-शहर में 50 परसेंट से ज्यादा बहुमंजिला इमारतों में आग को लेकर सेफ्टी नॉ‌र्म्स पूरे नहीं, फायर डिपार्टमेंट से एनओसी भी नहीं

-बिल्डर्स बिना एनओसी के बेच दे रहे फ्लैट, सिर्फ नोटिस देने के अलावा फायर विभाग के पास नहीं कार्रवाई का कोई अधिकार

-आग लगने पर भारी तबाही मच सकती हैं बिल्डिंग्स में, सब कुछ जानने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी हैं खामोश

kanpur@inext.co.in

kanpur : सूरत में बहुमंजिला इमारत में लगी आग ने 20 बच्चों की जिंदगी छीन ली. इसी के साथ एक बार फिर से बिल्डिंगों में आग से सुरक्षा के इंतजामों को लेकर पूरे देश में चर्चाएं शुरू हो गई. शहर में भी प्रशासन ने फायर डिपार्टमेंट के साथ मिलकर कई कोचिंग सेंटर्स पर छापेमारी की और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होने पर उन्हें नोटिस दी. लेकिन, सच्चाई ये है कि आज भी कोचिंग में पढ़ने वाले बच्चों के साथ ही शहर की 50 परसेंट से ज्यादा इमारतों में आज भी मौत से बचने का कोई रास्ता नहीं है.

हर बार खेला जाता नोटिस का खेल

विभागीय आंकड़ों की मानें तो शहर में 50 परसेंट से ज्यादा इमारतों में आग को लेकर सेफ्टी नॉ‌र्म्स पूरे नहीं हैं. बिना मानक के ही इमारतों में रहने वाले लाखों लोगों की जिंदगियां दांव पर लगी हुई हैं, लेकिन फायर डिपार्टमेंट के पास सिर्फ नोटिस भेजने के अलावा कोई अधिकार नहीं हैं. यानी विभाग जानता है कि किन बिल्डिंग्स में आग लगने पर तबाही हो सकती है, इसके बाद भी वो सिर्फ संबंधित को नोटिस देने की कार्रवाई ही कर सकता है. विभागीय सूत्र बताते हैं कि अगर जिला प्रशासन चाहे तो ऐसी इमारतों को सील करने की कार्रवाई कर सकता है. लेकिन, अधिकारी किसी पचड़े में पड़ने से बचने के लिए कार्रवाई से बचते हैं.

जानबूझ कर डाल दीं खतरे में सैकड़ों जानें

सीएफओ एमपी सिंह के अनुसार शहर में कई बिल्डर्स हैं, जो फायर एनओसी के लिए अप्लाई करते हैं. लेकिन, एनओसी मिलने से पहले ही उन्होंने अपार्टमेंट के फ्लैट्स लोगों को बेच दिए. वहीं, जब बिल्डिंगों में निरीक्षण किया गया तो पता चला कि वहां मानक ही पूरे नहीं थे. इस तरह अपार्टमेंट्स को एनओसी तो नहीं मिली, लेकिन बिल्डर्स ने सैकड़ों लोगों की जान उनकी जानकारी के बिना ही खतरे में डाल दी. उन्होंने इसी तरह कल्याणपुर स्थित एक अपार्टमेंट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 1.50 मीटर चौड़ाई की सीढि़यां होनी चाहिए थी, लेकिन अपार्टमेंट में सिर्फ 1 मीटर चौड़ी सीढि़यों का ही निर्माण कराया गया. वहीं, 30 मीटर का कहीं भी ट्रैवलिंग डिस्टेंस भी नहीं दिया गया, जो फायर सेफ्टी में बहुत बड़ी खामी है. ये तो सिर्फ एक एग्जाम्पल है, शहर में इसी तरह से सैकड़ों इमारतें आज खतरे के मुहाने पर खड़ी हैं.

°Ù¥æðâè ·ð¤ çÜ° ÁM¤ÚUè ãUñ´ ×æÙ·¤

- vz ×èÅÚ â𠪤¢¿è Øæ z®® ß»ü ×èÅÚ âð …ØæÎæ °çÚØæ ×ð´ çÙç×üÌ §×æÚÌ ·¤æð ȤæØÚ °Ù¥æðâè ÜðÙæ ¥çÙßæØü ãUñ.

- ¥ÂæÅü×ð´Å ×ð´ §ÙÚ SÅðØâü ·ð¤ ¥Üæßæ ¥»Ü âð ȤæØÚ S·ð¤Â ãUæðÙæ ¿æçãU°, Áæð çÕçËÇ¢» ·ð¤ ÕæãUÚ âð âèŠææ »ýæ©¢Ç âð ÁéǸæ ãUæð.

- vz-wy ×èÅÚ â𠪤¢¿è §×æÚÌæð¢ ×ð´ z® ãUÁæÚ ÜèÅÚ ÿæ×Ìæ ·¤æ ¥¢ÇÚ»ýæ©¢Ç ¥æñÚ z ãUÁæÚ ÜèÅÚ ÿæ×Ìæ ·¤æ ßæÅÚ Åñ´·¤ ÀÌ ÂÚ ãUæðÙæ ¿æçãU°.

- âðÅU Õñ·¤ (§×æÚÌ ·Ô¤ ¿ôÚUô´ ¥ôÚU ¹éÜæ SÍæÙ ãôÙæ ÁM¤ÚUè)

- §×æÚÌ ×ð´ ·¤× âð ·¤× Îô ¿õÇ¸è ¥õÚU ÉÜæÙ ØéQ¤ âèçɸØæ´.

- ¥æ» Ü»Ùð ÂÚU ÕÁÙð ßæÜæ ¥Üæ×ü ÁM¤ÚUè.

- ãUæñÁ ÚUèÜ (Ø㠩·¤Ú‡æ ¥æ» ÕéÛææÙð ×ð´ âãæØ·¤ ãôÌæ ãñ).

- ãôÅUÜ ÂçÚUâÚU ×ð´ Øæ ¥æâÂæâ ȤæØÚU ãæ§Çþð´ÅU ÁM¤ÚUè.

- ȤæØÚUÚUôÏè Ø´˜æô´ ·¤è Áæ´¿ ·¤æ ãôÙæ ¿æçã° Âý×æ‡æ˜æ.

- §×æÚÌ ·ð¤ âæè ·¤×ÚUô´ ×ð´ °ØÚU Âæçâ´» ß ç¹Ç¸·¤è ·¤æ §´ÌÁæ×.

- §×æÚÌæð´ ×ð´ çÎÙ ¥õÚU ÚUæÌ ·Ô¤ âéÚUÿææ »æÇôü¢ ·¤è ×æñÁêλè.

- §×æÚÌ Ì·¤ ȤæØÚU Åð´ÇÚ Âãé´¿Ùð ·¤æ âé»× ×æ»ü ÁM¤ÚUè.

ÙôÅU- ȤæØÚU çßÖæ» ·Ô¤ ×éÌæçÕ·¤

--------------

·¤æ·¤æÎðß ·¤æðç¿¢» ×¢Çè ÂÚ °·¤ ÙÁÚ

- wz-x® ãUÁæÚ SÅêÇð´Å÷â ÇðÜè ÂÉU¸æ§ü ·¤ÚÙð ¥æÌð ãUñ´ ·¤æ·¤æÎðß ·¤æðç¿¢» ×¢Çè ×ð´.

- v®® âð …ØæÎæ çâÈü¤ ¥æ§ü¥æ§üÅè, ×ðçÇ·¤Ü, Õñ´·¤ ß ¥‹Ø ·¤æòÂÅðçÅß °‚Áæ× ·¤è ÌñØæÚUè ·¤ÚæÙð ßæÜè ·¤æðç¿¢» ãUñ´.

- xz âð …ØæÎæ çÕçËÇ¢»æð´ ×ð´ ·¤æðç¿¢» ⢿æÜ·¤ Õðâ×ð´Å ×𴠏æè ¿ÜæÌð ãUñ´ €ÜæâM¤×. ßãUè´, ·¤§ü §×æÚÌæð´ ×ð´ SÅðàæÙÚUè »æðÎæ× æè ÕÙæ° »° ãUñ´.

ßÁüÙ

×æÙ·¤ ·ð¤ çßÂÚUèÌ ãUé° ·¤æØæðZ ·¤è ÁæÙ·¤æÚUè ÂÚ àæãUÚ ·¤è ·¤§ü §×æÚÌæð´ ·¤æð âèÜ ç·¤Øæ »Øæ ãUñ. âèÜ ÌæðǸ ·¤Ú ÎæðÕæÚæ ¿æðÚUè çÀÂð ·¤æ× ·¤ÚæÙð ßæÜæð´ ·ð¤ çæÜæȤ °È¤¥æ§ü¥æÚ ÎÁü ·¤Úæ§ü Áæ°»è.

- âˆØÂý·¤æàæ çâ¢ãU, ·ð¤Çè° âç¿ß

ßÁüÙ

§×æÚÌæð´ ×ð´ °Ù¥æðâè ·ð¤ çÜ° ¥æòÙÜæ§Ù ¥ŒÜæ§ü ·¤ÚÙð ·¤è âéçߊææ ãUñ. °ŒÜè·ð¤àæÙ ¥æÙð ÂÚ §×æÚÌ ·¤æ ×æñ·¤æ ×é¥æØÙæ ·ð¤ ÕæÎ ãUè ȤæØÚ âðÅè °Ù¥æðâè Âýæðßæ§Ç ·¤ÚæØæ ÁæÌæ ãUñ. ×æÙ·¤ ÂêÚð Ù ãUæðÙð ÂÚ °Ù¥æðâè ÙãUè´ Îè ÁæÌè ãUñ.

- °×Âè çâ¢ãU, âè°È¤¥æð

Posted By: Manoj Khare