नुसरत फतह अली खान सूफी शैली के प्रसिद्ध कव्वाल थे। कव्वालों के घराने में 13 अक्टूबर 1948 को पंजाब के फैसलाबाद में जन्मे नुसरत फतह अली को उनके पिता उस्ताद फतह अली खां साहब जो स्वयं बहुत मशहूर कव्वाल थे कव्‍वाल बनने से रोक कर अपने खानदान की 600 सालों से चली आ रही परम्परा को तोड़ना चाहते थे। इसके बावजूद नुसरत ने उसी रास्‍ते पर चलने का फैसला किया और क्‍या खूब फैसला किया कि आज उनकी कामयाबी का जिक्र पूरी दुनिया में है। बॉलीवुड में भी अपना जलवा दिखा चुके नुसरत की ये हैं टॉप फाइव बॉलीवुड कव्‍वालियां।

 

 

अल्लाह हू अल्लाह हू

अपने चाहने वालों के बीच एनएफएके, खान साहेब और शहंशाह-ए-कव्वाली के नाम से फेमस नुसरत फतेह अली खान की ये सबसे मशहूर कव्वाली है। बस तस्वीरों पर क्लिक करिए और लीजिए इस जादुई आवाज की मस्ती का मजा।

कोई ना जाने

बॉलीवुड में भी अपनी आवाज का जादू बिखेर चुके नुसरत साहब की ये सबसे मशहूर बॉलीवुड कव्वाली है जो उन्होंने फिल्म और प्यार हो गया में गाई थी और इसे बॉबी देयोल और ऐश्वर्या राय पर फिल्माया गया था। इस गाने में खुद नुसरत भी नजर आये थे।

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इस शाने करम का क्या कहना

फिल्म कच्चे धागे में भी नुसरत फतेह अली खान ने अपनी आवाज का जादू बिखेरा था। ये पहली फिल्म थी जिसमें नुसरत और सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर दोनों ने अपनी आवाज दी थी। फिल्म की कव्वाली इस शाने करम का क्या कहना बड़ी फेमस हुई थी। फिल्म में अजय देवगन और सैफ अली खान के साथ मनीषा कोईराला भी थीं। 

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आफरीन आफरीन 

वैसे तो कव्वाली आफरीन आफरीन राहत फतेह अली खान की आवाज में भी खासी फेमस हुई है। खासतौर पर जो वर्जन उन्होंने कोक स्टूडियो के लिए गाया है, लेकिन इसे ओरिजनली नुसरत साहब ने गाया है। 

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ये जो हल्का हलका सुरूर है

नुसरत फतेह अली खान की आवाज का जादू और उनकी कव्वाली गायकी का असली असर उनकी गाई इस कव्वाली में भी दिखता है। हल्का हलका सुरूर माने में उन्हें एक सूफी मिजाज कव्वाल के रूप में सामने लाती है।

  

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Posted By: Molly Seth