Jamshedpur : हे लक्खी लक्ष्मी मां हमें खुश शांति और सौहार्द से परिपूर्ण करो. समाज का कल्याण करो सबका कष्ट हरो. इन्हीं कामनाओं के साथ सिटी में बंगाली कम्यूनिटी के लोग लक्खी पूजा की तैयरियों में जुट गए हैं. शरद पूर्णिमा के दिन फ्राइडे को मां लक्खी की पूजा है.

मार्केट में चमक
लक्खी पूजा को लेकर इन दिनों मार्केट में खासी चमक दिखाई दे रही है। साकची मार्केट में इन दिनों पूजन सामग्री लेने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। पूजा के लिए आवश्यक सामग्री नारियल लड्डू, चूड़ा, चुनरी और श्रंगार का सामान बेचने के लिए सिटी के शॉपकीपर्स के अलावा कोलकाता के कुछ बिजनेसमैन आए हैं।


जमकर बिक रहीं मूर्तियां
लक्खी पूजा में मां लक्खी की मूर्तियों की बिक्री बढ़ गयी है। साकची और बिष्टुपुर मार्केट में लोकल मूर्तिकारों के अलावा बाहर से आए मूर्तिकार भी मां लक्खी की मूर्तियों की बिक्री कर रहे हैं। मूर्तियों के दाम 80 रुपए से लेकर 450 रुपए तक हैं। कोलकाता से आए मूर्तिकार शंकर पाल ने बताया कि इस साल लक्खी पूजा में मूर्तियों का मार्केट अच्छा है।

श्रद्धा के अनुसार चढाएं भोग
साकची काली माता मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित प्रकाश कुमार ने बताया कि लक्खी पूजा को शरद पूर्णिमा के दिन सेलीब्रेट किया जाता है। इस पूजा के लिए सूर्यास्त से लेकर संध्या काल तक का समय, जिसे प्रदोष काल कहा जाता है सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस पूजा के लिए ब्राह्म्ण को बुलाया जाता है, जो सबसे पहले मां की मूर्ति की प्रतिस्थापना कराता है। इसके बाद मां का पाठ किया जाता है। पूजा में अपनी श्रद्धा के अनुसार भोग चढ़ाया जाता है। भोग के रूप में आठ तरह की दाल, नारियल लड्डू, चूड़ा लड्डू, खिचड़ी, भुजिया, फल आदि चढ़ा सकते हैं। उन्होंने बताया कि पूजा के दिन श्रद्धालु पूरे दिन उपवास रहते हैं।

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Posted By: Inextlive