जरूरत पड़ने पर मरीजों को मिलेगा इलाज

शुरुआती दौर में जिले को मिली हैं तीन यूनिट

PRAYAGRAJ: आपके घर या मोहल्ले के आसपास सरकारी हॉस्पिटल नही है तो चिंता की बात नही है। शासन ने प्रयागराज को तीन मोबाइल हेल्थ टीम प्रोवाइड करा दी हैं। इनको ऐसे इलाकों में तैनात किया गया है जहां सरकारी इलाज की सुविधाएं फिलहाल उपलब्ध नही हो पा रही है। आने वाले समय में अधिक संख्या में मोबाइल हेल्थ टीम उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे आम जनता को निश्चित तौर पर राहत मिलेगी।

मिलेगा इलाज का आप्शन, कम होगा काम बोझ

जिले में ऐसे कई एरिया हैं जहां पर आबादी के मुकाबले डॉक्टर्स उपलब्ध नही हैं। खासकर शहर के कछार और रिमोट एरिया सहित यमुनापार के कई ब्लॉक। यहां पर अर्बन पीएचसी और सीएचसी में महज एक डॉक्टर तैनात है या वह भी नही है। ऐसे में शासन ने मोबाइल हेल्थ टीम प्रोवाइड कराई है। इसमें एक डॉक्टर, वार्ड ब्वाय और फार्मासिस्ट की तैनाती की गई है। यह वैन सूचना मिलने पर संबंधित इलाके में विद इन मिनट्स पहुंचेगी। जिससे जरूरतमंद को तत्काल प्राथमिक इलाज मुहैया कराया जा सके।

ब्लॉक फिर मोहल्ले में होगी तैनाती

प्रथम चरण में मोबाइल हेल्थ टीम की तैनाती ब्लॉक लेवल पर हो रही है। इसके बाद शहर में मोहल्ले-मोहल्ले इन टीमों को तैनात किया जाएगा। जिसको जरूरत होगी वह इनका लाभ ले सकेगा। खासकर जिन इलाकों में संक्रामक बीमारियां तेजी से फैलती हैं वहां पर इस टीम का विशेष महत्व होगा। मरीजों को प्राथमिक इलाज मुहैया कराने के साथ गंभीर मरीजों को हॉस्पिटल रेफर कर दिया जाएगा। फिलहाल शंकरगढ़, मांडा और कोरांव में तीनों टीमों को तैनात किया गया है। जल्द ही तीन अन्य यूनिट भी जिले को मुहैया कराई जा रही हैं।

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कागज में पूरे, असलियत में अधूरे

जानकारी के मुताबिक जिले में सरकारी डॉक्टर्स के सभी पद भरे हैं लेकिन असलियत कुछ और है। तकरीबन 30 से 40 डॉक्टर्स ऐसे हैं जो पीजी कोर्स करने के लिए लंबे अवकाश पर चल रहे हैं। इसके अलावा बहुत सी तैनाती संविदा पर हैं। उधर हॉस्पिटल्स में भी पहले से डॉक्टर्स की जबरदस्त कमी है। ओपीडी में एक डॉक्टर के पास 40 मरीज देखने का मानक है लेकिन वह 150 से 200 मरीज देख रहे हैं।

जिले मे धीरे-धीरे मोबाइल हेल्थ टीमों की संख्या बढ़ रही हैं। जहां जरूरत होगी इनको तैनात किया जाएगा। शहर से लेकर गांव तक हर जगह मरीजों को इलाज की बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी। सबसे अहम की खुद डॉक्टर मरीजों के पास चलकर जाएंगे।

-डॉ। सतेंद्र राय,

एसीएमओ, स्वास्थ्य विभाग

Posted By: Inextlive