Meerut : बर्फीली पहाडिय़ों से चलकर जब यह मेरठ की सरजमीं पर कदम रखते हैं तो मानो साथ में ठंड भी दस्तक देती है. भारत में रिफ्यूजी के रूप में रहने वाले इन तिब्बत वासियों को भारत से तो बड़ा सहारा मिला ही है. साथ ही सिटी में लगने वाले तिब्बती मार्केट से लोगों को कम कीमत में अच्छी वैरायटी के कपड़े भी मिल रहे हैं.


पालते हैं भेड़   बात 1959 की है, जब चीन ने तिब्बत पर आक्रमण कर दिया था। उस समय तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा सहित दर्जनों परिवारों को भारत के पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू ने हिमाचल की धर्मशाला में शरण दी थी। शुरू के टाइम में तिब्बत वासियों का भेड़ पालन और ऊन बनाने का कारोबार हुआ करता था। ये लोग 18वीं शताब्दी से भारत में ऊन का व्यवसाय किया करते थे। 14 तिब्बती परिवार मेरठ में 14 तिब्बती परिवार हैं, जो ऊन के कारोबार से अपना पालन पोषण कर रहे हैं। इन परिवार में लगभग 45 सदस्य हैं। यह मेरठ में जवाहर क्वाटर्स कॉलोनी में तीन माह रहते है उसके बाद फिर अपने शहर हिमाचल लौट जाते हैं।कला में भी हैं निपुण


राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय के अध्यक्ष डॉ। मनोज गौतम ने बताया कि इनकी कला में निपुणता अपने आप में ही बहुत बड़ी खासियत है। यह थांका नामक पेंटिंग बनाने में काफी निपुण हैं। इस पेंटिंग की सबसे बड़ी खासियत है कि यह कपड़े पर केवल नेचुरल कलर्स से ही बनाई जाती है। कहां से लाते हैं ऊन

ऊनी कपड़ों को बनाने के लिए वह कच्चा माल लुधियाना, अमृतसर और विदेश से लाते हैं। उसके बाद अपनी मशीनों और हाथ से ऊनी कपड़े बनाकर सेल करते हैं।क्या है वैरायटी इस मार्केट में मिलने वाले वुलेन कपड़ों की खासियत है कि ब्रांडेड कपड़ों जैसी बेहतर वेरायटी उससे कम कीमत में अवेलेवल है। साथ ही मेल, फीमेल और यूथ के फैशन का भी ध्यान रखा जाता है। इनके पास वुलेन जैकेट, गर्म कोट और गरम शॉल और जर्सी मौजूद हैं।सालों से है कारोबार टे्रसिंग वांगों और तीनोंजो ने बताया कि 40 सालों से मेरठ में अपना ऊनी कपड़ों का कारोबार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह 1959 अपनी पत्नी के साथ भारत आए थे। अपनी बेटी बेटा और बहू और पोते के साथ मेरठ में गर्म कपड़ों के कारोबार पर ही अपना पेट भर रहे हैं। टोलियों में आते हैं करम ने बताया वह 30 सालों से मेरठ में अपने ऊनी कपड़ों का कारोबार करने के लिए हिमाचल से तीन माह के लिए मेरठ में आते हैं। इसके अलावा बाकी समय में वह अपनी टोलियों के साथ भारत के अन्य इलाकों में कारोबार करते हैं।

Posted By: Inextlive