KANPUR:

बेकनगंज की तंग गलियों में कुछ दिनों बाद जिस घर में बच्चे की किलकारियां गूंजनी थी। वहां अब मातम पसरा है। हर चेहरे पर मुस्कान की जगह आंसू हैं। पूरा परिवार सदमे में है। हम बात कर रहे हैं हिस्ट्रीशीटर शानू बादशाह के घर की, जिसका मर्डर सरेशाम मंडे रात को उसके घर के नीचे कर दिया गया। शानू के मर्डर के साथ ही और भी कई 'मर्डर' हो गए। अपराध शानू ने किया और सजा मिल रही पूरे परिवार को। वो तो चला गया लेकिन जो अभी इस दुनिया में आया ही नहीं यानि उसका बच्चा जो उसकी पत्नी के गर्भ में है और कुछ दिनों बाद ही इस दुनिया में आने वाला है। जरा सोचिए उस मासूम के बारे में। जुर्म की दुनिया में कदम रखने के बाद अपराधी कितना भी चाहे की वो पीछे हो जाए लेकिन वो ऐसा नहीं कर पाता और फिर वो तो दुनिया से चला जाता है लेकिन अपने साथ कई और की 'हत्या' कर जाता है शानू के घर पहुंची आई नेक्स्ट टीम को वहां का नजारा कुछ ऐसा ही नजर आया।

और वो दहाड़े मारकर रोने लगी

शानू की मौत की खबर से पत्नी निशा का गहरा सदमा लगा है। उसके आंसू सूख गए है। उसे अहसास नहीं है कि उसके पेट में बच्चा है। वो न तो कुछ खा रही है और न ही कुछ बोल रही है। वो बस इस उम्मीद से गेट की ओर देख रही है कि अभी शानू घर आएगा और उसको बुलाएगा। वो जिन्दा लाश की तरह है। उसे कुछ और न हो जाए। इसको लेकर परिजन घबराए हुए है। वो निशा को रुलाने की कोशिश कर रहे है, लेकिन उसकी आंख से एक आंसू भी नहीं गिर रहा है। निशा का भाई समेत अन्य रिश्तेदार उसे रुलाने के लिए जैसे ही शानू के शव के पास ले गए, वो दहाड़े मारकर रोने लगी।

मोहब्बत से छुड़ा दिया था अपराधियों से नाता

हिस्ट्रीशीटर शानू बादशाह बुरी संगत में बिगड़ गया था। उसने कालू कार्लोस के साथ जरायम की दुनिया में कदम रखा था। उसकी एक साल पहले फुफेरी बहन निशा से शादी हुई थी। वो निशा से बेहद मोहब्बत करता था। परिजनों के मुताबिक वो शादी के बाद बदल गया था। निशा ने उसे प्यार का वास्ता देकर अपराधियों का साथ छुड़ा दिया। जिसके बाद उसने बिल्टी छुड़ाने और चूड़ी का काम शुरू किया। यहीं बात कालू कार्लोस को अखर रही थी। वे शानू को बुलाते थे, लेकिन शानू उनके पास नहीं जाता था। जिससे उनकी बीच खाई बढ़ती गई और दुश्मनी में बदल गई।

ख्8 मार्च को एनिवर्सरी में शानू के साथ घूमने गई थी

हिस्ट्रीशीटर शानू बादशाह की ख्8 मार्च को एनिवर्सरी थी। शानू उस दिन पत्नी निशा को घुमाने ले गया था। निशा बेहद खुश थी, लेकिन उसे क्या पता था कि उसका और शानू का कुछ दिनों का साथ है। उसकी यह खुशी छिनने वाली है। उसे पति की मौत का गहरा सदमा लगा है। उसकी आंख के आंसू सूख गए है। वो किसी से कुछ बोल नहीं रही है। उसने संडे से कुछ खाया भी नहीं है। परिजनों को डर है कि इसका असर उसके बच्चे पर न पड़े।

बच्चे का भी मुंह भी नहीं देख पाया

शानू अपने होने वाले बच्चों को लेकर काफी खुश था। वो रविवार को निशा को डॉक्टर के पास ले गया था। डॉक्टर ने क्9 अप्रैल को डिलेवरी की डेट थी। उसके बच्चे को कुछ न हो। इसके लिए वो निशा को कोई काम करने नहीं देता था।

Posted By: Inextlive