दैनिक जागरण आईनेक्स्ट मिलेनियल्स स्पीक जनरल इलेक्शन 2019 के मंच पर युवाओं ने अपने मुद्दों की बात जोर शोर के साथ रखी जो बुधवार को रैदास मंदिर क्रासिंग स्थित अरविंदो इंग्लिश कोंचिग में हुई

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LUCKNOW: देश में यूथ की संख्या सबसे अधिक है। उनकी सबसे बड़ी चिंता कंप्टीशन का रिजल्ट और जॉब है। ऐसे में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट मिलेनियल्स स्पीक जनरल इलेक्शन 2019 के मंच पर युवाओं ने अपने मुद्दों की बात जोर शोर के साथ रखी, जो बुधवार को रैदास मंदिर क्रासिंग स्थित अरविंदो इंग्लिश कोंचिग में हुई, जहां यूथ ने बताया कि सरकार वहीं बनेगी जो यूथ की बात सुनेगी।

यूथ की प्रॉब्लम साल्व करें
जैसे ही रेडियो सिटी के आरजे मयंक ने अपने मस्ती भरे अंदाज में अपना परिचय देते हुये सवाल किया कि इलेक्शन में कौन से मुद्दे सबसे ज्यादा कड़क रहेंगे तो सबसे पहले बोलते हुये शशिकांत मिश्रा ने बताया कि इसबार के इलेक्शन में राष्ट्रीयता, भ्रष्टाचार और यूथ एजेंडा सबसे बड़ा मुद्दा बनेगा। राष्ट्रीयता को लेकर कोई पार्टी बात नहीं कर रही। भ्रष्टाचार विभागों में बहुत बढ़ गया है। इसपर कोई लगाम नहीं लग पा रही है। वहीं यूथ सबसे ज्यादा परेशान हैं। आज कोई भी एग्जाम होता है या तो उसका पेपर लीक हो जाता है या फिर यह मामला कोर्ट में चला जाता है। इसपर आरजे मयंक ने इसका हल क्या है पर सवाल पूछा तो वह बताते हैं कि सरकार यह निश्चित करे की पेपर लीक न हो और रिजल्ट आये तो मामला कोर्ट तक न पहुंचे। उनकी बात का समर्थन करते हुए मोहित वर्मा बात को आगे बढ़ाते हुये बोलते हैं कि यूथ के सामने सबसे बड़ा मुद्दा यहीं है कि पेपर लीक हो जाता है। इससे हमारा पैसा और टाइम दोनों खराब होते हैं। कोई भी सरकार इसको गंभीरता से नहीं लेती है इसलिए बेरोजगारी भी ज्यादा है। गुस्से भरे लहजे में कहते है कि सरकार को चाहिए कि वह कोई भी पेपर कराएं तो उसका रिजल्ट भी निकाले। जॉब मिलेगी नहीं तो यूथ जायेगा कहां? इसलिए मेरा वोट उसी को जो हमारी प्रॉब्लम सॉल्व करेगा।

वैकेंसी निकालें तो जॉब भी दें
मिलेनियल्स स्पीक के मंच पर जॉब की बात उठी तो निधि श्रीवास्तव और अर्चना तिवारी दोनों का यही मानना था कि सरकार को ज्यादा से ज्यादा वैकेंसी निकालनी चाहिए और यूथ को ज्यादा जॉब के आप्शन देने चाहिए। निधि आगे बताती हैं कि सरकार का तो काम होता है यूथ को जॉब प्रोवाइड कराना। वहीं अर्चना भी कहती हैं कि सरकार जो भी वैकेंसी निकाले उसमें देरी न हो। उनकी बात को काटते हुए रितु अवस्थी कहती हैं कि जबतक एजुकेशन सिस्टम में बदलाव नहीं होगा बात नहीं बनेगी। वैकेंसी निकालने में भी सुधार लाना होगा क्योंकि यूथ काम नहीं करेगा तो देश का विकास कैसे होगा।

बेरोजगारी और एजुकेशन पर दें ध्यान
गर्मागर्म बहस के बीच विजय गुप्ता अपनी बात रखते हुये बताते हैं कि देश में बेरोजगारी काफी बढ़ गई है। सरकार को यूथ पर ध्यान देना चाहिए। पहले तो कोई वैकेंसी नहीं होती है। और जब होती है तो पेपर लीक। इसपर रोक लगाने के लिए जो सही रणनीति बनायेगा मेरा वोट उसी को जायेगा। अभी बात चल ही रही थी कि बीच में ही दीपक कुमार बोल उठे कि इसके लिए एजुकेशन सिस्टम में भी तो सुधार लाना होगा। बचपन से ही क्यों नहीं अच्छी एजुकेशन दी जाती है। सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या कम है। सरकार पालिसी लाए ताकि इन स्कूलों की क्वालिटी में सुधार हो। गांव का ज्यादा से ज्यादा बच्चा इन स्कूलों से पढ़ लिखकर निकले। इसपर आरजे भी अपील करते हैं कि सरकारी स्कूलों की क्वालिटी में सही में सुधार आना चाहिए। तभी राजेंद्र यादव गुस्से में बोल उठते हैं कि जब देखो पेपर लीक होने की खबर आ जाती है। सरकार क्यों नहीं इनको पकड़ती है। हमारी सारी मेहनत बेकार हो जाती है। एक तो आप लखनऊ में तैयारी करो और आपका सेंटर रायबरेली या किसी दूसरे शहर में भेज देते हैं। आप वहां किसी तरह पहुंचते हैं और रिजल्ट क्या आता पेपर लीक या मामला कोर्ट में चला गया। हम यूथ आखिर जाएं तो जाएं कहां?

भ्रष्टाचार पर सरकार दे ध्यान
मिलेनियल्स स्पीक के मंच पर यूथ के लिए पेपर लीक और जॉब की कमी सबसे गर्म मुद्दा बना रहा क्योंकि चंदेल नारायण की मानें तो सरकार बातें तो करती है, लेकिन प्राइमरी स्कूलों के एजुकेशन सिस्टम पर कोई ध्यान नहीं देती है। नेताओं की कमाई पर सवाल दागते हुये पूछते हैं कि आखिर उनके पास अचानक से इतना पैसा आ कहां से जाता है। सैलरी कम, लेकिन गाड़ी लाखों की रहती है। इसपर क्यों नहीं कोई बात होती है। चंदेल की बातों को काटते हुये शैलेंद्र पासवान बोल उठते हैं कि देश में भ्रष्टाचार भी बढ़ गया है। सरकार हम यूथ की बात ध्यान से सुने। किसी की आवाज दबाये नहीं। मेरा वोट उसी को जायेगा जो हमारी समस्या को हल करेगा।

 

 


कश्मीर का हल निकालें

बात आतंकवाद की चली तो लोगों में पुलवामा की घटना को लेकर काफी गुस्सा नजर आया। तभी बेबाकी से अपनी बात रखते हुए सविता पाटिल बोलती हैं कि कश्मीर से धारा 370 को हटाने का समय आ गया है। हमारे जवान शहीद हो रहे हैं। बाहर से ज्यादा हमारे यहां के लोग विश्वासघात कर रहे हैं। सरकार को इसपर ध्यान देना चाहिए। इनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। वहां ऐसी व्यवस्था हो कि दूसरे प्रदेश के लोग भी वहां जमीन लेकर घर बना सकें। हम पाकिस्तान के मुकाबले अपनों की वजह से ज्यादा हार रहे हैं इसलिए इसबार जिसकी भी सरकार बने उसे धारा 370 हटाने पर काम करना चाहिए। आखिर कबतक हमारे जवान शहीद होते रहेंगे? सविता की बातें सुनकर आरजे भी बताते हैं कि वहां इंवेस्टमेंट होगा तो डेवलपमेंट भी होगा, जिससे वहां आतंकवाद कम होगा।

 

गांव में सुविधा मिले
मिलेनियल्स स्पीक के मंच पर मुद्दों पर बहस अपने आखिरी दौर में पहुंच चुकी थी। जहां अजीत कुमार ने लोगों का ध्यान गांव में सुविधा बढ़ाने की ओर खींचा। गंभीर होकर बताने लगे कि गांव में आवारा पशु किसानों की खड़ी फसल खराब कर देते हैं, जिससे उनको काफी नुकसान उठाना पड़ता है। वहीं सभी पार्टी के नेता बोलते हैं कि यूथ हमारे लिए सबसे अहम हैं, लेकिन रोजगार तो कोई नहीं दे पा रहा है। आखिरी में बोलते हुए रूबी तिवारी कहती हैं कि सभी ने जो बात कही वो एकदम सही है। सेलेक्शन प्रोसेस को सही करना होगा। वैकेंसी में सुधार के साथ करप्शन को कम करना होगा। इसके लिए बेहतर प्लानिंग और उसका प्रॉपर इंप्लीमेंट करना होगा। नहीं तो बातें तो होती ही रहती हैं इसलिए यूथ भी सोच समझकर ही वोट करे।


मेरी बात

सुरेंद्र प्रताप सिंह अपनी बात रखते हुये कई मुद्दों को इलेक्शन में जरूरी बताते हैं। एजुकेशन, बेरोजगारी और किसानों की समस्या सबसे बड़ा मुद्दा है। किसानों की प्रॉब्लम पर कोई ध्यान नहीं देता। सरकार उनकी कोई हेल्प नहीं करती। इसके साथ डिफेंस सेक्टर पर ध्यान दें। आज चीन सबसे आगे है। वहीं दूसरे देश अपने यहां करप्शन खत्म कर सकते हैं जो हमारे यहां क्यों नहीं? सरकार को इसपर गंभीरता के साथ सोचना ही होगा।

कड़क मुद्दा

मिलेनियल्स स्पीक के मंच पर यूथ के बीच पेपर लीक और कश्मीर मसला सबसे कड़क मुद्दा बना रहा। हर कोई इसी बात से परेशान था कि एक तो मुश्किल से वैकेंसी निकलती है। दूसरा एग्जाम देने जाओ तो बाद में पता चलता है कि पेपर लीक या रिजल्ट का मामला कोर्ट में चला गया। वहीं कश्मीर में जवानों की शहादत का मसला भी छाया रहा, जिसको लेकर सभी का कहना था कि सरकार को इसपर खास रणनीति बनानी ही होगी।

कोट

1. यूथ की प्रॉब्लम को सरकार समझे। एग्जाम का रिजल्ट निकले और मामला कोर्ट में नहीं जाना चाहिए।

-शशिकांत मिश्रा

 

2. बेरोजगारी ज्यादा है। सरकार एग्जाम कराए तो उसे कैंसिल न करे। हम लोगों को प्रॉब्लम हो जाती है।

-मोहित वर्मा

 

3. वैकेंसी ज्यादा निकाले सरकार। जॉब देंगे तभी तो लोग काम करेंगे।

-निधि श्रीवास्तव

 

4. बच्चों को अच्छी जॉब मिले सरकार की यही प्राथमिकता होनी चाहिए। इसमें देरी होने से परेशानी यूथ को ही होती है।

-अर्चना तिवारी

 

5. एजुकेशन सिस्टम और वैकेंसी में सुधार किए बिना कुछ नहीं होगा।

-रितु अवस्थी

 

6. बेरोजगारी ज्यादा है। सरकार युवाओं पर ध्यान दे। हमारी मेहनत बेकार न जाये इसपर काम होना चाहिए।

-विजय कुमार

 

7. एजुकेशन सिस्टम में सुधार करें। बचपन से अच्छी एजुकेशन मिलनी चाहिए। तभी यूथ आगे बढ़ सकेगा।

-दीपक कुमार

 

8. कश्मीर मुद्दा हल होना चाहिए। आखिर कब तक हमारे जवान शहीद होते रहेंगे? सरकार को धारा 370 हटानी चाहिए।

- सविता पाटिल

 

9. सेलेक्शन प्रोसेस पर ध्यान देना चाहिए। इसमें किसी तरह का करप्शन न हो यह देखना सरकार का काम है।

रूबी तिवारी

Posted By: Inextlive