खत्म हुई तो संभवता योजना जल्द शुरू होगी.

संजीव राणा, एसई

Posted By: Lekhchand Singh