Improper hygiene की वजह से menses में होने वाली छोटी-मोटी दिक्कतें भी vaginal infections में बदल जाती हैं. हमने बात की gynecologists से और जाने menses के दौरान होने वाले common infections और साथ उनसे बचने के तरीके.


मेंसेज़ के दौरान तरह-तरह के इंफेक्शंस का खतरा और भी बढ़ जाता है. गाइनकोलॉजिस्ट डॉ. किरन पांडे का कहना है, 'इंफेक्शन सर्विक्स और बाद में यूट्रस तक भी पहुंच सकता है जो इंफर्टिलिटी जैसी प्रॉब्लम भी क्रिएट कर सकता है.' मेंस्ट्रुअल इंफेक्शंस तीन तरह के होते हैं, फंगल, बैक्टीरियल और वाइरल. जानते हैं इनकी वजह और इनसे बचने के तरीके...Fungal infections Reason: Continuous wetness डॉ. किरन कहती हैं, च्कंटीन्युअस वेटनेस की वजह से फंगल इंफेक्शन होने का खतरा होता है. ज्यादा देर तक एक ही नैप्किन यूज करने से ये हो जाता है. प्रेग्नेंसी, अनकंट्रोल्ड डासबिटीज, या ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव्ज ज्यादातर इसकी वजह होते हैं. इस तरह के इंफेक्शन ज्यादातर जेनिटल एरिया यानी बॉडी के बाहर होते हैं. Symptoms


स्वेलिंग, रेडनेस, रैशेस, इचिंग और बर्निंग इसके सिम्पटम्स हैं. पेनफुल यूरिनेशन और थिक व्हाइट डिस्चार्ज के अलावा  फ्रीक्वेंट यूरिनेशन और बर्निंग भी हो सकती है. Precautions

इन प्रॉब्लम्स से बचने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि मेंसेज के दौरान स्किन को ज्यादा से ज्यादा ड्राई रखा जाए. नैप्किन्स को हर छह घंटे में चेंज करें और ज्यादा फ्लो होने पर चार घंटे में चेंज करें. टॉयलेट यूज करने बाद भी प्लेन वॉटर या वेट टिशू से क्लीनिंग करनी चाहिए. एंटी फंगल मेडिसिन्स से इसे ठीक किया जा सकता है पर डॉक्टर के रेकेमेंड करने के बाद. Bacterial infectionsReason: Presence of bloodबैक्टीरिया की वजह से बैक्टीरियल वेजाइनोसिस हो जाता है. डॉ. किरन पांडे कहती हैं, 'म्यूकस बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाता है पर मेंसेज के दौरान म्यूकस डिस्चार्ज कम हो जाता है. ब्लड अपने आप में बैक्टीरिया जनरेट करने वाला एलिमेंट है. कंटीन्यूअस ब्लड फ्लो की वजह से, बैक्टीरिया न सिर्फ जनरेट होते हैं बल्कि ब्रीड करने लगते हैं.' प्रॉपर केयर ना करने पर ये बैक्टीरिया पहले सर्विक्स में और बाद में यूट्रस और फेलोपीन ट्यूब तक पहुंच जाते हैं. इंफेक्शन बढऩे पर इन्फर्टिलिटी का खतरा भी हो सकता है. डॉक्टर्स के मुताबिक पी एच इम्बैलेंस की वजह से ये होता है.Symptoms  ग्रे, यलो, ग्रीन डिस्चार्ज या फिर वेजाइनल एरिया में पेन इसके सिम्पटम्स हैं.Precautionsफ्लो ज्यादा हो या कम, स्पेसिफिक इंटरवल में नैप्किन चेंज करें क्योंकि ये जम्र्स को ब्रीड करने का एक अच्छा मौका देता है. हर थोड़ी देर में वैजाइना की क्लीनिंग करते रहें. इसके लिए पानी यूज करना बेहतर होता है. कभी-कभी वैजाइनल वॉश सॉल्यूशन भी यूज किया जा सकता है पर इसके एक्सेसिव इस्तेमाल से बचें. Viral infections

हर्पीज सिम्प्लेक्स वाइरस इसकी वजह होती है. इसमें जेनिटल एरिया में पेनफुल अल्सर हो जाते हैं. इसमें वुमन को फीवर भी हो सकता है. अल्सर ठीक होने में दो से तीन हफ्ते लग जाते हैं जो मेडिकेश्न से ही ठीक होते हैं. ध्यान न देने पर अल्सर वापस भी आ सकते हैं.You must doट्रैवल के दौरान अपने साथ हर वो समान कैरी करें जो आपको लॉन्ग जर्नी में भी इरिटेशन और इंफेक्शन फ्री रखें. सैनिटरी नैप्किन्स के अलावा एक या दो अंडरगार्मेंट्स, कुछ पेपर टॉवल्स, वेट टिशू पेपर्स सैनिटाइजर और वैजाइनल वॉश सॉल्यूशन जरूर रखें.Story: Kratika Agarwal

Posted By: Surabhi Yadav