नंबरगेम

- 1.95 करोड़भवन जीणोद्वार को दिये

- 2.56 करोड़ छात्रावास को

- 83 लाख छोटी जुबिली को

- जुबिली कॉलेज की एल्युमिनाई मीट में डिप्टी सीएम ने साझा की पुरानी यादें

- हमारे समय में जुबिली में पढ़ना पूरे समाज के लिए गर्व की बात था

- आज जुबिली में कोई अपने बच्चे को पढ़ाना नहीं चाहता पूछो तो चेहरा उतर जाता

LUCKNOW : जब भी मैं स्कूल के सामने से गुजरता था तो मुझे खीरे वाला दया राम, मटर सुहाल बेचने वाला गिन्नी और चूरन बेचने वाला छन्नी राम हमेशा याद आते थे। इसके साथ ही स्कूल की जाले लगी बिल्डिंग, टूटा हुआ घंटा, जिसे अशर्फी लाल बजाते थे। यह हमेशा याद आते हैं, जिसे भुलाया नहीं जा सकता है। स्कूल में पहले साल एडमिशन लेने के बाद अच्छे मा‌र्क्स मिलने पर मुझे प्रिंसिपल सर ने एक ज्योमैट्री बॉक्स दिया था। वह आज भी मेरे घर में सुरक्षित रखा हुआ है। ये पुरानी यादें डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा ने बुधवार को राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज में आयोजित पहली एल्युमिनाई मीट में साझा की।

पिताजी मूछों को ताव देते हुए मोहल्ला में घूमते थे

डिप्टी सीएम ने बताया कि इस स्कूल में एडमिशन लेने की प्रेरणा हमे पड़ोसी छाया रमन शुक्ला जी को देखकर मिली। उन्हें जब जुबिली इंटर कॉलेज में एडमिशन मिला था, तब पूरे मोहल्ले में खुशी का माहौल था। इसी के बाद से मैंने तय किया कि मुझे भी जुबिली में ही पढ़ना है। मैंने अपने पड़ोस के एक रिक्शे वाले से स्कूल का फॉर्म मंगवाया। हमारे समय में सरकारी स्कूलों में एडमिशन काफी मुश्किल से होते थे। छठवीं क्लास में राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज में एडमिशन के लिए फार्म भरकर घर पहुंचा तो घर के बाहर दो लोग नगाड़ा बजा रहे थे। पिता जी अपने मूछों पर ताव देते हुए लूना लेकर निकलते थे तो चेहरे पर चमक थी। मोहल्ले वालों ने पूछा कि आज क्या बात है, तो पिता जी ने कहा, मेरे बेटे पप्पू (मेरे घर का नाम) का एडमिशन जुबिली में हो गया।

आज लोगों का चेहरा उतर जाता है

डॉ। शर्मा ने कहा कि अब किसी से यहां एडमिशन के लिए पूछें तो चेहरा उतर जाता है, लेकिन अब राजकीय भी स्कूल पीछे नहीं रहेंगे। डिप्टी सीएम ने कहा कि जुबिली कॉलेज को टॉप कॉलेज बनाना है इसलिए अब यहां वही शिक्षक रहेंगे जिन्हें पढ़ाई की रुचि होगी। किसी की सिफारिश आई तो सोनभद्र की पहाडि़यों पर भेजूंगा।

मैंने क्रिकेट यही पर सीखा

प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि मैंने इसी स्कूल से पढ़ाई की है। यहां पर पहली बार क्रिकेट का बल्ला पकड़ा था। हमारे समय में यहां पर पढ़ाई के साथ-साथ क्रिकेट और फुटबॉल का बहुत क्रेज था। आज यहां आकर ऐसा लग रहा जैसे दोबारा से अपनी शिक्षा शुरू कर रहा हूं।

सरकार की तरफ से कॉलेज को मिला बजट

प्रदेश सरकार ने भवन के जीर्णोद्धार के लिये 1.95 करोड़ रुपये जारी किये हैं। स्कूल में उपलब्ध छात्रावास का जीर्णोद्धार कराकर सुदृढ़ करने के लिये 2.56 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की गयी है। इसी व्यवस्था को ध्यान में रखते हुये बालिकाओं की शिक्षा के लिए राजकीय जुबिली बालिका इंटर कॉलेज छोटी जुबिली की स्थापना के लिए 83 लाख रुपए की धनराशि जारी की गयी है।

छात्रावास में रखें सलेक्टेड बच्चे

डिप्टी सीएम ने कहा कि निजी कॉलेजों को टक्कर देने के लिए स्कूल के छात्रावास में सलेक्टेड बच्चे रखे जाएं। उन्हें विशेष सुविधाएं दी जाए और अलग से पढ़ाई की व्यवस्था की जाए। सरकार का प्रयास है कि राजकीय कॉलेजों को उनका स्टेट्स प्राप्त हो।

Posted By: Inextlive