अमरीका से प्रकाशित होने वाली पत्रिका 'टाइम' के कवर पर प्रकाशित तस्वीर ने दुनिया भर में विवाद खड़ा कर दिया है.

इस तस्वीर में एक तीन बरस के एक तीन बच्चे को अपनी माँ का स्तनपान करते हुए दिखाया गया है। कुछ लोग इस तस्वीर को लेकर आपत्ति जता रहे हैं तो कुछ इसकी तारीफ़ कर रहे हैं। लेकिन इस विवाद से परे तस्वीर खिंचवाने वाली माँ ने पत्रिका को दिए साक्षात्कार में कहा है, "लोगों को समझना होगा कि ये जैविक रुप से सामान्य बात है."

उनका कहना है कि बच्चे को स्तनपान करवाने के मुद्दे पर लोग उनसे बहस करते हैं लेकिन उन्होंने ऐसे अनजान लोगों से इस मुद्दे पर बहस करना छोड़ दिया है जो उन्हें बच्चे की देखभाल करते हुए आपत्ति करते हैं और धमकी देते हैं कि वे समाज कल्याण विभाग में इस बात की शिकायत करेंगे कि वे 'बच्चे का उत्पीड़न' कर रही हैं।

डेलवेयर यूनिवर्सिटी में इस विषय पर शोध कर चुकी डॉ कैथी ने बीबीसी के एक कार्यक्रम में कहा, "मैं समझती हूँ कि ऐसी कोई वजह नहीं है जिससे लोग दो वर्ष से अधिक के बच्चों को स्तनपान न करवाएँ."

अलग-अलग मत

टाइम के कवर पर प्रकाशित तस्वीर 26 वर्ष की लाइन ग्रूमेट की है, जो लॉस एजेलिस में रहती हैं और एक घरेलू महिला हैं। समाचार एजेंसी एपी के अनुसार वे कहती हैं कि उनकी माँ ने तो उनको छह वर्ष का होने तक स्तनपान करवाया था।

कुछ लोगों ने सवाल उठाया है कि बच्चों का इस तरह से लालन पालन तो लगभग एक पीढ़ी से प्रचलन में है ऐसे में पत्रिका ने इस विषय की चर्चा के लिए लाइन ग्रूमेट की तस्वीर को ही क्यों चुना, जो सुनहरे बालों वाली इतनी ख़ूबसूरत महिला हैं, जो चाहें तो मॉडल भी बन सकती हैं।

पत्रिका के इस अंक में 'अटैचमेंट पैरेंटिंग' की चर्चा की गई है। यह बच्चों के लालन पालन की ऐसे तरीकों को बढ़ावा दिया जाता है जिससे बच्चों का अपने माँ-बाप से लगाव बढ़े और इसका असर उसके विकास में दिखता रहे।

पत्रिका ने 'अटैचमेंट पैरेंटिंग' अभियान पर 20 बरस पहले महत्वपूर्ण पुस्तक 'द बेबी बुक' लिखने वाले डॉ बिल सीयर्स का परिचय भी प्रकाशित किया है। माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर टाइम के कवर पर छपी इस तस्वीर ने अश्लील चुटकुलों का दौर शुरु कर दिया है, जबकि कुछ लोगों ने चिंता जताई है कि ये बच्चा जब बड़ा होगा तो लोग उसे चिढ़ाएँगे।

समाचार एजेंसी एपी के अनुसार छह बच्चों की माँ बॉबी मिलर ने फ़ोन पर दिए एक साक्षात्कार में इस तस्वीर का विरोध किया है और कहा है कि ये तो 'दर्शनरति' की हद तक पहुँच गया है। लेकिन स्तनपान को बढ़ावा देने वाली एक संस्था 'बेस्ट फॉर बेब्स' की सहसंस्थापक बेटिना फ़ोर्ब्स का कहना है कि इस तस्वीर से अमरीका में उन विषयों पर चर्चा शुरु होगी जिस पर चर्चा करने से लोग बचते हैं। टाइम पत्रिका के कवर पर प्रकाशित इस तस्वीर ने बच्चों के लालन पालन के परंपरागत तरीकों और अति लगाव वाले तरीकों के बीच मतभेद को उजागर कर दिया है।

Posted By: Inextlive