अमेरिका के वैज्ञानिकों ने चिकित्सा जगत की एक बहुत बड़ी खोज कर डाली है। उन्होंने एक ऐसा ब्लड टेस्ट खोजा है जो दुनिया में कैंसर के खिलाफ लड़ाई में बहुत बड़ा हथियार साबित होगा।

वैज्ञानिकों ने कहा, मिला कैंसर रिसर्च का Holy Grail

आमतौर पर अलग अलग बीमारियों के लिए डॉक्टर लोगों के कई तरह के ब्लड टेस्ट करवाते हैं ताकि शरीर में छिपी हुई बीमारी का पता लगाया जा सके, लेकिन कई बार ये ब्लड टेस्ट तब जाकर बीमारी का पता बताते हैं, जब तक बीमारी शरीर में अपनी जड़ें जमा चुकी होती है, लेकिन अब अमेरिका में वैज्ञानिकों के एक दल ने ऐसा नया ब्लड टेस्ट खोजा है जो शरीर में होने वाले 10 तरह के कैंसर का पता लगा सकता है। डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक इस ब्लड टेस्ट की एक बड़ी खासियत यह भी है कि शरीर में बीमारी मौजूद होने से सालों पहले ही इस टेस्ट द्वारा कैंसर की संभावनाओं का पता लग सकता है। यह अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण खोज है, तभी तो वैज्ञानिकों ने इस टेस्ट को कैंसर रिसर्च का 'होली ग्रेल' कहा है। बता दें कि Holy Grail से मतलब उस चीज से है, जिसे पाने के लिए सालों से प्रयास किया जा रहा हो।

 

इस ब्लड टेस्ट द्वारा कौन-कौन से कैंसर का पता चल सकेगा

द गार्जियन ने बताया है कि वैज्ञानिकों ने इस टेस्ट को नाम दिया है Liquid Biopsies। इसके द्वारा शरीर के अलग-अलग अंगों में कैंसर रोग के पनपने की संभावनाओं को बहुत पहले ही जाना जा सकता है। इसका फायदा यह होगा कि व्यक्ति पहले से ही प्रिकॉशन या ट्रीटमेंट लेकर भविष्य में होने वाले कैंसर को पहले ही खत्म कर सकेगा। इस टेस्ट द्वारा गर्भाशय, लीवर, गॉलब्लैडर, फेफड़ा, गला, सिर, पैंक्रियास और स्तन कैंसर समेत कई और तरह के कैंसर्स का पता पहले ही लगाया जा सकेगा।

कैसे काम करता है यह टेस्ट

डेलीमेल की रिपोर्ट बताती है कि इस ब्लड टेस्ट की खोज करने वाले वैज्ञानिकों के दल ने इस शोध के दौरान करीब 1400 लोगों पर अध्ययन किया और Liquid Biopsies टेस्ट ने पहले ही कैंसर का पता लगाने के मामले में 90% तक सही आकलन प्रस्तुत किया। दरअसल यह ब्लड टेस्ट शरीर में कैंसर सेल्स की बढ़ोतरी के कारण खून में मौजूद DNA के टुकड़ों को ट्रेस करता है। यानी कि व्यक्ति के खून में अगर उसके DNA के टुकड़े टुकड़े पाए जा रहे हैं, तो इस बात की संभावना है कि आने वाले समय में उस व्यक्ति को कैंसर हो सकता है। रिसर्च टीम ने बताया कि चार कैंसर फ्री लोगों में इस ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली थी और कुछ महीने बाद ही उनमें से दो महिलाओं के शरीर में कैंसर ने अपनी जगह बना दी थी।

 

कब तक आम लोगों तक पहुंचेगा यह टेस्ट?

यह रिसर्च क्लीवलैंड के एक कैंसर इंस्टिट्यूट में Dr Eric Klein और उनकी टीम ने की है। डॉक्टर ऐरिक का कहना है कि शिकागो में होने वाली अमेरिकन सोसायटी ऑफ क्लीनिकल ऑन्कोलॉजी की सालाना कॉन्फ्रेंस में हम यह रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे और हमें उम्मीद है कि आने वाले 5 या 10 सालों में दुनिया में स्वस्थ लोगों के लिए यह टेस्ट उपलब्ध हो जाएगा।

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Posted By: Chandramohan Mishra