- 760 उबर और ओला की परमिट राजधानी में

- 6500 से अधिक कैब नगर निगम सीमा में

- 40 हजार यात्री रोजाना करते हैं सफर

- सभी गाडि़यों की फिटनेस के दौरान सीसीटीवी, जीपीएस और पैनिक बटन की होगी जांच

- अपर परिवहन आयुक्त को उबर और ओला के लिए नई गाइडलाइन तैयार करने को निर्देश

LUCKNOW :

नियमों को ताक पर रख कर राजधानी की सड़कों पर दौड़ रही उबर और ओला कैब को अब सभी सुरक्षा मानकों को पूरा करना होगा। बिना मानकों को पूरा किए बगैर इन्हें रोड पर चलने की परमीशन नहीं दी जाएगी। परिवहन आयुक्त ने इन वाहनों के लिए नई गाइडलाइन के साथ ही मानकों को पूरा कराने के लिए अपर परिवहन आयुक्त को निर्देश जारी कर दिए हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में छपी खबर 'कैब के भंवर से नहीं उबर पा रहे मुसाफिर' को संज्ञान में लेकर परिवहन आयुक्त ने इन वाहनों पर लगाम लगाने के निर्देश दिये हैं।

वसूला जाता है मनमाना किराया

उबर में महिला यात्री के साथ हुई छेड़छाड़ के बाद दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जब उबर और ओला कैब के वाहनों में सुरक्षा नियमों की पड़ताल की तो पड़ताल में सभी कैब संचालक नियमों की धज्जियां उड़ाते मिले। निर्भया कांड के बाद इन कैब में सीसीटीवी, जीपीएस और पैनिक बटन लगाने के निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन कैब संचालकों ने इसका पालन करना मुनासिब नहीं समझा। इतना ही नहीं यात्रियों के लिए डैश बोर्ड पर लगाने वाला रेट चार्ट को भी अनदेखा कर रखा है। ऐसे में उबर और ओला संचालक यात्रियों से मनमाना किराया भी वसूलते हैं। यही नहीं ऑल इंडिया और ऑल यूपी की परमिट लेकर इन वाहनों का संचालन किया जा रहा है। इनके संचालन की किसी तरह की गाइडलाइन नहीं है।

बॉक्स

परमिट का 'खेल' होगा खत्म

इसकी जानकारी होने पर परिवहन आयुक्त पी गुरु प्रसाद ने अपर परिवहन आयुक्त अरविंद पांडेय को इन वाहनों के सत्यापन के निर्देश दिये। परमिट को लेकर नई गाडइलाइन तैयार करने के साथ ही किए जाने के साथ ही उन्होंने कहा कि जो वाहन सुरक्षा मानक नहीं पूरा कर रहे हैं उनका संचालन बंद करा जाएगा। उन्होंने सभी वाहनों में फिटनेस के समय सीसीटीवी, जीपीएस और पैनिक बटन की चेकिंग के आदेश दिये। सीसीटीवी से उबर और ओला कैब में होने वाली घटनाओं की रिकार्डिग रहेगी, वही जीपीएस युक्त कैब में यात्री के पैनिक बटन दबाने पर चंद मिनटों में पुलिस वहां पहुंच सकेगी। उन्होंने कहा कि राजधानी में उबर और ओला का एक प्रतिनिधि भी हो जिससे आवश्यकता पड़ने पर बुलाकर नियम कानून बताए जा सकें।

यह हैं मानक

- उबर और ओला कैब में सीसीटीवी होने चाहिए

- पिछली सीट के पास लगे दोनों दरवाजों पर पैनिक बटन होने चाहिए

- सभी वाहनों में ट्रैकिंग के लिए जीपीएस सिस्टम लगा होना चाहिए

- सभी कैब में अग्निशमन यंत्र और फ‌र्स्ट एड बॉक्स होना चाहिए

- कैब संचालक और वाहन चालक के मध्य कम्यूनिकेशन के लिए मोबाइल रेडियो होना चाहिए

- वाहन की छत पर एलईडी या एलसीडी वाली पट्टियां होनी चाहिए जिस पर कैब संचालन कंपनी का नाम लिखा हो

- यात्रियों की सुविधा के लिए चालक और संचालक का फोटो सहित सम्पूर्ण विवरण मोबाइल नंबर वाहन के डैश बोर्ड पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए

कोट

उबर और ओला कैब संचालकों को सुरक्षा मानकों को पूरा करना होगा। साथ ही इनके संचालन के लिए नई गाइडलाइन तैयार की जा रही है। आरटीओ ऑफिस में भी पत्र भेज कर इन वाहनों की सघन जांच करवाई जाएगी।

- पी गुरु प्रसाद, परिवहन आयुक्त, उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग

Posted By: Inextlive