मिनिस्टर्स आए प्लेयर्स आए एसोसिएशन के ऑफिशियल्स आए पर वो नहीं आए जिन्हें हम रियल ओलंपियन के नाम से जानते हैैं. ओलंपिक डे के दिन कुछ यही देखने को मिला.पूरी महफिल में सभी ने ओलंपिक डे की चर्चा की लेकिन उनकी चर्चा में झारखंड का ओलंपियन गायब रहा. बिजली बोर्ड के चेयरमैन को झारखंड ओलंपिक एसोसिएशन ने इस दिन के प्रोग्राम में शामिल होने का न्योता दिया पर ओलंपिक में हॉकी टीम के साथ गोल्ड मेडल जीतने वाले झारखंड के ओलंपियन सिल्वानुस डुंगडुंग को भूल गए.


नहीं बुलाए गए ओलंपियनझारखंड ओलंपिक एसोसिएशन ने सैटरडे को ओलंपिक डे पर सम्मान समारोह आयोजित किया था। इसमें झारखंड के महापुरुषों के नाम पर खिलाडिय़ों को सम्मानित किया गया, जिसमें हॉकी की अंसुता लकड़ा को पीटर थंगराज अवार्ड से सम्मानित किया गया। लेकिन, झारखंड के इकलौते ऐसे ओलंपियन, जिन्होंने टीम के साथ गोल्ड मेडल जीता था, उन्हें भुला दिया गया। वहीं एक और ओलंपियन मनोहर टोपनो को भी जेओए ने याद नहीं किया। सभी प्लेयर्स, उनके घरवालों और ऑफिशियल्स को समारोह में आने का न्योता दिया गया, लेकिन जेओए के ऑफिशियल्स झारखंड की हॉकी की दोनों महान शख्सियतों कोभूल गए.  किसी ने अपने भाषण में उनकी चर्चा तक नहीं की।

सावित्री को भी नहीं रहा याद


ओलंपिक डे सेलिब्रेट करने के लिए झारखंड ओलंपिक एसोसिएशन ने सुबह से ही प्रोग्राम का आयोजन किया था। इसके लिए रन फॉर झारखंड में प्लेयर्स के साथ जेओए के मेंबर्स ने भी दौड़ लगाई। इस दौड़ में भी झारखंड के दो ओलंपियन कहीं नहीं दिखे। प्रोग्राम में हॉकी झारखंड की सेक्रेटरी सावित्री पूर्ति भी मौजूद थीं, लेकिन उन्हें भी याद नहीं आया कि कम से कम उस महान शख्स को बुला लें, जिसने 1980 मास्को ओलंपिक में अपना जलवा दिखाया था।नहीं मिला इंविटेशन : सिल्वानुस डुंगडुंग

ओलंपियन सिल्वानुस डुंगडुंग से बात की गई, तो उनका कहना था कि उन्हें कोई इंविटेशन नहीं मिला है.ओलंपिक डे के एक दिन पहले तक लगा था कि उन्हें समारोह के लिए बुलाया जाएगा.लेकिन न तो उन्हें कोई जानकारी दी गई और न ही उन्हें बुलाया गया।

Posted By: Inextlive