- प्रमोद के परिजनों के महादान से तीन को मिली नई जिंदगी

- ब्रेन डेड होने पर परिजनों ने दी अंग निकालने की सहमति

- दो किडनी एसजीपीजीआई ओर लिवर दिल्ली भेजा गया

LUCKNOW: गोरखपुर के मरीज प्रमोद साहनी (35) के परिजनों के महादान से तीन मरीजों को जिंदगी मिली और दो की जिंदगी में रोशनी भी आई। प्रमोद को गोरखपुर से ब्रेन डेड की हालत में केजीएमयू के टॉमा सेंटर लाया गया था। डॉक्टर्स व काउंसलर्स ने परिजनों को समझाया तो आर्गन डोनेशन के लिए उन्होंने सहमति दे दी।

देर रात तक निकाले गए अंग

केजीएमयू में यूरोलॉजी विभाग के डॉ। मनमीत सिंह ने बताया कि सहजनवां गोरखपुर के मरीज प्रमोद साहनी को सोमवार को लाया गया था। वह पहले से ही ब्रेन डेड थे। उनके परिजनों को इसकी जानकारी दी गई और उन्हें आर्गन डोनेशन के लिए काउंसलिंग की गई तो वह मान गए। जिसके बाद उनके अंगों को निकालने की तैयारी शुरू कर दी गई। जिसके बाद केजीएमयू के शताब्दी हॉस्पिटल में गैस्ट्रोसर्जरी के एचओडी प्रो। अभिजीत चंद्रा ने लिवर निकाला और डॉ। मनमीत सिंह ने किडनी निकाली। दोनों किडनी संजय गांधी पीजीआई भेज दी गई जहां पर बुधवार को दोनों किडनी दो मरीजों को लगाई गई। जबकि मंगलवार को ही लिवर दिल्ली स्थित संस्थान भेज दिया गया था। जबकि कार्निया नेत्र रोग विभाग केजीएमयू को दे दी गई जिनसे दो लोगों की जिंदगी में उजाला आ सकेगा।

उन्होंने बताया कि प्रमोद प्रमोद के परिजनों के मुताबिक प्लंबर का काम करता है और 22 अगस्त को उसके साथियों ने सिर पर बाल्टी मार दी थी। जिसके कारण उसके सिर में गंभीर चोट लगी.उसके गोरखपुर मेडिकल कॉलेज से रेफर किया गया था। पेशेंट के पिता राम नारायन और भाई ने इसके लिए सहमति दी।

खली नेफ्रोलॉजिस्ट की कमी

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में एक बार फिर नेफ्रोलॉजिस्ट की कमी खली। यहां पर नेफ्रोलॉजिस्ट न होने के कारण किडनी ट्रांसप्लांट नहीं किया जा सका। जबकि यहां पर भी दो दर्जन मरीज किडनी के लिए वेटिंग लिस्ट में हैं। यहां पर पहले डॉ। संत कुमार पांडेय एडहाक पर थे लेकिन उन्होंने केजएमयू से रिजाइन कर दिया। जिसके बाद से मात्र नेफ्रोलॉजिस्ट न होने के कारण ट्रांसप्लांट नहीं शुरू हो पा रहा है।

अब तक 11

डॉ मनमीत सिंह ने बताया कि केजीएमयू में पिछले एक साल के दौरान अब तक कुल 11 कैडेवर से अंगों को निकालकर ट्रांसप्लांट किया गया जा चुका है। दो की किडनी केजीएमयू में ही ट्रांसप्लांट की गई और शेष सभी को पीजीआई भेज दिया गया। एक लिवर पीजीआई में ट्रांसप्लांट किया गया जबकि शेष सभी लिवर को दिल्ली के आईएलबीएस, जीबी पंत व आर्मी हॉस्पिटल में मरीजों को ट्रांसप्लांट किया गया।

14 साल के बच्चे को लगाई किडनी

संजय गांधी पीजीआई में दो में से एक किडनी एक 14 साल के बच्चे को ट्रांसप्लांट की गई। रिफ्लक्स नेफ्रोपैथी के कारण बच्चे की दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं। जबकि दूसरी किडनी 55 साल की एक महिला मरीज को लगाई गई। दोनों की हालत ठीक है और सुधार हो रहा है।

Posted By: Inextlive