PATNA: विधानमंडल का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। एक महीने के सत्र में कुल 21 बैठकें प्रस्तावित हैं। लोकसभा चुनाव के चलते पूरा बजट पेश नहीं किया गया था। एक अप्रैल से 31 जुलाई तक के खर्च के लिए लेखानुदान पेश किया गया था। मानसून सत्र में वित्तीय वर्ष की शेष अवधि के लिए प्रस्ताव आएगा। दर्जन भर बड़ी मांग के लिए बहस होनी है। इसके अलावा अल्पसूचित और तारांकित सवाल हैं।

पराजय की पीड़ा में डूबा है विपक्ष

सरकार को घेरने के लिए विपक्ष के पास ढेर सारा मुददा है। लेकिन, संदेह यह है कि विपक्ष कहीं लोकसभा चुनाव की पराजय की पीड़ा में न डूबा रह जाए। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की महीने भर की गुमशुदगी भी विपक्ष की धार को कमजोर करने के लिए काफी है। यह मुख्य विपक्षी दल को बचाव की मुद्रा अपनाने के लिए मजबूर कर सकती है। लोकसभा चुनाव का परिणाम विपक्ष की दूसरी बड़ी पार्टी कांग्रेस की भूमिका को भी प्रभावित करेगा। सबसे बड़ा सवाल है कि क्या विपक्ष एकजुट होकर सरकार की नीतियों की आलोचना कर पाएगा? कांग्रेस ने तय किया है कि वह सरकार पर हमले के साथ अपनी स्वतंत्र पहचान बनाने की कोशिश भी करेगी।

Posted By: Inextlive