Meerut: आई नेक्स्ट ने पहले ही बताया था कि आजकल चोर चोरी के वाहनों के लिए पार्किंग का इस्तेमाल कर रहे हैं. हुआ भी वही. नौचंदी पुलिस द्वारा पकड़े गए वाहन चोरों से बरामद चोरी की बाइकें लोकप्रिय और भाग्यश्री अस्तपाल की पार्किंग से मिलीं. चोरी करके अस्पताल की पार्किंग में खड़ी कर देते थे.


तीन चोर
पुलिस ने 23 अक्टूबर को मुखबिर की सूचना पर क्षेत्र में रंगोली मंडप के सामने चेकिंग के दौरान तीन लोगों को बाइक्स के साथ दबोचा। जब इनसे पूछताछ हुई तो इन्होंने ये बाइक्स चोरी की बताईं। फिर तो पुलिस ने इनको आड़े हाथ लिया और कड़ाई से पूछताछ की। इसके बाद इन लोगों ने आठ चोरी की नई बाइक्स और एक कटी हुई बाइक बरामद कराई। पकड़े गए इन शातिर वाहन चोरों में एक फलावदा के दांदुपुर का विकास, दूसरा किनानगर भावनपुर का रोहित और तीसरा ककरौली मुजफ्फरनगर का जसमेंद्र शामिल है.

तिकड़ी हैं ये
पुलिस ने इन बदमाशों की निशानदेही पर चार बाइक्स लोकप्रिय अस्पताल और चार भाग्यश्री अस्पताल से बरामद कीं। जिनमें ग्यारह स्पलेंडर और एक डिस्कवर शामिल हैं। बाइक्स की शिनाख्त की गई तो ये बाइकें मेरठ, मुजफ्फरनगर और दिल्ली से चोरी की हैं। जिनमें आठ बाइक्स के मालिक मिल गए। इनमें तीन बाइक्स मेडिकल एरिया से, तीन नौचंदी और एक सिविल लाइन से चोरी की गई थी। बाकी के मालिकों की खोजबीन की जा रही है। पकड़े गए बदमाशों में विकास ऑटो चालक है और रोहित बाइक मैकेनिक.

ये हैं इनके निशाने पर
पुलिस के अनुसार सभी शातिर किस्म के बदमाश है। जो अस्पताल के सामने से ही बाइक साफ कर देते हैं। मॉल के बाहर खड़ी गाडिय़ों पर हाथ साफ कर जाते हैं। अस्पताल के सामने से इसलिए चोरी करते हैं, क्योंकि मरीज को देखने वाले लोगों का ध्यान ज्यादातर मरीज में होता है। वे काफी देर तक बाइक का ध्यान भी नहीं देते। इतनी देर में ये चोरी की बाइक को उठाकर पार्किंग में ले जाकर खड़ी कर देते हैं। इसके बाद जब मामला शांत हो जाता है तो बाइक को निकालकर काट देते हैं। या फिर इनको सोतीगंज में सप्लाई कर देते हैं.

बहुत दिनों से लगे हैं इस काम में
रोहित पेशे से बाइक मैकेनिक है जो चोरी की बाइक्स का सामान दूसरी बाइक्स में डालकर बेच देता है। जसमेंद्र बाइक चोरी करके इकट्ठा करने में लगा रहता है। ये लोग काफी समय से इन पार्किंग का सहारा लेते आ रहे हैं। पहले भी सुभारती डेंटल कॉलेज से कई चोरी की कारें मिली थीं। रेलवे स्टेशन की पार्किंग और बस स्टेंड की पार्किंग भी चोरी की गाडिय़ों के लिए इस्तेमाल की जाती रही हैं। चोरी करने के बाद ये पार्किंग स्थल सबसे अधिक मुफीद हैं। क्योंकि पुलिस यहां खोजने की हिमाकत कम करती है.

"पकड़े गए तीनों शातिर किस्म के अपराधी हैं। जो अपनी जरुरतों को पूरा करने के लिए वाहन चोरी करते हैं। ये अस्पतालों की पार्किंग को चोरी के वाहनों के लिए इस्तेमाल करते हैं। लोकप्रिय और भाग्य श्री अस्पताल से बाइक बरामद की गई हैं."
- ओंकार सिंह, एसएसपी मेरठ

Posted By: Inextlive